बेगूसरायः सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि किसी भी गाड़ी में बंपर या लोहे के सुरक्षा गार्ड नहीं लगाए जाएंगे. लेकिन जिले में इस आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है. निजी वाहनों में तो बंपर के उपयोग धड़ल्ले से किये ही जा रहे हैं, सरकारी वाहनों में भी इसका उपयोग हो रहा है. जिस पर परिवहन विभाग चुप्पी साधे बैठा है.
कोर्ट के आदेश के बाद छोटी और लग्जरी गाड़ियों में सवार यात्रियों की सुरक्षा के लिए परिवहन विभाग ने पूर्व में ही ये नियम लागू कर रखा है. इसके तहत छोटी गाड़ियों में बंपर या लोहे के सुरक्षा गार्ड पाए जाने पर विभाग उस पर जुर्माना लगा सकती है. परिवहन विभाग ने जब ये नियम लागू किया उसके कुछ दिनों तक तो लोगों ने परहेज किया. लेकिन बाद में जब परिवहन विभाग ने इसे नजरअंदाज करना शुरू किया तो धीरे-धीरे लोग फिर से सुरक्षा गार्ड लगाने लगे हैं.
अधिकारी भी नहीं कर रहे पालन
तकनीकी रूप से जब दो गाड़ियों के बीच टक्कर होती है तो अगली सीट के आगे सुरक्षा बैलून नहीं खुल पाते हैं. जिससे आदमी की दुर्घटना में मौत भी हो सकती है. परिवहन विभाग के नियमों का न सिर्फ आम लोग उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि सरकारी अधिकारी भी परिवहन विभाग के नियमों की अनदेखी कर रहे हैं. कुछ गाड़ियों को छोड़कर ज्यादातर सरकारी वाहनो में लोहे के बंपर अब भी धड़ल्ले से उपयोग किये जा रहे हैं.
परिवहन अधिकारी का क्या है कहना
इस सिलसिले में जब परिवहन अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने इस बात से अनभिज्ञता जताई और कहा कि ऐसे मामले संज्ञान में आते हैं तो निश्चित कार्रवाई की जाएगी. हालांकि उन्होंने कहा कि हमलोग हमेशा जांच अभियान चलाते हैं और इस पर विशेष ध्यान रखते हैं.