बेगूसराय: बिहार के बाहर रहने वाले प्रवासियों की घर वापसी हो रही है. लेकिन कुव्यवस्था के कारण अपने जिले-गांव वापस आ रहे बिहार वासी खासा परेशान हो रहे हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि न तो बिहार सरकार के पास आने वालों की सही सूची है और न ही जिला प्रशासन इनका सही आंकड़ा उपलब्ध करा पा रहा है.
जब आंकड़ा नहीं होगा, तो फिर बेहतर सुविधा कैसे मिल सकती है. जिला प्रशासन और रेल प्रसाशन रोज दावा कर रहा है कि आगंतुकों को हर तरह की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. लेकिन अब धरातल पर सुविधाएं दम तोड़ने लगी हैं. ताजा मामला बेगूसराय के बरौनी जंक्शन का है. जहां बेगूसराय के डीएम स्वयं बता रहे हैं कि ट्रेन से आने वाले यात्रियों के संबंध में सही जानकारी संबंधित विभाग ने नहीं दी है. डीएम के इस बयान से साफ है कि प्रशासनिक व्यवस्थाओं के दम तोड़ने का कारण ही यही है.
कितनी और ट्रेनें आएंगी?
गुरुवार तक बेगूसराय में विभिन्न प्रदेशों से तीन ट्रेन आ चुकी हैं लेकिन जिला प्रशासन को अभी तक इस बात की सही जानकारी नहीं है कि कुल मिलाकर कितनी ट्रेनें आएंगी और उसमें कितने यात्री सवार होंगे. हालांकि, इन व्यवस्थाओं में बरौनी स्टेशन से सीधे गुजरने वाली ट्रेनों में सफर कर रहे यात्रियों के लिए रेल प्रशासन की ओर से नाश्ता-पानी की व्यवस्था की गई है.
कुल मिलाकर जिला प्रशासन एवं रेल प्रशासन के बीच जिस तरह से समन्वय की कमी सामने आ रही है, इससे यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि जिला प्रशासन एवं रेल प्रशासन के बीच संबंध सही नहीं है. यही वजह है कि लगातार सच को सामने ला रही मीडिया को भी अब बरौनी स्टेशन पर बैन कर दिया है.
आपदा की इस घड़ी में केंद्र सरकार से जुड़े विभाग और बिहार सरकार से जुड़े विभागों के साथ-साथ जिला प्रशासन के बीच आपसी समन्वय स्थापित नहीं हुआ, तो बिहार लौट रहे लोगों की मुसीबतें कम नहीं होंगी.