भागलपुर: जिले में सती बिहुला, बाला लखेंद्र की प्रतिमा, नाग कलश और मंजूषा की प्रतिमा को बड़े ही धूमधाम के साथ विसर्जित किया गया. यह विसर्जन कार्यक्रम बूढ़ानाथ घाट, बरारी सिढी घाट और पुल घाट पर किया गया. इस दौरान लगभग हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहें.
परिवार की सलामती के लिए आशीर्वाद
इस दौरान कोरोना को देखते हुए मंजूषा विसर्जन में श्रद्धालुओं की भीड़ कम देखी गई. वही परंपरागत तरीके से भक्तों के साथ मंजूषा विसर्जन जुलूस गंगा घाट पहुंचा. देवी मनसा के भक्त सड़क पर झूमते और हाथों में थाली लेकर विसर्जन मार्ग की ओर दौड़ लगा रहे थे. देवी की आस्था और भक्ति में लीन भक्त के साथ श्रद्धालुओं की टोली उन्हें संभाल रही थी. वहीं जगह-जगह श्रद्धालु अपने परिवार की सलामती के लिए भक्तों से आशीर्वाद मांग रहे थे. यह सिलसिला गंगा घाट तक चलता रहा. मंजूषा और नाग कलश का विसर्जन करने के बाद भक्त स्नान कर अपने विषहरी मंदिर को लौट गए.
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182 मनसा देवी मंदिरों में बिहुला विषहरी की पूजा-अर्चना
इस वर्ष विसर्जन घाट पर नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई थी. इसके साथ ही कोई आवश्यक दिशा-निर्देश न मिलने के कारण श्रद्धालु पूजा सामग्री और मंजूषा, कलश और प्रतिमा को गंगा में विसर्जन किया. वहीं जिले के 182 मनसा देवी मंदिरों में बिहुला विषहरी की पूजा-अर्चना की गई. इस बार कोरोना के कारण सांकेतिक रूप से वेदी पर छोटी प्रतिमा स्थापित किया गया. मंदिरों में मेले का आयोजन नहीं किया गया.
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