भागलपुर: बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (Bihar State Road Transport Corporation) ने बौद्ध सर्किट (Buddhist Circuit) के लिए विशेष रूप से, पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) के दृष्टिकोण से इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन शुरू किया है. इसके साथ ही पटना से राजगीर, बोधगया, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर और दरभंगा जैसे शहरों के लिये एसी इलेक्ट्रिक बस सेवा (Electric Bus) शुरू हो गई है. इसी तरह की पहल भागलपुर पथ परिवहन निगम ने भी शुरू की है.
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भागलपुर पथ परिवहन निगम को मिलने वाली 25 सीएनजी बस को अंग क्षेत्र के सभी दार्शनिक और धार्मिक स्थलों को जोड़ने के लिए चलाने की योजना है. धार्मिक स्थलों से बस सेवा को जोड़ने से भागलपुर में देश-विदेश से आने वाले दर्शनार्थियों को सहूलियत मिलेगी. दर्शनार्थी और सैलानी दर्शन करने के लिए आसानी से कम किराए में आरामदायक सफर कर अपने दार्शनिक स्थल तक पहुंचेंगे. इससे एक तो यातायात सुगम होगा. दूसरा पर्यावरण को भी नुकसान कम होगा. वहीं तीसरा बस निगम को आर्थिक रूप से लाभ मिलेगा.
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद निगम की ओर से डीजल चालित बसों को पटना में तेजी से सीएनजी में बदला गया है. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद पर्यावरण संरक्षण को लेकर राज्य पथ परिवहन निगम काफी सजग हुई है. यही वजह है कि बिहार सरकार 100 सीएनजी बसों को खरीदेगी. जिसमें से 25 बस भागलपुर को, 20 बस मुजफ्फरपुर को, 20 बस गया और 4 बस पटना-गया को मिलेगी. भागलपुर को मिलने वाली 25 बसों को पथ परिवहन निगम सिटी बस के रूप में अंग क्षेत्र के दार्शनिक और धार्मिक स्थलों तक चलाएगी.
भागलपुर पथ परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक पवन कुमार शांडिल्य ने बताया कि इसके लिये प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय को भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया कि बिहार सरकार सीएनजी बसों की खरीद करने वाली है. एक सौ बसों की खरीदारी होगी. जिसमें से 25 बस भागलपुर पथ परिवहन निगम को मिलेगी. इस बस को अंग क्षेत्र के सभी दार्शनिक और धार्मिक स्थलों के लिए चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी 25 बसों को सिटी बस के रूप में चलाया जाएगा.
बस को अलग-अलग रूटों में धार्मिक स्थलों को जोड़कर चलाया जाएगा. जिससे देश-विदेश से आने वाले सैलानियों और स्थानीय लोग जिन्हें धार्मिक स्थल पर पूजा पाठ या दार्शनिक स्थल पर घूमने का मन है वह कम किराए में सुगम सफर के साथ यात्रा कर सकते हैं. इसके लिए मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया कि पटना में बौद्ध सर्किट से जोड़ने के लिए बसें चलाई जा रही है.
भागलपुर पथ परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि यहां पर भी सुलतानगंज, अजगैबीनाथ, बांका के मंदारहिल पर्वत और बोसी पर्वत, कहलगांव के बटेश्वर स्थान और विक्रमशिला स्थान के अलावा कहलगांव के तीन पहाड़ी सहित अन्य सभी दर्शनीय स्थलों के लिए बसें चलाई जाएगी. उसके लिये प्रस्ताव भेजा जा रहा है. गौरतलब है कि बिहार में धीरे-धीरे सभी जिले में नगर सेवा के रूप में सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन शुरू किया जा रहा है. यह पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से बेहतर पहल है.
बिहार के हर शहर के लिए निगम की ओर से बसों का परिचालन किया जा रहा है. बता दें कि डीजल चालित बस से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा था. बिहार सरकार पर्यावरण के अनुकूल इंधन से चलने वाली बसों को बढ़ा रही है और यात्रियों की सुविधा में विस्तार कर वायु प्रदूषण कम करने की दिशा में प्रयास कर रही है. अब निगम की ओर से लग्जरी वातानुकूलित बसों के परिचालन से लोगों को काफी राहत मिलेगी.
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