बेगूसराय: बिहार में नीतीश कुमार सुशासन बाबू कहे जाते हैं. सुशासन का मतलब अच्छा शासन. लेकिन, बिहार में तेजी से बढ़ते अपराध के बीच नीतीश सरकार के सुशासन की पोल खुलती नजर आ रही है. प्रदेश में बढ़ते अपहरण, लूटपाट, हत्या, छेड़खानी, महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सरकार को आइना दिखाने के लिए ईटीवी भारत की टीम आम लोगों से बात कर रही है. आइए जानते हैं प्रदेश की जनता लॉ एंड ऑर्डर पर क्या बोलती है.
राष्ट्रकवि दिनकर की जन्मभूमि बेगूसराय में अपराध चरम पर है. हाल ही में दुर्गा पूजा के दौरान युवकी की गोली मारकर हत्या हो या महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना, यहां लोग खौफजदा हैं. यही नहीं, अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वो छोटी सी छोटी बात पर गोली मार देते हैं. जी हां, बखरी थाना क्षेत्र में तो माचिस मांगने मात्र पर एक युवक को गोली मार दी गई. वहीं, 10 अक्टूबर को 10 साल की मासूम के साथ हुई दुष्कर्म की घटना ने शर्मसार कर दिया.
'सूरज ढलते ही घर जाना पड़ता है'
अपराधियों के ताबड़तोड़ अपराध के चलते लोगों में डर है. इस बाबत जब नगर निगम के डिप्टी मेयर राजीव कुमार से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि हम लोग जनप्रतिनिधि हैं और देर रात तक लोगों से मिलना-जुलना होता है. पहले 11 से 12 बजे तक हम लोग घर लौटते थे. लेकिन अभी जिस तरीके से हालात बदले हैं और लगातार अपराध हो रहे हैं. मुझे भी लगता है कि मैं शाम ढलने से पहले घर पहुंच जाऊं.
कोई सुनता ही नहीं है- अधिवक्ता
बढ़ते अपराध को लेकर अधिवक्ताओं में भी डर है. अधिवक्ता आशुतोष सिंह बताते हैं कि अपराध बढ़ने की मूल वजह स्थानीय थाना पुलिस की शिथिलता है. नीचे स्तर पर थाना लोगों की बात नहीं सुनता, जिस वजह से आपराधिक वारदातों में अत्यधिक वृद्धि हुई है. वहीं, व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता शशिभूषण यादव का कहना है कि एक साल में आपराधिक वारदातों में इजाफा हुआ है. रंगदारी, अवैध शराब का कारोबार बढ़ गया है.
पलायन का मूड बना रहे व्यवसायी
स्थानीय दवा व्यवसायी की मानें तो अब घर से निकलते ही लगता है कि कहीं किसी अपराधी का शिकार न हो जाए. घर सुरक्षित लौटना, भाग्य की बात हो गई है. बेगूसराय व्यवसाय के दृष्टिकोण से अब सुरक्षित नहीं रह गया है. जिस तरीके से अपराध बढ़े हैं और अपराधियों के सॉफ्ट टारगेट पर बिजनेसमैन हैं. ऐसे में हम लोगों को लगता है कि अब बिहार से पलायन कर जाना चाहिए.
'बढ़ती बेरोजगारी अपराध की वजह'
सिहमा विद्यालय के प्रधानाचार्य संजीव कुमार का मानना है कि बढ़ते अपराध को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई के साथ-साथ जागरूकता फैलाने की भी आवश्यकता है. अपराध की मुख्य वजह बिहार में बेरोजगारी है. अगर बेरोजगारी खत्म हो जाए, तो अपराध खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगा.
'खेला जा रहा खूनी खेल'
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. रजनीश कुमार का कहना है कि दिनकर की इस पवित्र भूमि पर जो अभी खूनी खेल खेला जा रहा है, उससे बेगूसराय के लोग काफी व्यथित हैं. सुबह अखबार पढ़ें या टीवी देखे, तो आपको जिले के हर एक कोने से आपराधिक वारदातों की सूचना मिलेगी. इससे आम लोगों में दहशत है.
सीएम नीतीश से इस्तीफे की मांग
कुल मिलाकर बिहार में कुछ भी ठीक नहीं है. लोगों में आक्रोश इतना है कि एक सीमेंट व्यवसाई ने तो सीएम नीतीश कुमार से इस्तीफा तक मांग लिया. व्यवसाई का कहना है कि बेगूसराय ही नहीं पूरे बिहार में अपराधी बेलगाम हो गए हैं. सीएम नीतीश कुमार को नैतिकता के आधार पर अब इस्तीफा दे देना चाहिए.
एक महीने की बड़ी आपराधिक वारदातें...
- जिले के नगर थाना के महमदपुर मोहल्ले में युवक की गला रेतकर हत्या.
- बखरी थाना क्षेत्र के रामपुर गांव अपराधियों ने महज एक माचिस के लिए एक व्यक्ति को गोली मार दी.
- शराब माफिया ने पत्रकार पर किया जानलेवा हमला.
- 10 साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात.
- डंडारी थाना क्षेत्र के तुरकिया गांव में युवक की गोली मारकर हत्या.
- महिला के साथ दुष्कर्म. ई-रिक्शा के ड्राइवर और उसके दोस्तों ने दिया वारदात को अंजाम.
- सिंघौल थाना में दुर्गा पूजा देखने गए युवक को मारी गई गोली.
- बलिया थाना क्षेत्र के नगर पंचायत स्थित चकमक्खन टोला के पास दिनदहाड़े फाइनेंस कंपनी के कर्मी से 2 लाख की लूट
बिहार पुलिस का क्राइम रिकॉर्ड
अब अगर बिहार पुलिस के जुलाई तक के क्राइम रिकॉर्ड पर गौर करें तो जुलाई 2019 तक 893 दुष्कर्म की घटना दर्ज की गई है. वहीं 1,853 हत्या के मुकदमे लिखे जा चुके हैं. ऐसे में सवाल जस के तस हैं कि आखिर कब सुरक्षित होंगी बिहार में बेटियां. आखिर कब अपराध मुक्त बनेगा बिहार क्योंकि इतनी घटनाओं के बाद भी अब तक पुलिस प्रशासन की अंतरात्मा नहीं जागी है. तो दूसरी तरफ लोग पूछ रहे हैं कि कहां हैं सुशासन बाबू?