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Pink Garlic: 9 साल के रिसर्च के बाद गुलाबी लहसुन की नई उन्नत किस्म की खोज, स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद.. जानें खासियत - Sabour Agricultural University

अब पूरा भारत गुलाबी लहसुन की नई किस्म का स्वाद चखेगा. बिहार के सबौर स्थित कृषि विश्वविद्यालय ने 9 साल के अनुसंधान के बाद नई उन्नत किस्म की खोज की है. इस लहसुन को स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जा रहा है. कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और दिल की बीमारी में इसे औषधीय के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

सबौर में गुलाबी लहसुन
सबौर में गुलाबी लहसुन
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Published : May 29, 2023, 11:01 AM IST

Updated : May 29, 2023, 11:37 AM IST

सबौर में गुलाबी लहसुन की खेती

भागलपुर: बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के वैज्ञानिकों ने गुलाबी लहसुन की नई उन्नत किस्म की खोज की है. इस पिंक लहसुन में उत्पादन क्षमता भी अधिक है और औषधीय गुणों से भी यह भरपूर है. इसे लेकर रिसर्च टीम की हेड सह वैज्ञानिक संगीता श्री ने बताया कि नए किस्म के लहसुन पर करीब 9 साल से अनुसंधान चल रहा था. 2023 में हमें बड़ी उपलब्धि हाथ लगी. उसमें हल्के गुलाबी कलर के लहसुन की नई किस्म की खोज हमने और हमारी टीम ने कर ली है.

पढ़ें-ड्रैगन फ्रूट की खेती लाजवाब: गोपाल शरण ने छत से शुरू की खेती, अब कई एकड़ में उग रहा फ्रूट

सल्फर एवं एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा है अधिक: इस नए किस्म की लहसुन में सल्फर और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है. सफेद लहसुन की तुलना में भंडारण क्षमता में भी गुलाबी लहसुन आगे निकल जाती है. यह औषधीय गुणों से भरपूर है. इस में पोटैशियम और न्यूट्रिशन भी अधिक है. उन्होंने बताया कि गुलाबी लहसुन के कवर की मोटाई अधिक है. जिस वजह से गुलाबी लहसुन जल्दी खराब नहीं होता. इस नए किस्म के लहसुन को लेकर हमने बिहार गवर्नमेंट को प्रपोजल भी दिया है. जल्द ही किसानों के बीच यह गुलाबी लहसुन आ जाएगा. किसानों को इसका लाभ मिलेगा.

"गुलाबी लहसुन के कवर की मोटाई अधिक है. जिस वजह से गुलाबी लहसुन जल्दी खराब नहीं होता. इस नए किस्म के लहसुन को लेकर हमने बिहार गवर्नमेंट को प्रपोजल भी दिया है. जल्द ही किसानों के बीच यह गुलाबी लहसुन आ जाएगा. किसानों को इसका लाभ मिलेगा."-संगीता श्री, वैज्ञानिक

क्या है नई किस्म के लहसुन का नाम?: जल्द ही पूरे देश में प्रदर्शनी के लिए इस लहसुन को रखा जाएगा और आम जनता को दिया जाएगा. उसके बाद किसानों को इस नए गुलाबी लहसुन की बीज भी दी जाएगी. बिहार सरकार को इसके विमोचन के लिए प्रस्ताव भी दिया गया है. अन्य लहसुन की तुलना में इस गुलाबी लहसन में अधिक औषधीय गुण है. इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी सामान्य सफेद लहसुन से दोगुनी है. वहीं इस नई किस्म के लहसन का नाम सबौर 1 रखा गया है जो सल्फर और फास्फोरस से भरा है, जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहतर है. रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक रहने के कारण इसके पौधे में भी रोग नहीं लगेगा.

इन रोगों में होता है उपयोग: बता दें कि लहसुन कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, हर्ट जैसी कई तरह की बीमारियों में औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है. नए गुलाबी लहसुन के आने के बाद इसे औषधीय गुण वाले लहसुन को औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जा सकेगा. इस नई किस्म के गुलाबी लहसुन के बाड़े में में बीएयू के वीसी डॉ डीआर सिंह ने बताया कि पिंक लहसुन की नई किस्म से उत्पादन अधिक होगा. टेस्टिंग के बाद इसे किसानों को दिया जाएगा, इससे किसान को बेहतर मुनाफा भी होगा.

"पिंक लहसुन की नई किस्म से उत्पादन अधिक होगा. टेस्टिंग के बाद इसे किसानों को दिया जाएगा, इससे किसान को बेहतर मुनाफा भी होगा. आने वाले समय में आम लोगों के लिए भी उपलब्ध रहेगा."-डॉ डीआर सिंह, वीसी, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर

सबौर में गुलाबी लहसुन की खेती

भागलपुर: बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के वैज्ञानिकों ने गुलाबी लहसुन की नई उन्नत किस्म की खोज की है. इस पिंक लहसुन में उत्पादन क्षमता भी अधिक है और औषधीय गुणों से भी यह भरपूर है. इसे लेकर रिसर्च टीम की हेड सह वैज्ञानिक संगीता श्री ने बताया कि नए किस्म के लहसुन पर करीब 9 साल से अनुसंधान चल रहा था. 2023 में हमें बड़ी उपलब्धि हाथ लगी. उसमें हल्के गुलाबी कलर के लहसुन की नई किस्म की खोज हमने और हमारी टीम ने कर ली है.

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सल्फर एवं एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा है अधिक: इस नए किस्म की लहसुन में सल्फर और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है. सफेद लहसुन की तुलना में भंडारण क्षमता में भी गुलाबी लहसुन आगे निकल जाती है. यह औषधीय गुणों से भरपूर है. इस में पोटैशियम और न्यूट्रिशन भी अधिक है. उन्होंने बताया कि गुलाबी लहसुन के कवर की मोटाई अधिक है. जिस वजह से गुलाबी लहसुन जल्दी खराब नहीं होता. इस नए किस्म के लहसुन को लेकर हमने बिहार गवर्नमेंट को प्रपोजल भी दिया है. जल्द ही किसानों के बीच यह गुलाबी लहसुन आ जाएगा. किसानों को इसका लाभ मिलेगा.

"गुलाबी लहसुन के कवर की मोटाई अधिक है. जिस वजह से गुलाबी लहसुन जल्दी खराब नहीं होता. इस नए किस्म के लहसुन को लेकर हमने बिहार गवर्नमेंट को प्रपोजल भी दिया है. जल्द ही किसानों के बीच यह गुलाबी लहसुन आ जाएगा. किसानों को इसका लाभ मिलेगा."-संगीता श्री, वैज्ञानिक

क्या है नई किस्म के लहसुन का नाम?: जल्द ही पूरे देश में प्रदर्शनी के लिए इस लहसुन को रखा जाएगा और आम जनता को दिया जाएगा. उसके बाद किसानों को इस नए गुलाबी लहसुन की बीज भी दी जाएगी. बिहार सरकार को इसके विमोचन के लिए प्रस्ताव भी दिया गया है. अन्य लहसुन की तुलना में इस गुलाबी लहसन में अधिक औषधीय गुण है. इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी सामान्य सफेद लहसुन से दोगुनी है. वहीं इस नई किस्म के लहसन का नाम सबौर 1 रखा गया है जो सल्फर और फास्फोरस से भरा है, जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहतर है. रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक रहने के कारण इसके पौधे में भी रोग नहीं लगेगा.

इन रोगों में होता है उपयोग: बता दें कि लहसुन कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, हर्ट जैसी कई तरह की बीमारियों में औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है. नए गुलाबी लहसुन के आने के बाद इसे औषधीय गुण वाले लहसुन को औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जा सकेगा. इस नई किस्म के गुलाबी लहसुन के बाड़े में में बीएयू के वीसी डॉ डीआर सिंह ने बताया कि पिंक लहसुन की नई किस्म से उत्पादन अधिक होगा. टेस्टिंग के बाद इसे किसानों को दिया जाएगा, इससे किसान को बेहतर मुनाफा भी होगा.

"पिंक लहसुन की नई किस्म से उत्पादन अधिक होगा. टेस्टिंग के बाद इसे किसानों को दिया जाएगा, इससे किसान को बेहतर मुनाफा भी होगा. आने वाले समय में आम लोगों के लिए भी उपलब्ध रहेगा."-डॉ डीआर सिंह, वीसी, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर

Last Updated : May 29, 2023, 11:37 AM IST
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