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यहां हर घर नल जल की बात बेमानी है सरकार!, एक हैंड पंप से गुजारा कर रहा एक हजार परिवार - पीएचईडी

जल संकट का हल निकालने में फेल होने पर नगर निगम ने पैन इंडिया कंपनी को अयोग्य साबित करते हुए ब्लैक लिस्ट कर दिया. बावजूद इसके अब तक भागलपुर के कई इलाकों में जल संकट गहराया है. 25 से अधिक वार्ड जल संकट की समस्या से जुझ रहा है.

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Published : Jun 6, 2020, 9:10 PM IST

Updated : Jun 6, 2020, 10:48 PM IST

भागलपुरः गर्मी में हर साल भागलपुर का शहरी इलाका हमेशा पानी की किल्लत झेलता है. समस्या को दूर करने के लिए पैन इंडिया को जिम्मेदारी दी गई लेकिन पेन इंडिया भी भागलपुर में पैदा होने वाले जल संकट का उपाय नहीं ढूंढ पाया. वहीं, नगर निगम के 42 नंबर वार्ड में जल संकट गहरा गया है. स्थिति का आकलन इस बात से किया जा सकता है कि लगभग एक हजार परिवारों पर सिर्फ एक हैंडपंप है.

वार्ड के लोग काफी देर पानी लेने का इंतजार करते हैं. जिन्हें ज्यादा जरुरत होती है उन्हें खरीद कर पानी पीना पड़ रहा है. 42 नंबर वार्ड के इस इलाके में सप्लाई के लिए पाइप लगाया गया. लेकिन किसी वजह से पाइप से होकर पानी इन लोगों के घरों पर नहीं पहुंच पाया. वहीं, पाइप वापस उठा लिया गया. नतीजतन 42 नंबर के गंगटी टोला के लगभग 1 घरों के लोग सिर्फ एक हैंडपंप से पानी पीने को मजबूर हैं. यह सिर्फ एक वार्ड की समस्या नहीं है. नगर निगम के कुल 51 वार्डों में से आधा से ज्यादा वार्ड में जल संकट की समस्या है. हर साल स्थानीय लोग गर्मियों में जूझते हैं.

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एक हजार परिवारों के लिए एक मात्र हैंड पंप

तालाब को संरक्षित करने में जुटी नगर निगम
कई बार प्रशासन को इसका काफी तीखा विरोध भी झेलना पड़ता है. बावजूद इसके इस समस्या का अब तक समस्या का कोई निदान करने में नगर निगम असफल रहा है. फिलहाल नगर निगम नए-नए तालाबों को संरक्षित कर वाटर सप्लाई की तैयारी में जुटी है. भागलपुर नगर निगम में लगभग 10 तालाब को संरक्षित करने की पहल की गई है. लेकिन कई जगह पानी की किल्लत से लोगों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है.

पेश है रिपोर्ट

नगर निगम के खिलाफ लोगो में गुस्सा

पेय जल संकट से जूझ रहे लोग कोई ठोस रास्ता नहीं निकालने पर नगर निगम के खिलाफ आंदोलन के मूड में हैं. स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को जल संकट दूर करने का जिम्मा सौंपा गया है. विभाग की तरफ से बहुत हद तक पेयजल संकट नहीं होने की बात कही जा रही है. पीएचईडी के मुताबिक भागलपुर जिले में 3,120 वार्ड हैं. पीएचईडी के पास 1784 वार्ड हैं जहां, वाटर सप्लाई करना है. अप्रैल तक हर घर में नल का जल योजना के तहत पानी पहुंचाना है. शेष वार्डों में हर घर तक जल पहुंचाने की जिम्मेदारी पंचायती राज विभाग के पास है. कई जगह ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा चुका है. 240 वार्ड में मल्टीब्लर स्कीम लॉक डाउन की वजह से प्रभावित हुआ है.

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पानी लेने के लिए मौजूद बच्चे और महिलाएं

मुख्य अभियंता को पेयजल संकट की जानकारी नहीं
बता दें कि 95 फीसदी पाइप लाइन का कार्य पूर्ण हो चुका है. कुछ महीने पहले पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा भागलपुर पहुंचे थे. मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को मार्च तक कार्य को पूरा करने निर्देश दिया था. लेकिन जून में लगभग कार्य पूर्ण होने के कगार पर है. जिन वार्डों में ट्रीटमेंट प्लांट बेस वाटर सप्लाई सिस्टम पूरा हो गया है वहां, लोगों को पेयजल मिल रहा है. वहीं जल संकट पर पीएचईडी के मुख्य अभियंता रमन झा ने बताया कि फिलहाल पेयजल संकट की शिकायत अभी नहीं है. अगर शिकायत आती है तो 24 घंटे के अंदर इसका त्वरित निवारण किया जाएगा.

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पीएचईडी का कार्यालय

भागलपुरः गर्मी में हर साल भागलपुर का शहरी इलाका हमेशा पानी की किल्लत झेलता है. समस्या को दूर करने के लिए पैन इंडिया को जिम्मेदारी दी गई लेकिन पेन इंडिया भी भागलपुर में पैदा होने वाले जल संकट का उपाय नहीं ढूंढ पाया. वहीं, नगर निगम के 42 नंबर वार्ड में जल संकट गहरा गया है. स्थिति का आकलन इस बात से किया जा सकता है कि लगभग एक हजार परिवारों पर सिर्फ एक हैंडपंप है.

वार्ड के लोग काफी देर पानी लेने का इंतजार करते हैं. जिन्हें ज्यादा जरुरत होती है उन्हें खरीद कर पानी पीना पड़ रहा है. 42 नंबर वार्ड के इस इलाके में सप्लाई के लिए पाइप लगाया गया. लेकिन किसी वजह से पाइप से होकर पानी इन लोगों के घरों पर नहीं पहुंच पाया. वहीं, पाइप वापस उठा लिया गया. नतीजतन 42 नंबर के गंगटी टोला के लगभग 1 घरों के लोग सिर्फ एक हैंडपंप से पानी पीने को मजबूर हैं. यह सिर्फ एक वार्ड की समस्या नहीं है. नगर निगम के कुल 51 वार्डों में से आधा से ज्यादा वार्ड में जल संकट की समस्या है. हर साल स्थानीय लोग गर्मियों में जूझते हैं.

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एक हजार परिवारों के लिए एक मात्र हैंड पंप

तालाब को संरक्षित करने में जुटी नगर निगम
कई बार प्रशासन को इसका काफी तीखा विरोध भी झेलना पड़ता है. बावजूद इसके इस समस्या का अब तक समस्या का कोई निदान करने में नगर निगम असफल रहा है. फिलहाल नगर निगम नए-नए तालाबों को संरक्षित कर वाटर सप्लाई की तैयारी में जुटी है. भागलपुर नगर निगम में लगभग 10 तालाब को संरक्षित करने की पहल की गई है. लेकिन कई जगह पानी की किल्लत से लोगों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है.

पेश है रिपोर्ट

नगर निगम के खिलाफ लोगो में गुस्सा

पेय जल संकट से जूझ रहे लोग कोई ठोस रास्ता नहीं निकालने पर नगर निगम के खिलाफ आंदोलन के मूड में हैं. स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को जल संकट दूर करने का जिम्मा सौंपा गया है. विभाग की तरफ से बहुत हद तक पेयजल संकट नहीं होने की बात कही जा रही है. पीएचईडी के मुताबिक भागलपुर जिले में 3,120 वार्ड हैं. पीएचईडी के पास 1784 वार्ड हैं जहां, वाटर सप्लाई करना है. अप्रैल तक हर घर में नल का जल योजना के तहत पानी पहुंचाना है. शेष वार्डों में हर घर तक जल पहुंचाने की जिम्मेदारी पंचायती राज विभाग के पास है. कई जगह ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा चुका है. 240 वार्ड में मल्टीब्लर स्कीम लॉक डाउन की वजह से प्रभावित हुआ है.

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पानी लेने के लिए मौजूद बच्चे और महिलाएं

मुख्य अभियंता को पेयजल संकट की जानकारी नहीं
बता दें कि 95 फीसदी पाइप लाइन का कार्य पूर्ण हो चुका है. कुछ महीने पहले पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा भागलपुर पहुंचे थे. मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को मार्च तक कार्य को पूरा करने निर्देश दिया था. लेकिन जून में लगभग कार्य पूर्ण होने के कगार पर है. जिन वार्डों में ट्रीटमेंट प्लांट बेस वाटर सप्लाई सिस्टम पूरा हो गया है वहां, लोगों को पेयजल मिल रहा है. वहीं जल संकट पर पीएचईडी के मुख्य अभियंता रमन झा ने बताया कि फिलहाल पेयजल संकट की शिकायत अभी नहीं है. अगर शिकायत आती है तो 24 घंटे के अंदर इसका त्वरित निवारण किया जाएगा.

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पीएचईडी का कार्यालय
Last Updated : Jun 6, 2020, 10:48 PM IST
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