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Bhagalpur Blast: पिता के जूते-चप्पल और चश्मा को सीने से लगाकर फफक पड़ी रजनी, कहा- इन्हें हमेशा अपने पास रखूंगी

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Published : Mar 8, 2022, 10:55 PM IST

Updated : Mar 9, 2022, 6:03 PM IST

रजनी सिंह एक साल के बाद अपने घर भागलपुर के काजवलीचक आई है. पिता ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि बेटा होली में घर आ जाओ. पिता को उसने एक साल से देखा भी नहीं था, इसलिए जल्द ही घर आनेवाली थी. लेकिन उसे क्या पता था, भागलपुर ब्लास्ट में पिता के नहीं रहने के बाद उनके जूते, चप्पल से उसको आशीर्वाद लेना पड़ेगा. चश्मे को गले लगाकर पिता के पास होने का एहसास करना पड़ेगा. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

भागलपुर ब्लास्ट
भागलपुर ब्लास्ट

पटनाः क्या कसूर था पापा का.. साल भर से उनको देखे भी नहीं थे.. पापा ने कहा था कि होली में घर आ जाओ.. कुछ दिन रहकर चली जाना.. अचानक दीदी का फोन आया कि वे इस दुनिया में नहीं रहे.. धमाके की चपेट में वे भी आ गए.. यह कहते हुए रजनी मलबे में कुछ ढूंढने लगती है. रजनी को पिता गणेश सिंह का चप्पल, जूता और चश्मा मिलता है और कहने लगती है हम इन सामानों को अपने पास रखेंगे. कहते ही वह बिलख-बिलख कर रोने लगती है. भागलपुर के काजवालीचक में ब्लास्ट (Bhagalpur Blast) के पांच दिन बाद रजनी अपने घर पहुंची थी. वह दिल्ली में रहकर पढ़ाई भी करती है और जॉब भी करती है.

यह भी पढ़ें- भागलपुर ब्लास्टः ATS की जांच में मिल रहे भारी विस्फोटक बनाने के सबूत, कहीं और तो नहीं जुड़ रहे तार?

पिता के सामान को लगाया गलेः भागलपुर में ब्लास्ट के बाद से ही लोगों के चित्कार उस मुहल्ले में गूंज रहे हैं. मंगलवार को रजनी के आते ही माहौल और गमगीन हो गया. रजनी ने आते ही सबसे पहले उस जगह को देखा, जहां उनके पिता सोए हुए थे. वहां गई जहां कपड़ों के चीथड़े रखे थे. उस पलंग के पास गई जहां उनके पिता सोए थे. थोड़ी देर के बाद पिता का चप्पल और जूता उसे मिलता है. चप्पल जूता देख वह रोने लग जाती है. कहने लगती है मेरे पापा का चप्पल है. जूता भी पापा का है. उन्हें पसंद था यह चप्पल. इतने में उसके साथ खड़ी एक लड़की एक चश्मे का बॉक्स लाती है. जैसे ही रजनी उस बॉक्स को खोलती है. उसके आंखों से धारा की तरह आंसू बहने लगते हैं. चश्मे को सीने से लगाकर भरे हुए मन से सिसकते हुए कह पड़ती है, यह पापा का चश्मा है. हम इन सारे सामान को अपने पास रखेंगे. हमेशा, हमेशा..

घर में मेहमान के कारण उस जगह सोए थे गणेश सिंहः मृतक गणेश सिंह की छोटी बेटी रजनी सिंह ने कहा कि एक दिन पहले ही मेरी बहन घर आयी थी. उसने पापा को कहा था कि यहां मत सोईये. लेकिन दीदी आ गयी थी इसलिए पापा यहां सो गए. दीदी नहीं रहती थी तो पापा यहां नहीं सोते थे. ब्लास्ट के बाद मेरी मौसी और पापा दोनों नहीं रहे. दीदी का दो साल का बेटा भी है. उसे भी वो लानेवाली थी. ना जाने क्यों, उसको नहीं लायी. नहीं तो वो पहले खुद को बचाती कि बेटा को बचाती. मां और दीदी का रो-रोकर हालत बुरा है. हमलोग तो इस घरवाले को जानते तक नहीं थे. अगर पता चलता कि ये लोग ऐसे हैं, तो हमलोग यहां जमीन नहीं लेते.

भागलपुर के पटाखा फैक्ट्री में हुआ था ब्लास्टः भागलपुर ब्लास्ट केस के बारे में आपको बताएं कि बिहार के भागलपुर के अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट (Bhagalpur Blast Case Update) में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है. धमाका इतना जोरदार था कि उसमें चार मकान ढह गए थे. इसके साथ अन्य कई मकानों को काफी नुकसान पहुंचा था. एटीएस की टीम इस मामले की काफी गंभीरता जांच कर रही है. इसके साथ ही जिला पुलिस ने भी एक विशेष टीम का गठन किया है. भीषण विस्फोट मामले में इकलौते जीवित नामजद अभियुक्त मोहम्मद आजाद ने सरेंडर किया (Main Accused Mohammad Azad Surrendered). पुलिस लगातार उसके ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी.

धमाके में अब तक 16 लोगों की मौत: भागलपुर ब्लास्ट केस में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है. इस मामले की काफी गंभीरता जांच की जा रही है. धमाका इतना जोरदार था कि चार मकान ढह गए थे. इसके साथ अन्य कई मकानों को काफी नुकसान पहुंचा था. पुलिस ने घटनास्थल को उसी समय सील कर दिया था. शनिवार को घटनास्थल पर भवन निर्माण विभाग और नगर निगम की टीम भी पहुंची. वहां पर टीम ने क्षतिग्रस्त मकानों के मालिक से बात की और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हिस्से को तोड़कर हटाने की अनुमति मांगी.

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पटनाः क्या कसूर था पापा का.. साल भर से उनको देखे भी नहीं थे.. पापा ने कहा था कि होली में घर आ जाओ.. कुछ दिन रहकर चली जाना.. अचानक दीदी का फोन आया कि वे इस दुनिया में नहीं रहे.. धमाके की चपेट में वे भी आ गए.. यह कहते हुए रजनी मलबे में कुछ ढूंढने लगती है. रजनी को पिता गणेश सिंह का चप्पल, जूता और चश्मा मिलता है और कहने लगती है हम इन सामानों को अपने पास रखेंगे. कहते ही वह बिलख-बिलख कर रोने लगती है. भागलपुर के काजवालीचक में ब्लास्ट (Bhagalpur Blast) के पांच दिन बाद रजनी अपने घर पहुंची थी. वह दिल्ली में रहकर पढ़ाई भी करती है और जॉब भी करती है.

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पिता के सामान को लगाया गलेः भागलपुर में ब्लास्ट के बाद से ही लोगों के चित्कार उस मुहल्ले में गूंज रहे हैं. मंगलवार को रजनी के आते ही माहौल और गमगीन हो गया. रजनी ने आते ही सबसे पहले उस जगह को देखा, जहां उनके पिता सोए हुए थे. वहां गई जहां कपड़ों के चीथड़े रखे थे. उस पलंग के पास गई जहां उनके पिता सोए थे. थोड़ी देर के बाद पिता का चप्पल और जूता उसे मिलता है. चप्पल जूता देख वह रोने लग जाती है. कहने लगती है मेरे पापा का चप्पल है. जूता भी पापा का है. उन्हें पसंद था यह चप्पल. इतने में उसके साथ खड़ी एक लड़की एक चश्मे का बॉक्स लाती है. जैसे ही रजनी उस बॉक्स को खोलती है. उसके आंखों से धारा की तरह आंसू बहने लगते हैं. चश्मे को सीने से लगाकर भरे हुए मन से सिसकते हुए कह पड़ती है, यह पापा का चश्मा है. हम इन सारे सामान को अपने पास रखेंगे. हमेशा, हमेशा..

घर में मेहमान के कारण उस जगह सोए थे गणेश सिंहः मृतक गणेश सिंह की छोटी बेटी रजनी सिंह ने कहा कि एक दिन पहले ही मेरी बहन घर आयी थी. उसने पापा को कहा था कि यहां मत सोईये. लेकिन दीदी आ गयी थी इसलिए पापा यहां सो गए. दीदी नहीं रहती थी तो पापा यहां नहीं सोते थे. ब्लास्ट के बाद मेरी मौसी और पापा दोनों नहीं रहे. दीदी का दो साल का बेटा भी है. उसे भी वो लानेवाली थी. ना जाने क्यों, उसको नहीं लायी. नहीं तो वो पहले खुद को बचाती कि बेटा को बचाती. मां और दीदी का रो-रोकर हालत बुरा है. हमलोग तो इस घरवाले को जानते तक नहीं थे. अगर पता चलता कि ये लोग ऐसे हैं, तो हमलोग यहां जमीन नहीं लेते.

भागलपुर के पटाखा फैक्ट्री में हुआ था ब्लास्टः भागलपुर ब्लास्ट केस के बारे में आपको बताएं कि बिहार के भागलपुर के अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट (Bhagalpur Blast Case Update) में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है. धमाका इतना जोरदार था कि उसमें चार मकान ढह गए थे. इसके साथ अन्य कई मकानों को काफी नुकसान पहुंचा था. एटीएस की टीम इस मामले की काफी गंभीरता जांच कर रही है. इसके साथ ही जिला पुलिस ने भी एक विशेष टीम का गठन किया है. भीषण विस्फोट मामले में इकलौते जीवित नामजद अभियुक्त मोहम्मद आजाद ने सरेंडर किया (Main Accused Mohammad Azad Surrendered). पुलिस लगातार उसके ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी.

धमाके में अब तक 16 लोगों की मौत: भागलपुर ब्लास्ट केस में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है. इस मामले की काफी गंभीरता जांच की जा रही है. धमाका इतना जोरदार था कि चार मकान ढह गए थे. इसके साथ अन्य कई मकानों को काफी नुकसान पहुंचा था. पुलिस ने घटनास्थल को उसी समय सील कर दिया था. शनिवार को घटनास्थल पर भवन निर्माण विभाग और नगर निगम की टीम भी पहुंची. वहां पर टीम ने क्षतिग्रस्त मकानों के मालिक से बात की और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हिस्से को तोड़कर हटाने की अनुमति मांगी.

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Last Updated : Mar 9, 2022, 6:03 PM IST
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