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बेगूसराय में पोषण पखवाड़ा का आयोजन, घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं को समझा रही हैं सेविकाएं

कुपोषण दर को नियंत्रित करने के लिए जिस तरीके से आईसीडीएस विभाग के जरिए जमीनी स्तर पर घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इसके सार्थक परिणाम आने वाले दिनों में हमें देखने को मिलेंगे.

Begusarai
महिलाओं को समझाती सेविकाएं
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Published : Mar 14, 2020, 12:59 PM IST

बेगूसरायः जिले में सरकार और आईसीडीएस विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद बच्चों में कुपोषण दर कम नहीं हो पा रहा है, जिसे देखते हुए जिले में पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया गया है. इसके तहत आंगनबाड़ी सेविका घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं को पोषण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दे रही हैं.

कम नहीं हो रहा बच्चों में कुपोषण
बच्चों में गर्भ काल से लेकर 2 साल तक कुपोषण का शिकार होने की संभावना प्रबल होती है. जिले में कुपोषण के शिकार हो रहे बच्चों की संख्या लक्ष्य के अनुरूप कम नहीं हो पा रही है. इसे देखते हुए बिहार सरकार के निर्देश पर आईसीडीएस विभाग ने जिले में पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया है.

Begusarai
रचना सिन्हा, डीपीओ

महिलाओं को किया जा रहा जागरूक
पोषण पखवाड़ा के तहत आंगनबाड़ी केंद्र की सेविकाएं घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के माता-पिता को कुपोषण के खतरों के प्रति जागरूक कर रही हैं. आंगनबाड़ी केंद्र की सेविकाएं महिलाओं को ये समझा रही हैं कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाएं भोजन में किस तरह के पौष्टिक आहार ग्रहण करें. गर्भवती महिलाओं को यह बताया जा रहा है कि बच्चों को जन्म से 6 माह के अंदर तक मां का दूध सही मात्रा में पिलाया जाए, उससे सर्वोपरि आहार कुछ नहीं है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'हर रोज होता है कार्यक्रम'
इस सिलसिले में आईसीडीएस की डीपीओ रचना सिन्हा ने बताया कि पोषण पखवाड़ा के तहत जिले में हर रोज जागरुकता फैलाने के लिए कुछ न कुछ किया जा रहा है. जैसे दीवार लेखन, प्रभात फेरी, सेमिनार, मेला, गोद भराई आदि के जरिये लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है.

ये भी पढ़ेंः मौसम विभाग का अलर्ट, पूरे बिहार में बारिश के साथ-साथ ओले गिरने की आशंका

बहरहाल कुपोषण दर को नियंत्रित करने के लिए जिस तरीके से आईसीडीएस विभाग के जरिए जमीनी स्तर पर घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है, इसके सार्थक परिणाम आने वाले दिनों में हमें देखने को मिलेंगे.

बेगूसरायः जिले में सरकार और आईसीडीएस विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद बच्चों में कुपोषण दर कम नहीं हो पा रहा है, जिसे देखते हुए जिले में पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया गया है. इसके तहत आंगनबाड़ी सेविका घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं को पोषण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दे रही हैं.

कम नहीं हो रहा बच्चों में कुपोषण
बच्चों में गर्भ काल से लेकर 2 साल तक कुपोषण का शिकार होने की संभावना प्रबल होती है. जिले में कुपोषण के शिकार हो रहे बच्चों की संख्या लक्ष्य के अनुरूप कम नहीं हो पा रही है. इसे देखते हुए बिहार सरकार के निर्देश पर आईसीडीएस विभाग ने जिले में पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया है.

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रचना सिन्हा, डीपीओ

महिलाओं को किया जा रहा जागरूक
पोषण पखवाड़ा के तहत आंगनबाड़ी केंद्र की सेविकाएं घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के माता-पिता को कुपोषण के खतरों के प्रति जागरूक कर रही हैं. आंगनबाड़ी केंद्र की सेविकाएं महिलाओं को ये समझा रही हैं कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाएं भोजन में किस तरह के पौष्टिक आहार ग्रहण करें. गर्भवती महिलाओं को यह बताया जा रहा है कि बच्चों को जन्म से 6 माह के अंदर तक मां का दूध सही मात्रा में पिलाया जाए, उससे सर्वोपरि आहार कुछ नहीं है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'हर रोज होता है कार्यक्रम'
इस सिलसिले में आईसीडीएस की डीपीओ रचना सिन्हा ने बताया कि पोषण पखवाड़ा के तहत जिले में हर रोज जागरुकता फैलाने के लिए कुछ न कुछ किया जा रहा है. जैसे दीवार लेखन, प्रभात फेरी, सेमिनार, मेला, गोद भराई आदि के जरिये लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है.

ये भी पढ़ेंः मौसम विभाग का अलर्ट, पूरे बिहार में बारिश के साथ-साथ ओले गिरने की आशंका

बहरहाल कुपोषण दर को नियंत्रित करने के लिए जिस तरीके से आईसीडीएस विभाग के जरिए जमीनी स्तर पर घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है, इसके सार्थक परिणाम आने वाले दिनों में हमें देखने को मिलेंगे.

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