बेगूसरायः लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार सत्ताधारी दल बीजेपी से मुकाबले के लिए पूरी तरह से कमर कस चुके हैं. आज उनके नॉमिनेशन में मोदी विरोधी तमाम चेहरे शामिल होंगे. नॉमिनेशन में लोगों को बुलाने के लिए कन्हैया देर रात तक घूम-घूम कर प्रचार-प्रसार करते रहे.
कन्हैया कुमार आज अपना नामांकन का पर्चा भरेंगे. इसको लेकर देश भर के कई बीजेपी या यूं कहें नरेंद्र मोदी के विरोधी चेहरों का जमावड़ा बेगूसराय में लग चुका है. जो प्रमुख लोग आज कन्हैया के नॉमिनेशन में शामिल होने आए हैं उनमें गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी, जेएनयू से गायब छात्र नजीब की मां फातिमा नफीस, जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शहला रशीद, एक्टिविस्ट गुरमेहर कौर, अभिनेत्री स्वरा भास्कर के साथ-साथ कई अन्य लोग शामिल हैं.
भीड़ जुटाने की कोशिश में कन्हैया
इस बीच अब जबकि भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह का नॉमिनेशन हो चुका है और कल महागठबंधन के प्रत्याशी तनवीर हसन ने भी नामांकन का पर्चा दाखिल कर दिया है. कन्हैया कुमार मानते हैं की आगाज ही अंजाम बता देता है. इसलिए अपने नॉमिनेशन में बड़ी भीड़ खड़ा करके वह बेगूसराय के लोगों को यह मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं कि गिरिराज सिंह और तनवीर हसन के मुकाबले उनका पलड़ा काफी भारी है. नॉमिनेशन में भीड़ जुटाने के लिए ना सिर्फ कन्हैया कुमार का प्रचार तंत्र गांव-गांव घूमकर नुक्कड़ नाटक के जरिये लोगों को न्योता दे रहा है, बल्कि कन्हैया कुमार खुद मोर्चा संभाले हुए हैं.
मुस्लिम वोटरों में कन्फ्यूजन
कई जगहों पर नुक्कड़ नाटक और नुक्कड़ सभा के जरिए कन्हैया कुमार हमें चाहिए आजादी जैसे स्लोगन गा-गाकर लोगों में जोश भरने का प्रयास कर रहे हैं, कोशिश एकमात्र है कि नॉमिनेशन में बुलाई गई भीड़ से यह संदेश दे सकें कि कन्हैया का पलड़ा गिरिराज सिंह और तनवीर हसन पर काफी भारी है. पूरे चुनावी दंगल में एक बात बहुत ही महत्वपूर्ण है कि बीजेपी विरोधी मतदाता के अंदर कन्फ्यूजन की स्थिति है कि वह कन्हैया को वोट दें या राजद के तनवीर हसन को.
मुस्लिमों के प्रति कन्हैया प्रेम
वहीं, शहला रशीद और नजीब की मां को बुलाकर कन्हैया ने यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि वह मुस्लिमों के सबसे बड़े हिमायती नेता हैं. कन्हैया लगातार तनवीर हसन के प्रति मुस्लिमों का प्रेम अपनी ओर डायवर्ट करने की कोशिश कर रहे हैं इसमें उन्हें कितनी सफलता मिलती है वो तो आने वाला समय ही बताएगा. बहरहाल अब देखने वाली बात यह है कि वोट के इस खेल में तीनों प्रत्याशियों में कौन बाजी मारता है.