भागलपुर: भागलपुर के तातारपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत काजवलीचक में हुए ब्लास्ट में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है. इस ब्लास्ट से पूरा इलाका थर्रा गया है. विस्फोट इतना जबरदस्त था कि जिस घर में विस्फोट हुआ वह तो जमींदोज हो ही चुका है, साथ ही साथ आस पास के कई घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. जानकारी के मुताबिक दर्जन भर से ज्यादा लोग इस धमाके में घायल हुए हैं. इस हृदय विदारक घटना पर भागलपुर नगर निगम के डिप्टी मेयर राजेश वर्मा (Bhagalpur Deputy Mayor Rajesh Verma ) ने कहा कि, ब्लास्ट का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मलबा उड़कर आधा किलोमीटर दूर जाकर गिरा था.
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हालांकि अभी घटनास्थल पर प्रशासन की ओर से मलबा हटाने का काम जारी है. मलबा हटने के बाद ही मौत का सही आंकड़ा पता चल सकेगा. अभी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कितने लोगों की मौत हुई है. वहीं अबतक 14 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है. बताया जा रहा है कि 11 लोग घायल हैं जिसमें से 2 की स्थिति काफी ज्यादा गंभीर बनी हुई है. जिला प्रशासन की तरफ से मलबा हटाने का कार्य बदस्तूर जारी है.
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जैसे-जैसे मलबा हटाया जा रहा है वैसे वैसे मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. गुरुवार को मृतकों की संख्या 5 थी जो कि अब बढ़कर 14 हो गई है. आसपास के लोगों के मुताबिक 2 से 3 लोग और भी मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं. लगातार रेस्क्यू जारी है. मौके पर जनप्रतिनिधि भी मौजूद हैं भागलपुर नगर निगम के डिप्टी मेयर राजेश वर्मा और पूर्व डिप्टी मेयर प्रीति शेखर भी मौके पर मौजूद थे. दोनों लगातार रात से ही जिला प्रशासन को रेस्क्यू में सहयोग कर रहे हैं.
डिप्टी मेयर ने बताया घटना का आंखों देखा हाल: डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने बताया कि मेरा घर यहां से 1 किलोमीटर की दूरी पर है. बावजूद उसके रात को करीब पौने बारह बजे ऐसा लगा कि मेरे घर के बाहर ही किसी ने बम फेंका हो. आवाज सुनते ही पांच से सात मिनट के अंदर ही हमलोग घटनास्थल पर पहुंच चुके थे. रात को जब हम पहुंचे तो तीन चार डेड बॉडी खुद हमने स्थानीय लोगों के सहयोग से बाहर निकाला. सारे शव क्षत विक्षत अवस्था में थे. मृतकों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल थे. दो से तीन किलोमीटर तक धमाके की आवाज गूंजी थी. आधा किलोमीटर दूर तक घरों के मलबे उड़ कर गिरे हुए थे. तस्वीरें देख कर पता चलता है कि भारी मात्रा में यहां बारूद था. बारूद इतनी भारी मात्रा में यहां रखने का मकसद क्या था? यह चिंता का विषय है. पूरे मामले को प्रशासन को देखना चाहिए. जहां भी इस तरह का अवैध काम चल रहा है, उन्हें चिन्हित कर प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए.
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'बंद हो अवैध बारूद का कारोबार': वहीं पूर्व डिप्टी मेयर प्रीति शेखर ने कहा कि, इतनी बड़ी घटना के पीछे कोई साधारण बात तो नहीं होगी, यह जांच का विषय है. प्रशासन मामले की जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी करे. दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. सबसे बड़ी बात है कि जिस तरह से लोगों की मौत हुई है इससे प्रशासन को सबक लेने की जरूरत है. अवैध तरीके से बारूद का कारोबार कहीं भी होता है तो प्रशासन को उसे अविलंब बंद कराना चाहिए. हमने रात को धमाके की आवाज सुनी. मौके पर पहुंचे तो देखा कि तीन घर धराशायी हो चुके थे. हमने सदर अस्पताल में फोन किया जिसके बाद तीन एंबुलेंस आए. पहले हमने अपनी और थाने की गाड़ी से 3 लोगों को अस्पताल पहुंचाया. जेसीबी बुलवाया और मलबा हटाने का काम शुरू हुआ. पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
बता दें कि, भागलपुर में गुरुवार देर रात हुए भीषण बम धमाके के बाद जमींदोज हुए एक बिल्डिंग के मलबे से अबतक 12 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं. जबकि कई लोग लापता बताये जा रहे हैं. वहीं एक व्यक्ति को गंभीर हालत में पटना रेफर किया गया है. गुरुवार रात हुई घटना के ठीक बाद से मलबा हटाने में तीन पोकलेन मशीन की मदद ली गयी है. अबतक 22 हाइवा और 26 ट्रैक्टर मलबा निकाला जा चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi Express Grief Over Bhagalpur Blast) ने इस घटना को लेकर ट्वीट किया है.
बताया जाता है कि मलबे के अंदर कई लोग दबे मिले. उन्हें निकालकर आनन-फानन में अस्पताल भेजा गया. इनमें कई जीवित थे. प्रशासन की ओर से धमाके की वजह अभी तक नहीं बतायी गयी है. अस्पताल में एक घायल ने बताया कि उसके पड़ोस के घर में बम बनाने का काम होता था. उसी घर में धमाका हुआ. इसकी जद में कई अन्य घर भी आ गये और आस-पास के लोगों को भी क्षति पहुंची है. डीएम का कहना है कि जिस बिल्डिंग में धमाका हुआ, वहां आतिशबाजी का सामान बनता था. पहले भी यहां ऐसी घटना हुई थी पर वो हल्की थी. डीएम ने कहा कि ये जांच का विषय है कि धमाके की असली वजह क्या थी. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि आतिशबाजी का सामान बनाने की आड़ में बम बनाया जाता था.
गुरुवार रात 12.20 बजे से लेकर शुक्रवार तक बचाव कार्य जारी रहा. जानकारी के अनुसार रात में अचानक विस्फोट के बाद महेंद्र मंडल, गणेश मंडल, ओमप्रकाश मंडल व राजू मंडल के चार घर ध्वस्त हो गये. जानकारों के अनुसार इन चारों गोतिया हैं और इनके घर में शीला देवी सहित दो दर्जन से ज्यादा लोग रहते थे. इनके घर के पीछे स्थित छह घर भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये हैं. इनमें यूसुफ, मो खालीद, मो मुअसिर सहित अन्य के घर शामिल हैं.
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