भागलपुरः स्मार्ट सिटी होने की वजह से रियल स्टेट का कारोबार जिले में काफी तेजी से बढ़ता हुआ कारोबार है. लेकिन लॉकडाउन होने की वजह से ये कारोबार पूरी तरह से प्रभावित हुआ है. जिसकी वजह से इसके कारोबारी काफी चिंतित नजर आ रहे हैं.
रियल स्टेट कारोबारी आर्थिक तंगी के शिकार
देश में चल रहे लॉकडाउन के कारण रियल स्टेट कारोबारी पूरी तरह से आर्थिक तंगी के शिकार हो गए हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है खरीदारों का नहीं आना और निर्माण कार्य के लिए मजदूरों का नहीं मिलना. रियल एस्टेट कारोबार सरकार को काफी ज्यादा रेवेन्यू देने वाला व्यवसाय है. लेकिन सरकार की तरफ से नई वित्तीय नीतियों में रियल स्टेट कारोबार को बहुत ज्यादा फायदा पहुंचने वाली नीतियां नहीं बनाई गईं. रियल एस्टेट कारोबारी को पहले भी नोटबंदी और रेरा जैसी चीजों में आर्थिक रूप से क्षति पहुंची और अब लॉकडाउन ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया.
काफी तेजी से बढ़ा रियल स्टेट का कारोबार
2015 में भागलपुर को स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल कर लिया गया था. जैसे ही भागलपुर स्मार्ट सिटी की सूची में शुमार हुआ उसके बाद यहां रियल एस्टेट के कारोबार में सबसे ज्यादा तरक्की देखने को मिली. शहर दिन-ब-दिन गगनचुंबी इमारतों से स्मार्ट बनने की कोशिश में लग गया. आज भागलपुर में तकरीबन 500 से ज्यादा निर्मित अपार्टमेंट हैं. जिसमें लोग रह रहे हैं और एक सौ से ज्यादा ऐसे हैं, जो अंडर कंस्ट्रक्शन हैं. फिलहाल अपार्टमेंट का कंस्ट्रक्शन अभी पूरी तरह से अधर में लटका है और कंपनियां ग्राहकों का इंतजार कर रही हैं. लेकिन ग्राहक पहुंच नहीं पा रहे हैं, क्योंकि पूरा देश अभी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है.
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सरकार की मदद से उबर पाएगा कारोबार
रियल एस्टेट कारोबारी प्रदीप शर्मा कहते हैं देश और राज्य में रिवेन्यू देने में रियल एस्टेट कंपनियों की भूमिका काफी अहम होती है. अच्छी खासी धनराशि रियल एस्टेट के कारोबारी से सरकार को मिलती है. इसलिए सरकार को त्वरित लाभ पहुंचाने वाली पॉलिसी बनानी चाहिए. ताकि रियल स्टेट का कारोबार पूरी तरह से पटरी पर लौट सके. प्रदीप शर्मा कहते हैं कि सरकार भी अपनी जगह पर ठीक है. लेकिन सरकारी सिस्टम काफी ज्यादा लंबा समय लेता है जब तक पैसा रियल एस्टेट कारोबारी तक पहुंचेगा तब तक काफी ज्यादा वक्त निकल जाएगा. रियल एस्टेट कारोबारी इतनी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है कि उन्हें तुरंत सहायता की आवश्यकता है.