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सरकारी बस स्टैंड की जमीन पर अतिक्रमण, धड़ल्ले से हो रहे हैं अवैध निर्माण

पथ परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक अशोक कुमार ने बताया कि कब्जाधारियों पर नोटिस देने का अधिकार सीओ का है. यह उनके अधिकार क्षेत्र में है. यह जमीन 20 से 25 साल पहले से ही अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है.

बस स्टैंड
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Published : Dec 29, 2020, 5:59 PM IST

भागलपुरः तिलकामांझी चौक स्थित सरकारी बस स्टैंड की जमीन पर कब्जा कर बड़े-बड़े भवन का निर्माण कर लिया है. सरकारी जमीन से कब्जा हटाने में जिला प्रशासन पूरी तरह से नाकाम नजर आ रही है. बीते कई वर्षों से सरकारी बस स्टैंड से अतिक्रमणकारियों को हटाने के नाम पर केवल आदेश-निर्देश ही जारी हो रहे हैं.

परिवहन निगम द्वारा कई बार जिला प्रशासन को अवैध कब्जा को खाली कराने के लिए पत्र लिखा जा चुका है. बावजूद जिला प्रशासन के द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है. बस स्टैंड के करीब 10 एकड़ की जमीन में 35 डिसमिल पर अतिक्रमण है. अतिक्रमण न केवल कब्जा है बल्कि भू-माफियाओं ने जमीन को बेच भी दी है. जहां पर दो तीन मंजिला इमारत भी बन गई है.

पिछले साल ही हुआ था खुलासा
इसका खुलासा पिछले साल ही हुआ था. जब सरकारी बस स्टैंड की खाली जमीन पर ऑटो पड़ाव बनाने के लिए जिलाधिकारी ने निर्देश दिया था. निर्देश पर जगदीशपुर सीओ ने जमीन की मापी की और मूल नक्शे से जब स्टैंड की जमीन की मापी की गई तो पता चला कि बड़े भूखंड पर अतिक्रमण कर मकान अतिक्रमणकारियों ने बना लिए हैं.

पेश है रिपोर्ट

"अतिक्रमण को हटाने के लिए जिलाधिकारी और सीईओ सहित विभागीय सचिव को कई बार पत्र दिया जा चुका है. 10 एकड़ बस स्टैंड की जमीन पर 39 डिसमिल पर अवैध कब्जा कर बड़े-बड़े भवन का निर्माण कर लिया गया है. सीओ ने यहां की मापी की है. लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं सौंपा है"- अशोक कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक, पथ परिवहन निगम

'अब तक नहीं हटाए गए अतिक्रमणकारी'
अशोक कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी ने सीओ को मापी रिपोर्ट परिवहन निगम को देने को कहा था ताकि निगम अतिक्रमणकारियों पर प्राथमिकी दर्ज कराया जा सके. लेकिन साल दर साल बीतने को है, ना एफआईआर हुई ना ही कोई कार्रवाई. जिला प्रशासन अतिक्रमणकारियों को हटाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहा है.

भागलपुरः तिलकामांझी चौक स्थित सरकारी बस स्टैंड की जमीन पर कब्जा कर बड़े-बड़े भवन का निर्माण कर लिया है. सरकारी जमीन से कब्जा हटाने में जिला प्रशासन पूरी तरह से नाकाम नजर आ रही है. बीते कई वर्षों से सरकारी बस स्टैंड से अतिक्रमणकारियों को हटाने के नाम पर केवल आदेश-निर्देश ही जारी हो रहे हैं.

परिवहन निगम द्वारा कई बार जिला प्रशासन को अवैध कब्जा को खाली कराने के लिए पत्र लिखा जा चुका है. बावजूद जिला प्रशासन के द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है. बस स्टैंड के करीब 10 एकड़ की जमीन में 35 डिसमिल पर अतिक्रमण है. अतिक्रमण न केवल कब्जा है बल्कि भू-माफियाओं ने जमीन को बेच भी दी है. जहां पर दो तीन मंजिला इमारत भी बन गई है.

पिछले साल ही हुआ था खुलासा
इसका खुलासा पिछले साल ही हुआ था. जब सरकारी बस स्टैंड की खाली जमीन पर ऑटो पड़ाव बनाने के लिए जिलाधिकारी ने निर्देश दिया था. निर्देश पर जगदीशपुर सीओ ने जमीन की मापी की और मूल नक्शे से जब स्टैंड की जमीन की मापी की गई तो पता चला कि बड़े भूखंड पर अतिक्रमण कर मकान अतिक्रमणकारियों ने बना लिए हैं.

पेश है रिपोर्ट

"अतिक्रमण को हटाने के लिए जिलाधिकारी और सीईओ सहित विभागीय सचिव को कई बार पत्र दिया जा चुका है. 10 एकड़ बस स्टैंड की जमीन पर 39 डिसमिल पर अवैध कब्जा कर बड़े-बड़े भवन का निर्माण कर लिया गया है. सीओ ने यहां की मापी की है. लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं सौंपा है"- अशोक कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक, पथ परिवहन निगम

'अब तक नहीं हटाए गए अतिक्रमणकारी'
अशोक कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी ने सीओ को मापी रिपोर्ट परिवहन निगम को देने को कहा था ताकि निगम अतिक्रमणकारियों पर प्राथमिकी दर्ज कराया जा सके. लेकिन साल दर साल बीतने को है, ना एफआईआर हुई ना ही कोई कार्रवाई. जिला प्रशासन अतिक्रमणकारियों को हटाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहा है.

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