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ये कैसी व्यस्था! मुंबई से आए श्रमिकों को बस चालक ने बीच रास्ते में छोड़ा - पॉलिटेक्निक कॉलेज

भागलपुर में अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है, जहां मुंबई से आये 9 श्रमिकों को रास्ते में उतार दिया गया. वहीं, मजदूरों को खाने का पैकेट भी नहीं दिया गया.

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Published : May 27, 2020, 7:46 PM IST

Updated : May 29, 2020, 10:11 AM IST

भागलपुर: कोरोना वायरस से बचाव के लिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक जुटी हुई है. इसको लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन भागलपुर जिला प्रशासन इन नियमों को ताख पर रखकर चल रहा है.

सड़क पर प्रवासियों को छोड़ा
सड़क पर प्रवासियों को छोड़ा

मुंबई से पहुंची स्पेशल ट्रेन
बता दें कि बिहार सरकार ने देश के 11 शहरों से आने वाले प्रवासियों को क्वॉरेंटाइन करने का निर्देश दिया है. ये 11 शहर वो शहर हैं जहां कोरोना के सबसे अधिक मामले पाए गए हैं, लेकिन भागलपुर जिला प्रशासन इस नियम को फॉलो नहीं कर रहा है. बुधवार को सुबह 10 बजे स्पेशल ट्रेन मुंबई से प्रवासी मजदूर को लेकर नवगछिया स्टेशन पर पहुंची. नवगछिया रेलवे स्टेशन से प्रवासियों जिला प्रशासन द्वारा भागलपुर में बनाए गए मुस्लिम हाई स्कूल के वाहन कोषांग लाया गया. यहां से कुछ प्रवासियों को बरारी के राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के दूसरे वाहन कोषांग में भेज दिया गया.

रास्ते में 9 श्रमिकों को उतारा
श्रमिकों से भरी बस जब यहां से निकली तो रास्ते में ही 9 प्रवासी मजदूर को लोहिया पुल पर उतार दिया, जिसके बाद सभी मजदूर वहां भटकते रहे. ये सभी श्रमिक सनहौला प्रखंड के रहने वाले हैं. लोहिया पुल पर उतरने के बाद सभी श्रमिक भीड़भाड़ वाले इलाके में घूम रहे थे, जबकि इन्हें इनके नजदीकी क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा जाना था.

देखें रिपोर्ट

नहीं मिला खाना
बाहर से आये मोहम्मद असलम ने बताया कि वह लोग मुंबई से 24 तारीख को ट्रेन पर चढ़े थे और बुधवार की सुबह नवगछिया रेलवे स्टेशन पर उतरे. नवगछिया से मुस्लिम हाई स्कूल के वाहन कोषांग ले जाया गया, लेकिन वहां के अधिकारी ने पॉलिटेक्निक कॉलेज भेज दिया. मुस्लिम हाई स्कूल से जब बस हम लोगों को लेकर पॉलिटेक्निक कॉलेज जा रही थी तब ड्राइवर ने हम लोगों को लोहिया पुल पर उतार दिया और बोला जैसे जाना है जाओ. वहीं, श्रमिकों ने बताया कि यहां आने के बाद न ही हमलोगों को खाना का पैकेट मिला और न ही हाथ पर किसी तरह का मुहर लगाया गया है.

बस चालक के ऊपर होगी कार्रवाई
इस मामले में मुस्लिम हाई स्कूल के नोडल अधिकारी मृत्युंजय कुमार ने बताया कि इस तरह की कोई जानकारी नहीं है. हमारे यहां से किसी को भी पैदल या बीच में उतारने के लिए नहीं कहा गया है. यदि इस तरह की कोई बात सामने आएगी तो वैसे में बस ड्राइवर के ऊपर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि यहां से जिले के रहने वाले प्रवासी को पहले पॉलिटेक्निक कॉलेज भेजा जा रहा है, वहां से उनके प्रखंड के लिए जो बस जा रही है उसमें उन्हें बैठाकर वहां भेज दिया जा रहा है.

भागलपुर: कोरोना वायरस से बचाव के लिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक जुटी हुई है. इसको लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन भागलपुर जिला प्रशासन इन नियमों को ताख पर रखकर चल रहा है.

सड़क पर प्रवासियों को छोड़ा
सड़क पर प्रवासियों को छोड़ा

मुंबई से पहुंची स्पेशल ट्रेन
बता दें कि बिहार सरकार ने देश के 11 शहरों से आने वाले प्रवासियों को क्वॉरेंटाइन करने का निर्देश दिया है. ये 11 शहर वो शहर हैं जहां कोरोना के सबसे अधिक मामले पाए गए हैं, लेकिन भागलपुर जिला प्रशासन इस नियम को फॉलो नहीं कर रहा है. बुधवार को सुबह 10 बजे स्पेशल ट्रेन मुंबई से प्रवासी मजदूर को लेकर नवगछिया स्टेशन पर पहुंची. नवगछिया रेलवे स्टेशन से प्रवासियों जिला प्रशासन द्वारा भागलपुर में बनाए गए मुस्लिम हाई स्कूल के वाहन कोषांग लाया गया. यहां से कुछ प्रवासियों को बरारी के राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के दूसरे वाहन कोषांग में भेज दिया गया.

रास्ते में 9 श्रमिकों को उतारा
श्रमिकों से भरी बस जब यहां से निकली तो रास्ते में ही 9 प्रवासी मजदूर को लोहिया पुल पर उतार दिया, जिसके बाद सभी मजदूर वहां भटकते रहे. ये सभी श्रमिक सनहौला प्रखंड के रहने वाले हैं. लोहिया पुल पर उतरने के बाद सभी श्रमिक भीड़भाड़ वाले इलाके में घूम रहे थे, जबकि इन्हें इनके नजदीकी क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा जाना था.

देखें रिपोर्ट

नहीं मिला खाना
बाहर से आये मोहम्मद असलम ने बताया कि वह लोग मुंबई से 24 तारीख को ट्रेन पर चढ़े थे और बुधवार की सुबह नवगछिया रेलवे स्टेशन पर उतरे. नवगछिया से मुस्लिम हाई स्कूल के वाहन कोषांग ले जाया गया, लेकिन वहां के अधिकारी ने पॉलिटेक्निक कॉलेज भेज दिया. मुस्लिम हाई स्कूल से जब बस हम लोगों को लेकर पॉलिटेक्निक कॉलेज जा रही थी तब ड्राइवर ने हम लोगों को लोहिया पुल पर उतार दिया और बोला जैसे जाना है जाओ. वहीं, श्रमिकों ने बताया कि यहां आने के बाद न ही हमलोगों को खाना का पैकेट मिला और न ही हाथ पर किसी तरह का मुहर लगाया गया है.

बस चालक के ऊपर होगी कार्रवाई
इस मामले में मुस्लिम हाई स्कूल के नोडल अधिकारी मृत्युंजय कुमार ने बताया कि इस तरह की कोई जानकारी नहीं है. हमारे यहां से किसी को भी पैदल या बीच में उतारने के लिए नहीं कहा गया है. यदि इस तरह की कोई बात सामने आएगी तो वैसे में बस ड्राइवर के ऊपर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि यहां से जिले के रहने वाले प्रवासी को पहले पॉलिटेक्निक कॉलेज भेजा जा रहा है, वहां से उनके प्रखंड के लिए जो बस जा रही है उसमें उन्हें बैठाकर वहां भेज दिया जा रहा है.

Last Updated : May 29, 2020, 10:11 AM IST
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