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बेगूसराय : बाढ़ के बाद सड़क पर जमा बालू को हटाने के लिए ग्रामीणों ने खुद उठाई कुदाल - मटिहानी बलिया

ग्रामीणों ने जर्जर सड़क की मरम्मत और सड़क पर जाम बालू हटवाने के लिए कई बार अधिकारियों से अनुरोध किया. लेकिन किसी ने नहीं सुनी. तंग आकर ग्रामीणों ने खुद चंदे और शारीरिक श्रम से सड़कों से बालू हटाने का काम शुरू कर दिया.

काम करते ग्रामीण
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Published : Oct 22, 2019, 1:24 PM IST

बेगूसरायः जिले में गंगा की बाढ़ से व्यापक क्षति हुई है. लोगों की निजी संपत्ति की क्षति के साथ-साथ सरकारी संपत्ति को भी व्यापक नुकसान हुआ है. सरकारी संपत्ति की क्षति का जायजा लेने के लिए पर ईटीवी भारत की टीम ने बाढ़ प्रभावित शादीपुर गांव का दौरा किया. जहां करोड़ों रुपये से बनी कई सरकारी सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं. वहीं, पीसीसी सड़क पर 2 से 3 फीट बालू जमा हो गया है. जिसे हटाने के लिए ग्रामीण श्रमदान और चंदा करके दिन रात काम में लगे हैं.

कई सड़कें पूर्ण रूप से ध्वस्त
जिले में आई बाढ़ की वजह से मटिहानी बलिया ,साहेबपुर कमाल, बछवारा आदि प्रखंडों में निजी और सरकारी संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है. बलिया प्रखंड के ग्रामीण इलाके का ईटीवी भारत ने दौरा किया. जिसमें यह पाया गया की निजी संपत्ति के साथ-साथ सरकारी संपत्ति को भी व्यापक नुकसान हुआ है. सरकारी पैसे से बने इंदिरा आवास योजना के घर और शौचालय कई जगह क्षतिग्रस्त हुए हैं. ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायत योजना, प्रधानमंत्री सड़क योजना से निर्मित कई सड़कें पूर्ण रूप से ध्वस्त हो चुकी है.

ध्वस्त सड़क को बनाते ग्रामीण और बयान देता स्थानीय

सड़क पर दो से तीन फीट बालू जमा
इन सड़कों को यातायात के लिए बेहतर बनाने के लिए सरकार को दोबारा करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ेंगे. वहीं, सबसे बड़ी परेशानी की बात यह है की गांव के निचले इलाकों में पीसीसी सड़क पर दो से तीन फीट बालू जमा हो गया है. जिससे सड़क पर आवागमन बहाल करने के लिए बालू हटाने का काम ग्रामीणों ने शुरू किया है.

begusarai
सड़क को ठीक करते लोग

अधिकारियों ने नहीं सुनी बात
स्थानीय लोगों ने बताया कि इसके लिए अधिकारियों से कई बार शिकायत भी की गई. साथ ही अनुरोध किया गया की जर्जर सड़क की मरम्मत के साथ सड़क पर जाम बालू को हटवाया जाए, लेकिन अधिकारियों ने इस पर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा. इससे तंग आकर ग्रामीणों ने खुद चंदे और शारीरिक श्रम के जरिए सड़कों से बालू हटाने का काम शुरू कर दिया है. ताकि लोगों को आने जाने के लिए सड़क मिल सके.

begusarai
बाढ़ के बाद टूटी हुई सड़क

बेगूसरायः जिले में गंगा की बाढ़ से व्यापक क्षति हुई है. लोगों की निजी संपत्ति की क्षति के साथ-साथ सरकारी संपत्ति को भी व्यापक नुकसान हुआ है. सरकारी संपत्ति की क्षति का जायजा लेने के लिए पर ईटीवी भारत की टीम ने बाढ़ प्रभावित शादीपुर गांव का दौरा किया. जहां करोड़ों रुपये से बनी कई सरकारी सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं. वहीं, पीसीसी सड़क पर 2 से 3 फीट बालू जमा हो गया है. जिसे हटाने के लिए ग्रामीण श्रमदान और चंदा करके दिन रात काम में लगे हैं.

कई सड़कें पूर्ण रूप से ध्वस्त
जिले में आई बाढ़ की वजह से मटिहानी बलिया ,साहेबपुर कमाल, बछवारा आदि प्रखंडों में निजी और सरकारी संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है. बलिया प्रखंड के ग्रामीण इलाके का ईटीवी भारत ने दौरा किया. जिसमें यह पाया गया की निजी संपत्ति के साथ-साथ सरकारी संपत्ति को भी व्यापक नुकसान हुआ है. सरकारी पैसे से बने इंदिरा आवास योजना के घर और शौचालय कई जगह क्षतिग्रस्त हुए हैं. ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायत योजना, प्रधानमंत्री सड़क योजना से निर्मित कई सड़कें पूर्ण रूप से ध्वस्त हो चुकी है.

ध्वस्त सड़क को बनाते ग्रामीण और बयान देता स्थानीय

सड़क पर दो से तीन फीट बालू जमा
इन सड़कों को यातायात के लिए बेहतर बनाने के लिए सरकार को दोबारा करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ेंगे. वहीं, सबसे बड़ी परेशानी की बात यह है की गांव के निचले इलाकों में पीसीसी सड़क पर दो से तीन फीट बालू जमा हो गया है. जिससे सड़क पर आवागमन बहाल करने के लिए बालू हटाने का काम ग्रामीणों ने शुरू किया है.

begusarai
सड़क को ठीक करते लोग

अधिकारियों ने नहीं सुनी बात
स्थानीय लोगों ने बताया कि इसके लिए अधिकारियों से कई बार शिकायत भी की गई. साथ ही अनुरोध किया गया की जर्जर सड़क की मरम्मत के साथ सड़क पर जाम बालू को हटवाया जाए, लेकिन अधिकारियों ने इस पर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा. इससे तंग आकर ग्रामीणों ने खुद चंदे और शारीरिक श्रम के जरिए सड़कों से बालू हटाने का काम शुरू कर दिया है. ताकि लोगों को आने जाने के लिए सड़क मिल सके.

begusarai
बाढ़ के बाद टूटी हुई सड़क
Intro:एंकर- बेगूसराय जिले में गंगा की बाढ़ से व्यापक क्षति हुई है लोगों के निजी संपत्ति की क्षति के साथ-साथ सरकारी संपत्ति को भी व्यापक नुकसान हुआ है ।सरकारी संपत्ति के क्षति पर ईटीवी भारत की टीम ने बाढ़ प्रभावित शादीपुर गांव का दौरा किया, जहां करोड़ों रुपए मूल्य के सरकारी राशि से बनी सड़क ध्वस्त हो चुके हैं, वही पीसीसी सड़क पर 2 से 3 फीट बालू जमा हो गया है, जिसे हटाने के लिए ग्रामीण श्रमदान और चंदा के जरिए दिन रात एक किए हुए हैं।


Body:vo- बेगूसराय जिले में गंगा की बाढ़ ने व्यापक तबाही मचाई है। गंगा की बाढ़ की वजह से मटिहानी बलिया ,साहेबपुर कमाल, बछवारा आदि प्रखंडों में निजी और सरकारी संपत्ति को व्यापक नुकसान हुआ है ।बात बलिया प्रखंड की करें तो बलिया प्रखंड के ग्रामीण इलाके का ईटीवी भारत ने दौरा किया। जिसमें यह पाया गया की निजी संपत्ति के साथ-साथ सरकारी संपत्ति को भी व्यापक नुकसान हुआ है ।सरकारी पैसे से बने इंदिरा आवास योजना के घर और शौचालय कई जगह क्षतिग्रस्त हुए हैं ।ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायत योजना, प्रधानमंत्री सड़क योजना से निर्मित कई सड़कें पूर्ण रूप से ध्वस्त हो चुकी है जिस वजह से यहां सड़कों को यातायात के लिए पूर्ववत बनाए रखने के लिए सरकार को करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ेंगे। वही सबसे बड़ी परेशानी की बात यह है की गांव के निचले इलाकों में पीसीसी सड़क पर दो से तीन फीट बालू जमा हो गया है, जिससे सड़क पर आवागमन बहाल करने के लिए बालू हटाने का काम ग्रामीणों ने शुरू किया गया है। इस बाबत अधिकारियों से कई बार शिकायत भी की गई तथा अनुरोध किया गया की जर्जर सड़क की मरम्मत के साथ सड़क पर जमें बालू को हटवाया जाए, लेकिन अधिकारियों ने इस पर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा। इससे तंग आकर ग्रामीणों ने आपसी चंदे और शारीरिक श्रम के जरिए अब सड़कों से बालू हटाकर सड़कों की खोज शुरू कर दी है।
वन टू वन विथ अविनाश सिंह,स्थानीय


Conclusion:fvo-बहरहाल जो भी हो इतना तय है कि ग्रामीण इलाकों के विकास की रेल को गति देनी है तो विकास कार्यो को पटरी पर लाना ही होगा।
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