बेगूसराय: जम्मू-कश्मीर में एक बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद होने वाले बेगूसराय के रहने वाले लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार (Rishi Kumar) का पार्थिव शरीर रविवार को पटना लाया गया. एयरपोर्ट (Patna Airport) पर उन्हें सलामी दी गई. पटना से सड़क मार्ग से उनका शव बेगूसराय भेजा गया है. देर रात पार्थिव शरीर बेगूसराय पहुंचेगा. सोमवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा.
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ऋषि कुमार को श्रद्धांजलि देने के लिए बेगूसराय के लोग रतजगा कर रहे हैं. शहर के चौक-चौराहों पर युवाओं की टोली राष्ट्रध्वज लिए खड़ी है. बेगूसराय शहर के वार्ड 16 के पिपरा जीडी कॉलेज रोड स्थित प्रोफेसर कॉलोनी में सैकड़ों की संख्या में लोग जुटे हैं. इसी कॉलोनी में ऋषि कुमार का घर है. उनके घर पर लोगों का तांता लगा है. शहीद को श्रद्धांजलि देने आए लोगों की आंखें नम हैं. युवा बीच-बीच में शहीद ऋषि कुमार अमर रहें और भारत माता की जय के नारे लगा रहे हैं.
इससे पहले पटना एयरपोर्ट पर शहीद ऋषि कुमार को सलामी दी गई. जहां डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और मंत्री जीवेश मिश्रा भी मौजूद थे. पटना एयरपोर्ट पर मौजूद तमाम लोगों की आंखें नम थीं और पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा था. तारकिशोर प्रसाद, गिरिराज सिंह और मंत्री जीवेश मिश्रा ने उनकी शहादत को याद करते हुए कहा कि भारत इसका बदला पाकिस्तान से जरूर लेगा.
लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार जम्मू कश्मीर में लैंडमाइंस विस्फोट में शनिवार को शहीद हो गए थे. उनके शहीद होने की सूचना मिलते ही परिवार के लोगों में कोहराम मच गया. व्यवसायी राजीव रंजन सिंह के इकलौते बेटे 23 वर्षीय ऋषि कुमार कश्मीर के राजौरी जिले में गश्ती के दौरान लैंडमाइंस की चपेट में आ गए थे.
ऋषि ने एनडीए में सफलता प्राप्त कर सेना में नौकरी पाई थी. एनडीए की परीक्षा पास कर 3 साल की ट्रेनिंग के बाद वह सेना में दाखिल हुए थे. एक महीने पहले ही उनकी जम्मू-कश्मीर में पोस्टिंग हुई थी. उनके पिता राजीव रंजन बेगूसराय में लकड़ी का व्यवसाय करते हैं, उनकी माता सविता देवी गृहिणी हैं. ऋषि की दो बहनें हैं. ऋषि की छोटी बहन की शादी 29 नवंबर को तय थी. शादी समारोह में भाग लेने के लिए ऋषि 22 नवंबर को बेगूसराय आने वाले थे. ऋषि के पिता राजीव रंजन सिंह का पैतृक घर लखीसराय जिले के पिपरिया गांव में है.
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