भागलपुरः बिहार के भागलपुर जिला में कहलगांव के नंदलालपुर गांव निवासी इंदल राय को शक की बिना पर आतंकवादी समझकर अमृतसर जेल में बंद कर दिया गया है. ये जानकारी इंदल राय के किसी सहयोगी द्वारा परिवार वालों को भेजे गए पत्र के जरिए मिली. खत मिलने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई. परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है. हालांकि परिवार वाले इस बात से काफी खुश भी हैं कि उनका बेटा जिंदा और सही सलामत है. इंदल राय की पत्नी और मां ने खत दिखाकर गांव के मुखिया से अपने बेटे की रिहाई के लिए गुहार लगाई है.
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खत से मिली बेटे के कैद होने की खबरः दरअसल कहलगांव अनुमंडल के नंदलालपुर गांव के समीप सदा नौबतपुर बाईसा के इंदल राय पिता स्वर्गीय गुलाब चंद्र राय के यहां स्पीड पोस्ट के जरिए एक खत आया है. जिसमें यह जिक्र किया गया है कि इंदल के घरवाले आप लोग बीजपुर इटहरी स्टेशन से उतर के 12 नंबर वाली बस सेमली नगर चौक उतर कर वहां से 2 किलोमीटर के बाद प्रेम नगर टाउन चौक आ जाएं. वहां आकर मेरे बारे में पता कर लेना है कि अरविंद कुमार चौधरी के यहां जाना है.
कर्नाटक से भटक कर अमृतसर गया जिंदलः खत के माध्यम से अरविंद कुमार ने बताया कि 2017 में अमृतसर जेल में मेरी जान पहचान इंदल राय से हुई और बातचीत हुई. बातचीत में इंदल कुमार ने बताया कि मेरा घर बिहार में है. मैं बिहार से काम करने के लिए कर्नाटक गया था. वहां से भटक कर अमृतसर चला गया. जहां उसे आतंकवादी का शक होने पर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
अरविंद ने चरित्र प्रमाण पत्र लेकर बुलायाः वहीं, इस बारे में अरविंद कुमार चौधरी ने बताया कि मैं और इंदल राय दोनों का मिलन इसी जेल में हुआ. फिर इंदल राय ने अपने घर का पता दिया और घरवालों को पत्राचार के माध्यम से अपने जेल में कैद होने की सूचना देने को कहा. वहीं, इस पत्र में यह भी लिखा गया है कि इंदल को छुड़ाने के लिए आप लोग अपने स्थानीय सांसद, विधायक और एसपी साहब से इसके नाम का अच्छा चरित्र होने का सर्टिफिकेट बनवा लें, वह सभी लेकर दिए गए पते पर आएं तो इंदल राय की रिहाई संभव हो सकती है.
परिवार वालों ने समझ लिया था मृतः वहीं, पत्र मिलने के बाद इंदल राय की पत्नी और मां खत लेकर गांव के मुखिया के पास गई और अपने बेटे की रिहाई के लिए गुहार लगाई. इंदल के मामा ने बताया कि इतने दिन होने के बाद हम लोगों ने काफी खोजने का प्रयास किया, जब नहीं मिला तो हम लोगों ने सोचा कि वह अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन जब यह खत आया तो हौसला बुलंद हुआ. सबसे खुशी की बात यह है कि वह जीवित है, लेकिन वह कैसे वहां गया और कब से उस जेल में है. यह जानकारी मुझे पत्र के माध्यम से प्राप्त हुई है हम सरकार से गुहार लगाते हैं कि मेरा बेटा सकुशल मेरे घर आ जाए.
"हम लोगों ने काफी खोजने का प्रयास किया, जब नहीं मिला तो हम लोगों ने सोचा कि वह अब इस दुनिया में नहीं है. जब यह खत आया तो हौसला मिला और काफी खुशी हुई. इतने दिन बाद उसके जीवित होने की खबर मिली है. वह कैसे वहां गया और कब से जेल में है. यह जानकारी एक पत्र के माध्यम से प्राप्त हुई"- इंदल राय के मामा