भागलपुर: कोरोना के कहर के कारण देश में लॉकडाउन है, लेकिन इसका असर राजस्थान के कोटा में रह रहे बिहार के बच्चों पर भी काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है. यहां रह रहे बच्चों को काफी ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, आपको बता दें कि कोटा में रहने वाले ज्यादातर बच्चे बिहार और उत्तर प्रदेश से ही मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी करने के लिए जाते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने राज्यों के बच्चों को लाने के लिए कई बसों को राजस्थान के कोटा भेजा है. इसके बाद बिहार के बच्चों ने भी बिहार सरकार से बस भेजने की गुहार लगाई है.
योगी सरकार के कोटा बस भेजने पर बिहार से सीएम नीतीश कमार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. एक निजी टीवी चैनल की ओर से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब पूछा गया कि क्या वो भी कोटा बस भेजेंगे. इस पर सीएम नीतीश कुमार ने साफ शब्दों में कहा कि ये लॉकडाउन का माखौल उड़ाने वाला फैसला है. बस भेजने का फैसला पूरी तरह से लॉकडान के सिद्धांतों को धता बताने वाला है. साथ ही सीएम नीतीश ने राजस्थान सरकार से मांग की है कि वो बसों का परमिट वापस लें. कोटा में जो छात्र जहां हैं, उनकी सुरक्षा वहीं की जाए.
सरकार से घर पहुंचाने की मांग
बता दें कि कोटा में रह रहे भागलपुर के बच्चों ने व्हाट्सएप के जरिए कई वीडियो भेजा है और बिहार सरकार से गुहार लगाई है. वे लोग काफी ज्यादा असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इसलिए वे लोग सरकार से घर आने की व्यवस्था की मांग कर रहे हैं, ताकि वो अपने-अपने घरों में परिवार के साथ सुरक्षित रह सकें.
खाने-पीने की भी है समस्या
बच्चों का कहना है कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश सरकार ने कोटा से बच्चों को घर वापस आने के लिए बस भेजने का निर्णय लिया है. उसी प्रकार बिहार सरकार भी राजस्थान सरकार से बात कर उनके लिए घर आने का इंतजाम करे और कुछ गाड़ियां राजस्थान के कोटा भेज दे. छात्रों ने कहा है कि उन्हें वहां काफी डर लग रहा है. शारीरिक और मानसिक रूप से भी वे काफी कमजोर हो रहे हैं. घर परिवार से दूर होने की वजह से काफी ज्यादा घबराहट हो रही है. ऐसी परिस्थिति में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कोटा में रह रहे बिहार के छात्र छात्राओं ने घर आने के लिए इंतजाम करने की गुहार लगाई है.