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भागलपुरः गंगा के रौद्र रूप से दहशत में लोग, कटाव में विलीन हुए कई घर, गांव पर अस्तित्व का खतरा

घर तोड़कर ईंट निकाल रहे कैलाश मंडल ने बताया कि घर उन्हें इंदिरा आवास में मिला था. जमीन तो कटाव में चली ही जाएगी, कोशिश है कि घर की ईंट, दरवाजा, खिड़की और घरेलू सामानों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दें.

कटाव से दहशत में लोग
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Published : Aug 15, 2019, 1:13 PM IST

भागलपुरः बरसात का मौसम आते ही गंगा के तटवर्ती इलाके के लोगों की मुश्किलें बढ़ जाती है. जिले के कहलगांव अनुमंडल के टपुआ दियारा, तौफिल दियारा और अंठावन दियारा में रह रहे लोग एक बार फिर कटाव का दंश झेल रहे हैं. गौरतलब है कि इन दिनों गंगा में पानी काफी बढ़ गया है, जिससे पिछले 4-5 दिनों से यहां कटाव की स्थिति बनी हुई है. इस कटाव में कई घर गंगा में विलीन हो गए हैं.

भागलपुर
कटाव से दहशत में लोग

दर्जनों घरों पर कटाव का खतरा
कटाव में जिनका घर गंगा में समा गया उनका परिवार जहां-तहां आश्रय लेकर गुजर-बसर कर रहा है. पीड़ित लोगों ने कहा कि वे लोग सुरक्षित स्थान की तलाश कर रहे हैं. प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है. तटवर्ती इलाके में दर्जनों घरों पर अब भी कटाव का खतरा मंडरा रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि मन में हमेशा भय बना रहता है कि उनका घर कभी भी कटाव का शिकार हो सकता है. इस डर से वो रात में सो नहीं पाते हैं.

भागलपुर
अपने घर से ईंट निकालते लोग

सुरक्षित स्थानों की तलाश
घर तोड़कर ईंट निकाल रहे कैलाश मंडल ने बताया कि घर उन्हें इंदिरा आवास में मिला था. जमीन तो कटाव में चली ही जाएगी, कोशिश है कि घर की ईंट, दरवाजा, खिड़की और घरेलू सामानों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दें. तौफिल दियारा की लक्ष्मी देवी ने बताया कि उनका गांव भी कटाव के मुहाने पर है. 20 दिन पहले ही प्रशासन ने बालू की बोरी लाकर रखा है लेकिन उसे अब तक गंगा के किनारे डाला नहीं गया है. कटाव से कभी भी पूरा गांव गंगा की जद में आ सकता है.

पूरी रिपोर्ट

दिया जाएगा मुआवजा
वहीं, अनुमंडल अधिकारी सुजय कुमार सिंह ने कहा कि टपुआ दियारा के इलाके में ज्यादा कटाव हो रहा है. वहां पर एसडीओ और सहायक अभियंता कैंप कर रहे हैं. कटाव में जिसका भी नुकसान हुआ है, उन्हें उचित मुआवजा दिया जाएगा.

भागलपुरः बरसात का मौसम आते ही गंगा के तटवर्ती इलाके के लोगों की मुश्किलें बढ़ जाती है. जिले के कहलगांव अनुमंडल के टपुआ दियारा, तौफिल दियारा और अंठावन दियारा में रह रहे लोग एक बार फिर कटाव का दंश झेल रहे हैं. गौरतलब है कि इन दिनों गंगा में पानी काफी बढ़ गया है, जिससे पिछले 4-5 दिनों से यहां कटाव की स्थिति बनी हुई है. इस कटाव में कई घर गंगा में विलीन हो गए हैं.

भागलपुर
कटाव से दहशत में लोग

दर्जनों घरों पर कटाव का खतरा
कटाव में जिनका घर गंगा में समा गया उनका परिवार जहां-तहां आश्रय लेकर गुजर-बसर कर रहा है. पीड़ित लोगों ने कहा कि वे लोग सुरक्षित स्थान की तलाश कर रहे हैं. प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है. तटवर्ती इलाके में दर्जनों घरों पर अब भी कटाव का खतरा मंडरा रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि मन में हमेशा भय बना रहता है कि उनका घर कभी भी कटाव का शिकार हो सकता है. इस डर से वो रात में सो नहीं पाते हैं.

भागलपुर
अपने घर से ईंट निकालते लोग

सुरक्षित स्थानों की तलाश
घर तोड़कर ईंट निकाल रहे कैलाश मंडल ने बताया कि घर उन्हें इंदिरा आवास में मिला था. जमीन तो कटाव में चली ही जाएगी, कोशिश है कि घर की ईंट, दरवाजा, खिड़की और घरेलू सामानों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दें. तौफिल दियारा की लक्ष्मी देवी ने बताया कि उनका गांव भी कटाव के मुहाने पर है. 20 दिन पहले ही प्रशासन ने बालू की बोरी लाकर रखा है लेकिन उसे अब तक गंगा के किनारे डाला नहीं गया है. कटाव से कभी भी पूरा गांव गंगा की जद में आ सकता है.

पूरी रिपोर्ट

दिया जाएगा मुआवजा
वहीं, अनुमंडल अधिकारी सुजय कुमार सिंह ने कहा कि टपुआ दियारा के इलाके में ज्यादा कटाव हो रहा है. वहां पर एसडीओ और सहायक अभियंता कैंप कर रहे हैं. कटाव में जिसका भी नुकसान हुआ है, उन्हें उचित मुआवजा दिया जाएगा.

Intro:गंगा नदी में कटाव शुरू हो गया है जिससे गंगा के तटवर्ती इलाके के लोग भयभीत हैं और गांव से पलायन कर रहे है । हाल के चार - पांच दिनों में लगातार कटाव होने के कारण भागलपुर जिले के कहलगांव अनुमंडल के टपुआ दियारा में 3 से 4 घर गंगा में समा गए हैं और दर्जनों घर पर कटाव का खतरा मंडरा रहा हैं । गंगा में हो रहे कटाव को प्रशासन ने प्राकृतिक आपदा मान लिया है । कटाव के कारण कहलगांव अनुमंडल के टपुआ दियारा ,तौफिल दियारा और अंठावन दियारा में कई घर गांगा में विलीन हो गए हैं । कटाव होने के कारण हर एक दिन कृषि भूमि सहित घरेलू जमीन गंगा के गर्भ में समा रहे हैं । टपुआ और अंठावन दियारा के लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर शरण ले रहे हैं । वहीं प्रशासन की तरफ से पीड़ित को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की दिशा में कोई प्रबंध नहीं किया गया है । पीड़ित परिवार जहां तहां आश्रय लेकर गुजर-बसर कर रहे हैं ।


Body:कटाव के कारण गांव से अपने घर को तोड़कर ईट और घरेलू सामान को सुरक्षित स्थान पर ले जा रहे कैलाश मंडल ने बताया कि यह घर उनको इंदिरा आवास में मिला था अब उन्हें मिलेगा कि नहीं मिलेगा उन्हें पता नहीं कटा में सारा जमीन तो चला जाएगा जो कुछ बचा सकते हैं वह बचाने का प्रयास कर रहे हैं और अपने साथ ले जा रहे हैं उन्होंने कहा कि प्रशासन के कोई भी अधिकारी उन्हें देखने के लिए नहीं आए हैं ।

तौफिल दियारा की लक्ष्मी देवी ने बताया कि उनका गांव भी कटाव के मुहाने पर खड़ी है ।.20 दिन पहले प्रशासन के लोग आए थे ।.बालू का बोरा लाकर रख दिया है लेकिन उसे गंगा के किनारे नहीं डाला जा रहा है । जबकि कटाव कभी भी शुरू हो सकता है ।.

वही नीलम देवी ने बताया कि प्रशासन के लोग कटाव शुरू होने पर आते हैं उससे पहले देखने तक नहीं आते हैं ।.अभी बालू का बोरा लाकर रख दिया है उन्हें डालना चाहिए लेकिन नहीं डाला जा रहा है ।

तपा दियारा गांव से अपने घर को तोड़कर जा रही पारो देवी ने बताया कि वह ईट और घरेलू सामान को लेकर अपनी बेटी के घर रखने के लिए जा रही है ।.उन्होंने बताया कि कटाव में तो उनका सारा जमीन चला जाएगा लेकिन जो कुछ बचने का है उसे बचाया जा रहा है ।.उन्होंने कहा कि यह सामान यदि बच जाता है तो सरकार मुझे रहने के लिए कहीं जमीन देगा तो हम वहां इस ईटा से घर बना लेंगे और वहां रहेंगे ।

ग्रामीण मुकेश कुमार ने बताया कि यहां गंगा कटाव काफी दिनों से हो रहा था ।.प्रशासन को जब गंगा संघर्ष समिति द्वारा सुझाव दिया गया था उस समय उन्हें ध्यान देना चाहिए था। उस समय इस गांव को बचाया जा सकता था लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया ,अभी खानापूर्ति किया जा रहा है । गांव से लोग पलायन कर रहे हैं ,सुरक्षित स्थान पर जगह ले रहे हैं कोई अपने रिश्तेदार के यहां जाने को मजबूर हैं तो कोई जहां-तहां रह रहे हैं । यह गांव गंगा में विलीन होने जा रहा है ।

ग्रामीण सुनील कुमार ने कहा कि हम लोग रात में जगे रहते हैं । गांव में रहने में डर लगता है ।.हमेशा डर लगा रहता है कि मेरा घर कब कट जाएगा और पूरा बर्बाद हो जाएगा ।.उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन में कई घर कट गए हैं । यहां बिजली की भी कोई व्यवस्था नहीं है रात के अंधेरे में काफी डर लगता है ।


कहलगांव अनुमंडल अधिकारी सुजय कुमार सिंह ने कहा कि टपुआ दियारा में कटाव हो रहा है वहां गंगा नदी में प्रभाव अधिक है ।.उससे हम लोग रोकने में सफल नहीं हो पाएंगे । यह प्राकृतिक आपदा है इसके विरुद्ध बहुत नहीं जाया जा सकता है । फिर भी हम लोग नियंत्रण करने में लगे हुए हैं ।.वहां पर एसडीओ ,सहायक अभियंता इंजीनियर दिन-रात कैंप किए हुए हैं। अब रात में भी वहां काम हो रहा है काफी प्रोडक्शन हुआ भी है लेकिन वह पर्याप्त नहीं है । उन्होंने कहा कि नदी का धार है और बहुत तेज उसका प्रभाव रहता है जो काम करके भी आते हैं वह रातोंरात बह भी जाता है जिस पर हम लोग कुछ भी नहीं कर सकते । हम लोग से जो बन पाता है प्रयास कर रहे हैं ।उसमें लगे हुए हैं ।

अनुमंडल अधिकारी ने पलायन के सवाल पर कहा कि एक दो घर अपने घर को छोड़कर सुरक्षा के लिहाज से जा रहे हैं ।.हम लोग वहां सर्वे कराया है मैपिंग कराया है। नदी के किनारे जिन लोगों का घर है उसका काउंटिंग कराया है नदी से कितनी दूरी पर किन का घर है उनका लिस्ट बना लिया गया है । जहां भी इस तरह की बात होगी जिनका भी घर कटेगा ,जिस तरह घर होगा उनके अनुसार उनका मुआवजा दिया जाएगा ।उसको लेकर अंचला अधिकारी को निर्देशित भी किया गया है ।


Conclusion:visual
byte - कैलाश मंडल ( पीड़ित ग्रामीण )
byte - लक्ष्मी देवी ( पीड़ित )
byte - पारो देवी ( पीड़ित ग्रामीण )
byte - मुकेश कुमार ( पीड़ित ग्रामीण )
byte - सुनील कुमार ( पीड़ित )
byte - सुजय कुमार सिंह ( अनुमंडल अधिकारी कहलगांव )
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