भागलपुर: बिहार के भागलपुर में अगलगी की घटना (Fire in Bhagalpur) सामने आई है. जिले के नारायणपुर में आग की चिंगारी ने मंगलवार को वीरबन्ना गांव मैं एक साथ कई घरों को जलाकर राख कर दिया है. खाना बनाने के दौरान एक फूस के घर में आग लग गई जिसने धीरे-धीरे कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया. दो रसोई गैस सिलेंडर भी ब्लास्ट हो गए और एक युवक सहित 5 मवेशी भी की जलकर मौत हो गई. आग इतनी भयावह थी कि किसी ने इसे बुझाने का हिम्मत नहीं की. आग की चपेट में अरविंद यादव का बीस वर्षीय पुत्र गुलशन यादव आ गया और उसकी मौत हो गई. गुलशन की मौत पर पिता अरविंद यादव और माता भीखमा देवी का रो-रो कर बुरा हाल है.
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पांच दिन बाद थी युवक की शादी: बताया जा रहा है कि आने वाले 17 अप्रैल को गुलशन की शादी होने वाली थी उससे पहले ही आग में जलकर उसकी मौत हो गई है. सूचना मिलते ही नारायणपुर बीडीओ हरिमोहन कुमार, सीओ अजय कुमार सरकार, भवानीपुर ओपी अध्यक्ष रमेश कुमार साह दल बल के साथ पहुंच गए. वहीं करीब 1 घंटे के बाद बिहपुर थाना से छोटी फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची जिसे लेकर लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिला. करीब 5 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. आग की भयावहता को देख कर दो महिला भी बेहोश हो गई, पीएचसी नारायणपुर से पहुंची मेडिकल टीम ने उसे ऑक्सीजन देकर होश में लाया और प्राथमिक उपचार किया. आग लगने की सूचना पर पीएचसी नारायणपुर से दो एंबुलेंस और मेडिकल की पूरी टीम गांव में पहुंच गई. फायर ब्रिगेड के जवानों के साथ आग बुझाने में कई समाजसेवी ने भी सहयोग किया.
पीड़ितों के लिए भोजन की जा रही व्यवस्था: ग्रामीण कहते हैं कि पछुआ हवा नहीं रहती और बड़ी फायर ब्रिगेड की गाड़ी समय पर पहुंच जाती तो इतनी बड़ी तबाही नहीं होती. इतने लोगों का नुकसान नहीं होता. फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंचने और हवा थमने के बाद धीरे-धीरे आग ने भी अपनी रफ्तार कम कर ली. शाम को पीएचडी के द्वारा नल से जल की आपूर्ति शुरू करवा दी गई है. अग्नि पीड़ितों के लिए भोजन भी बनाया गया. अजय कुमार सरकार ने बताया कि 57 घर आग में जल गए हैं इसलिए सभी अग्निपीड़ित परिवार को चावल, दाल, सब्जी भोजन दिया गया है. इसके साथ ही रोशनी और पेयजल की व्यवस्था भी की गई है. प्रशासन के आदेश पर समाजसेवी नीरज सिंह द्वारा खाद्य सामग्री चूड़ा, शक्कर और पैक्ड भोजन के साथ लाइट, बिजली, बत्ती और जनरेटर की समुचित व्यवस्था कराई गई.
"पछुआ हवा नहीं रहती और बड़ी फायर ब्रिगेड की गाड़ी समय पर पहुंच जाती तो इतनी बड़ी तबाही नहीं होती. इतने लोगों का नुकसान नहीं होता. फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंचने और हवा थमने के बाद धीरे-धीरे आग ने भी अपनी रफ्तार कम कर ली. शाम को पीएचडी के द्वारा नल से जल की आपूर्ति शुरू करवा दी गई है."- ग्रामीण