भागलपुर: कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया था. इसका असर जिला निबंधन और परामर्श केंद्र पर देखने को मिला है. मार्च-अप्रैल, मई-जून और जुलाई महीने में कोई भी स्टूडेंट्स अपना निबंधन कराने नहीं पहुंचा. हालांकि, लॉकडाउन के कारण केंद्र को बंद कर दिया गया था, लेकिन जब से अनलॉक जारी हुआ है तबसे निबंधन कार्यालय खुल रहे हैं. लेकिन आवागमन की सुविधा नहीं होने की वजह से केंद्र पर स्टूडेंट्स नहीं पहुंच रहे हैं.
छात्रों का लिया गया डाटा
भागलपुर जिला निबंधन और परामर्श केंद्र के प्रबंधक की ओर से तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना से भी छात्रों का डाटा लिया गया है. साथ ही उनसे संपर्क किया जा रहा है जिससे कि स्टूडेंट्स को अधिक से अधिक योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके.
जानकारी के अभाव में नहीं हो रहा काम
वहीं, कई स्टूडेंट्स के केंद्र पर पहुंचने के बाद भी जानकारी के अभाव में उनका काम नहीं हो पा रहा है. केंद्र पर निबंधन कराने पहुंची लुबना खातून ने बताया कि वे मुख्यमंत्री की ओर से बेरोजगारी भत्ता का लाभ लेने के लिए अपना निबंधन कराने यहां पहुंची है. उन्होंने कहा कि योजना से लाभ लेकर वो आगे की पढ़ाई करना चाहती है.
नए छात्रों को नहीं मिला योजना का लाभ
भागलपुर जिला निबंधन और परामर्श केंद्र के प्रबंधक सह सहायक प्रबंधक प्रकाश ने बताया कि इस साल अब तक किसी भी नए छात्र को योजना का लाभ नहीं दिया गया है. कोरोना के कारण 2 महीने आवेदन शून्य रहा, वजह है कार्यालय का बंद रहना. उन्होंने कहा कि कार्यालय अनलॉक होने के बाद सुचारू रूप से खोला जा रहा है. अब तक अप्रैल से लेकर सितंबर 20 तक 406 छात्रों ने अपना निबंधन कराया है. जिसमें से बीएसीसी के 186, एसएचए का 150 और केवाईपी के 70 आवेदन हैं.
फोन पर और एसएमएस से जानकारी
प्रबंधक ने कहा कि परिवहन सुविधा बेहतर नहीं है जिस वजह से छात्र केंद्र तक नहीं पहुंच रहे हैं. लेकिन हमारी ओर से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना और तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से छात्रों का डाटा लेकर उन्हें फोन पर और एसएमएस से जानकारी दी जा रही है. केंद्र पर पहुंचने वाले छात्रों का 1 घंटे का काउंसलिंग भी किया जा रहा है.