भागलपुर: बिहार के भागलपुर में कुटीर उद्योग (Cottage Industry in Bhagalpur) महिलाओं को घर बैठने रोजगार प्रदान कर रहा है. साथ ही जिले के नवगछिया में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में स्वयं सहायता समूह की भूमिका भी महत्वपूर्ण है. नगर परिषद क्षेत्र की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह बनाकर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा रहा है. नगर परिषद के दीन दयाल अंत्योदय योजना के राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत नगर क्षेत्र की गरीबी रेखा के नीचे की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह बना कर स्वरोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं. डीएनयूएलएम के तहत नगर में कुल 213 स्वयं सहायता समूह बनाया गए हैं. समूह की महिलाएं अपने सदस्यों के साथ मिल कर कोई ना कोई रोजगार कर अच्छी खासी आमदनी कर लेती हैं. जिसके बाद इससे होने वाली आमदनी को सदस्यों के बीच बांटा जाता है.
एक समूह में कम से कम 10 महिलाएं: महिला स्वयं सहायता समूह का गठन बीपीएल वालों के बीच किया जाता है. उस परिवार महिला को ही समूह में रखा जाता है, जिसका बीपीएल अंक कम से कम 70 हो, समूह में कम से कम 10 और अधिकतम 20 महिलाएं होती है. इनके बीच से एक अध्यक्ष, एक सचिव, एक कोषाध्यक्ष चुनी जाती हैं. समूह को चलाने के लिए आसान दरों पर बैंकों से ऋण दिलाने का काम भी डीएनयूएलएम की ओर से किया जाता है. शहर में बनाए गए कई स्वयं सहायता समूह बेहतर रोजगार कर रहे हैं. जिले में निशा जीविका, राजनंदनी समूह, समक्ष जीविका, जय मां लक्ष्मी आदि समूह से जुड़ी महिलाएं अच्छा काम कर स्वावलंबी बनी है.
पहले चरण में 10 हजार का ऋण: प्रथम चरण में डीएनयूएलएम से समूह संचालन के लिए 10 हजार दिया जाता है. इससे वह स्वरोजगार शुरू करती हैं. प्रदर्शन बेहतर रहने पर उन्हें बैंक से लिकंअप कराया जाता और फिर बैंक से ऋण दिलाया जाता है. बैंक से अधिकतम 10 लाख तक का ऋण दिया जा सकता है. स्वयं सहायता समूह की ओर से आचार-पापड़, सिलाई-बुनाई, कशीदाकारी कार्य, अगरबत्ती, मोमबत्ती, पत्ता प्लेट बनाने सहित कई गृह उद्योग का कार्य कर सकती है.