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भागलपुर उत्पाद कोर्ट ने शराब तस्करी के दो आरोपियों को सुनाई 10 साल की सजा - Prohibition Law Amendment Bill 2022

भागलपुर उत्पाद कोर्ट 2 में शराब तस्करी मामले में दो आरोपियों को सजा सुनाई. कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोषी मानते हुए 10 साल कैद और दो दो लाख का आर्थिक दंड भी लगाया गया है.

शराब तस्करी के दो आरोपियों को दस साल की सजा
शराब तस्करी के दो आरोपियों को दस साल की सजा
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Published : Aug 27, 2022, 5:45 PM IST

Updated : Aug 27, 2022, 6:42 PM IST

भागलपुर: बिहार के भागलपुर उत्पाद कोर्ट (Bhagalpur Excise Court) 2 ने शराब तस्करी से जुड़े एक मामले की सुनवाई की. मामले में दो लोगों को शराब तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर कोर्ट के सामने पेश किया गया था. कोर्ट ने दोनों को दोषी मानते हुए दस-दस साल की सजा (10 years Imprisonment To Two Liquor Smugglers) सुनाई है. इसके साथ ही दो-दो लाख रुपये आर्थिक दंड के तौर पर भरने का निर्देश दिया गया है. ये मामला नवगछिया से 2021 में शराब तस्करी से जुड़ा हुआ है.

यह भी पढ़ें: वैशाली में शराब तस्करी का अजब तरीका, सुबह पेपर का हॉकर.. शाम को बन जाता है पिज्जा डिलीवरी ब्वॉय

शराब तस्करी करते हुए गए थे आरोपी: उत्पाद कोर्ट-2 के एपीपी भोला कुमार मंडल ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों आरोपियों को नवगछिया से 18 अगस्त 2021 को शराब की तस्करी करते हुए पकड़ा गया था. पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक ट्रक नवगछिया जीरोमाइल से महदतपुर खरीद की ओर जा रहा है. ट्रक पर भारी मात्रा में अवैध शराब है. जिसके बाद पुलिस की टीम ने छापेमारी कर ट्रक को जब्त कर लिया और दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया. ट्रक से करीब 4339 लीटर शराब बरामद किया गया था.

कोर्ट ने सुनाई दस साल की सजा: दोनों आरोपियों की पहचान अश्वनी कुमार पांडे और पिंटू मंडल के रूप में हुई थी. दोनों को भागलपुर उत्पाद कोर्ट 2 के समक्ष पेश किया गया. सबूत और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोषी माना और दस-दस साल जेल की सजा सुनाई. इसके अलावा आरोपियों पर आर्थिक दंड भी लगाया गया है. आरोपियों को दो-दो लाख भरने के निर्देश दिए गए हैं. आर्थिक दंड नहीं देने की सूरत में आरोपियों को 6 महीने अतिरिक्त जेल में बिताना होगा.

बिहार में शराबबंदी कानून : बिहार सरकार ने पांच अप्रैल 2016 से राज्य में शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और खपत पर रोक लगाने और इसका उल्लंघन दंडनीय अपराध बनाने के कानून को लागू (Liquor Ban In Bihar) किया था. इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी होगी और बिहार एक आदर्श राज्य बनेगा. लेकिन आए दिन शराब कानून तोड़ने न केवल बिहार सरकार को झटका लगा है, बल्कि अन्य राज्यों में भी शराबबंदी कानून को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.

यह भी पढ़ें: Explainer: बिहार में शराबबंदी कानून के नाम पर कब तक जारी रहेगा मौत का तांडव?

शराबबंदी कानून में संशोधन: हालांकि, शराबबंदी कानून को लेकर लगातार हो रही फजीहत से बचने के लिए बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक 2022 (Prohibition Law Amendment Bill 2022) को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद कानून संबंधी कई नियम बदल गए. नए कानून के तहत पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर 2 से 5 हजार रुपये के बीच जुर्माना देना होगा. अगर कोई जुर्माना नहीं देता है तो उसे एक महीने की जेल हो सकती है. बता दें कि पहले जुर्माना 50 हजार था.

"यह घटना 18 अगस्त 2021 की है. पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक ट्रक से अवैध शराब की तस्करी किया जा रहा है. पुलिस ने छापेमारी कार्रवाई कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था. ट्रक से करीब 4339 लीटर शराब बरामद किया गया था. इसी मामले में आरोपियों को भागलपुर उत्पाद कोर्ट 2 में ट्रायल चल रहा था. जिस पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दस साल की सजा और 2-2 लाख आर्थिक जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है" -भोला कुमार मंडल, एपीपी, भागलपुर उत्पाद कोर्ट

भागलपुर: बिहार के भागलपुर उत्पाद कोर्ट (Bhagalpur Excise Court) 2 ने शराब तस्करी से जुड़े एक मामले की सुनवाई की. मामले में दो लोगों को शराब तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर कोर्ट के सामने पेश किया गया था. कोर्ट ने दोनों को दोषी मानते हुए दस-दस साल की सजा (10 years Imprisonment To Two Liquor Smugglers) सुनाई है. इसके साथ ही दो-दो लाख रुपये आर्थिक दंड के तौर पर भरने का निर्देश दिया गया है. ये मामला नवगछिया से 2021 में शराब तस्करी से जुड़ा हुआ है.

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शराब तस्करी करते हुए गए थे आरोपी: उत्पाद कोर्ट-2 के एपीपी भोला कुमार मंडल ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों आरोपियों को नवगछिया से 18 अगस्त 2021 को शराब की तस्करी करते हुए पकड़ा गया था. पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक ट्रक नवगछिया जीरोमाइल से महदतपुर खरीद की ओर जा रहा है. ट्रक पर भारी मात्रा में अवैध शराब है. जिसके बाद पुलिस की टीम ने छापेमारी कर ट्रक को जब्त कर लिया और दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया. ट्रक से करीब 4339 लीटर शराब बरामद किया गया था.

कोर्ट ने सुनाई दस साल की सजा: दोनों आरोपियों की पहचान अश्वनी कुमार पांडे और पिंटू मंडल के रूप में हुई थी. दोनों को भागलपुर उत्पाद कोर्ट 2 के समक्ष पेश किया गया. सबूत और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोषी माना और दस-दस साल जेल की सजा सुनाई. इसके अलावा आरोपियों पर आर्थिक दंड भी लगाया गया है. आरोपियों को दो-दो लाख भरने के निर्देश दिए गए हैं. आर्थिक दंड नहीं देने की सूरत में आरोपियों को 6 महीने अतिरिक्त जेल में बिताना होगा.

बिहार में शराबबंदी कानून : बिहार सरकार ने पांच अप्रैल 2016 से राज्य में शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और खपत पर रोक लगाने और इसका उल्लंघन दंडनीय अपराध बनाने के कानून को लागू (Liquor Ban In Bihar) किया था. इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी होगी और बिहार एक आदर्श राज्य बनेगा. लेकिन आए दिन शराब कानून तोड़ने न केवल बिहार सरकार को झटका लगा है, बल्कि अन्य राज्यों में भी शराबबंदी कानून को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.

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शराबबंदी कानून में संशोधन: हालांकि, शराबबंदी कानून को लेकर लगातार हो रही फजीहत से बचने के लिए बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक 2022 (Prohibition Law Amendment Bill 2022) को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद कानून संबंधी कई नियम बदल गए. नए कानून के तहत पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर 2 से 5 हजार रुपये के बीच जुर्माना देना होगा. अगर कोई जुर्माना नहीं देता है तो उसे एक महीने की जेल हो सकती है. बता दें कि पहले जुर्माना 50 हजार था.

"यह घटना 18 अगस्त 2021 की है. पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक ट्रक से अवैध शराब की तस्करी किया जा रहा है. पुलिस ने छापेमारी कार्रवाई कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था. ट्रक से करीब 4339 लीटर शराब बरामद किया गया था. इसी मामले में आरोपियों को भागलपुर उत्पाद कोर्ट 2 में ट्रायल चल रहा था. जिस पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दस साल की सजा और 2-2 लाख आर्थिक जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है" -भोला कुमार मंडल, एपीपी, भागलपुर उत्पाद कोर्ट

Last Updated : Aug 27, 2022, 6:42 PM IST
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