भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से कॉपी बिक्री से संबंधित फाइल गायब है. इसकी जानकारी 11 महीने बाद सिंडिकेट की बैठक में सदस्यों ने दी सिंडिकेट सदस्य द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में दिया. बैठक में सिंडिकेट के सदस्य जब इस मामले को लेकर बैठक में चर्चा की और पूछा कि अब तक कॉपी बिक्री मामले की जांच पूरी क्यों नहीं हुई. तो इसी बैठक में जानकारी मिली कि इससे जुड़ी फाइल गायब हो गई है. इस पर प्रभारी कुलपति डॉ. संजय चौधरी ने अधिकारियों से कहा कि इससे जुड़े एक फोटो कॉपी है उसी आधार पर आगे की जांच की जाए. वहीं विश्वविद्यालय सूत्रों के मुताबिक एक अधिकारी विश्वविद्यालय में तैनात थे जब तबादला होने के बाद वह फाइल अपने साथ लेकर चले गए.
चल रही थी जांच
बता दें कि पूर्व प्रभारी कुलपति प्रोफेसर अवध किशोर राय के समय पुरानी कॉपियों की बिक्री हुई थी. बिक्री प्रक्रिया पर सीनियर सदस्य डॉ. मृत्युंजय सिंह गंगा ने सवाल उठाए थे. उन्होंने सीनेट की बैठक में प्रक्रिया को गलत बताते हुए जांच की मांग की थी. इसके बाद ही जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया था. जिसकी जांच अब तक लंबित पड़ी है.
जांच को लेकर गंभीर नहीं विश्वविद्यालय
जानकारी के अनुसार फाइल साजिश के तहत गायब की गई है. ताकि इससे संबंधित जांच पूरी न हो सके. कॉपी बिक्री मामले की जांच फरवरी 2020 में शुरू हुई लेकिन, अब तक विश्वविद्यालय जांच को लेकर गंभीर नहीं दिखा. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 11 महीने बाद जांच पूरी नहीं होने के पीछे फाइल गायब होने का तर्क दिया गया. वह भी तब जब सिंडिकेट की बैठक में एक सदस्य ने इस मुद्दे को उठाया.
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विश्वविद्यालय कर्मी की मिलीभगत से गायब है फाइल
विश्वविद्यालय सूत्रों की मानें तो कॉपी बिक्री मामले से जुड़ी फाइल को साजिश के तहत एक कर्मी की मिलीभगत से गायब किया गया है. कॉपी बिक्री प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है, जिसके कारण फाइल को गायब कर दिया गया है. यदि फाइल की पूरी जांच होती तो कई अधिकारियों और कर्मचारी की गर्दन फंस सकती थी. अब कमेटी के सामने इस बात की चुनौती है कि फाइल की फोटो कॉपी के आधार पर सही जांच कैसे होगी? विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले को अब तक दबाकर रखा था. कमेटी की हाल ही में बैठक वित्तीय परामर्श के कक्ष में हुई थी. लेकिन अब फाइल नहीं होने के कारण कोई जांच आगे नहीं बढ़ी.