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बेगूसराय: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर माले ने निकाला मशाल जुलूस

बेगूसराय में भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अंबेडकर चौक से मशाल जुलूस निकाल निकाला गया. इस दौरान किसान आंदोलन पर हठधर्मी बने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी किया गया.

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Published : Jan 26, 2021, 4:42 AM IST

Updated : Jan 26, 2021, 6:00 AM IST

Begusarai
मशाल जुलूस

बेगूसराय: भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अंबेडकर चौक से मशाल जुलूस निकाल निकाला गया. इस दौरान किसान आंदोलन पर हठधर्मी बने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया गया. बाद में मशाल जुलूस अंबेडकर चौक से शहीद स्थल होते हुए गांधी स्मारक के समीप पहुंच कर सभा में तब्दील हो गया.

देखे रिपोर्ट


लोकतंत्र और संविधान को दिखाया गया ठेंगा
वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने देश में कंपनी राज स्थापित करना चाहती है. इसके मालिक अडानी और अंबानी जैसे उधोगपतियों के हाथों देना चाहती है. कृषि कानून के लिए तैयार ड्राफ्ट को ही बगैर किसान संगठनों की राय लिए संसद से पास कर दिया. इससे लोकतंत्र और संविधान को ठेंगा दिखाने का काम किया है.

पढ़ें: किसान आंदोलन के समर्थन में बिहार में भी ट्रैक्टर मार्च, पटना में नहीं मिली इजाजत

इस मौके पर माले के कार्यकर्ताओं ने कहा कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर संकल्प लेते हैं कि तानाशाह और फासिस्ट मोदी सरकार के कॉरपोरेट परस्त नापाक मंसूबे को चकनाचूर करेंगे. सरकार तीनों काला कृषि कानून रद्द करें.

बेगूसराय: भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अंबेडकर चौक से मशाल जुलूस निकाल निकाला गया. इस दौरान किसान आंदोलन पर हठधर्मी बने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया गया. बाद में मशाल जुलूस अंबेडकर चौक से शहीद स्थल होते हुए गांधी स्मारक के समीप पहुंच कर सभा में तब्दील हो गया.

देखे रिपोर्ट


लोकतंत्र और संविधान को दिखाया गया ठेंगा
वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने देश में कंपनी राज स्थापित करना चाहती है. इसके मालिक अडानी और अंबानी जैसे उधोगपतियों के हाथों देना चाहती है. कृषि कानून के लिए तैयार ड्राफ्ट को ही बगैर किसान संगठनों की राय लिए संसद से पास कर दिया. इससे लोकतंत्र और संविधान को ठेंगा दिखाने का काम किया है.

पढ़ें: किसान आंदोलन के समर्थन में बिहार में भी ट्रैक्टर मार्च, पटना में नहीं मिली इजाजत

इस मौके पर माले के कार्यकर्ताओं ने कहा कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर संकल्प लेते हैं कि तानाशाह और फासिस्ट मोदी सरकार के कॉरपोरेट परस्त नापाक मंसूबे को चकनाचूर करेंगे. सरकार तीनों काला कृषि कानून रद्द करें.

Last Updated : Jan 26, 2021, 6:00 AM IST
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