बेगूसराय: जिले में गुरुवार को जल श्रमिक संघ से जुड़े मछुआरों और वीआईपी के कार्यकर्ताओं ने समाहरणालय पर अपने विभिन्न मांगों को लेकर जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान समाहरणालय को जोड़ने वाली सड़क पर लगे दोनों गेट को जाम कर गेट को तोड़ने का भी प्रयास किया. इस मौके पर सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच नोक-झोंक भी हुआ.
बात दें कि कांवर झील, बलान नदी, बैंती नदी और मुर्दा नाला समेत अन्य जगहों पर जमा पानी को स्लुईस के माध्यम से बूढ़ी गंडक नदी में गिराए जाने के विरोध में गुरुवार को बिहार राज्य जल श्रमिक संघ के बैनर तले जिले में मछुआरों ने जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में जुटे मछुआरा समुदाय के लोगों और विकासशील इंसान पार्टी के कार्यकर्ताओं ने समाहरणालय के दोनों गेट को जाम कर दिया और गेट को तोड़कर अंदर जाने का भी प्रयास किया.
संघ ने किया विरोध
'विश्व प्रसिद्ध कावर झील के संचित जल को बिहार सरकार और भारत सरकार के जल जीवन हरियाली योजना के तहत संरक्षण प्राप्त होना चाहिए. लेकिन यहां संरक्षित जल को अवैध रूप से विगत दो महीने से हरसाईं-बगरस नहर के रास्ते बूढ़ी गंडक नदी में गिराया जा रहा है.'- संघ के महासचिव
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मछुआरों को पलायन करने की मजबूरी
'इसकी सूचना डीएम और कावर झील के नोडल पदाधिकारी सह मंझौल एसडीओ को देकर जल निकासी रोकने का अनुरोध किया गया. लेकिन उसे रोका नहीं गया. कावर के अलावा अन्य बड़े जलकरों से अवैध रूप से जल निकासी के कारण बेरोजगार मछुआरों को पलायन करने की मजबूरी हो गई है. लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.'- संघ के महासचिव