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बेगूसराय: गेहूं का उचित मूल्य नहीं मिलने से किसान परेशान, BJP नेता ने CM को लिखा पत्र

बेगूसराय के किसान गेहूं का उचित मूल्य नहीं मिलने से काफी परेशान है. ऐसे में उन्होंने सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए आक्रोश जताया है.

गेहूं
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Published : May 22, 2019, 2:23 PM IST

बेगूसराय: यहां के किसानों को हमेशा दोहरी मार झेलनी पड़ती है. कभी प्राकृतिक आपदा से खेतों में फसल नहीं होते तो उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है और अगर फसल अच्छी भी होती है तो फिर उसका खरीदार नहीं मिलता है. इस बार के गेहूं उत्पादन में भी किसानों का हाल कुछ ऐसा ही है.

किसानों को नहीं मिल रहा उचित मूल्य
गेहूं के उत्पादन में बेगूसराय सर्वश्रेष्ठ स्थान रखता है. इस बार यहां गेहूं की पैदावार 2 लाख 39 हजार मीट्रिक टन हुआ. लेकिन किसानों से गेहूं अधिप्राप्ति के लिए मात्र 10 हजार मैट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है. इसमें से अभी तक मात्र 434 मैट्रिक टन की अधिप्राप्ति हो पाई है. इसे नाराज कियानों ने नाराजगी जाहिर करते हुए आक्रोश जताया है.

रजनीश कुमार, बीजेपी नेता

बीजेपी नेती ने CM को लिखा पत्र
बीजेपी नेता रजनीश कुमार ने किसानों का समर्थन करते हुए सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखकर नाराजगी जताते हुए बेगूसराय के लिए अलग से लक्ष्य निर्धारित करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि केंद्र हो या राज्य सरकार किसानों के उत्थान और समृद्धि के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रही हैं. ऐसे में तैयार फसल को ही सराकर उचित मूल्य ना दिलवा पाए तो इसे क्या कहेंगे?

कम दामों में गेहूं बेचने को मजबूर
बीजेपी नेता ने कहा कि जिले में 258 पैक्स हैं. जिसमें मात्र 70 पैक्स को ही गेहूं अधिप्राप्ति के लिए चिन्हित किया गया है. ऐसे में किसानों को बहुत परेशानी हो रही है और किसान मात्र 1500 से 1600 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से अपना गेहूं बेचने को मजबूर हैं.

बेगूसराय: यहां के किसानों को हमेशा दोहरी मार झेलनी पड़ती है. कभी प्राकृतिक आपदा से खेतों में फसल नहीं होते तो उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है और अगर फसल अच्छी भी होती है तो फिर उसका खरीदार नहीं मिलता है. इस बार के गेहूं उत्पादन में भी किसानों का हाल कुछ ऐसा ही है.

किसानों को नहीं मिल रहा उचित मूल्य
गेहूं के उत्पादन में बेगूसराय सर्वश्रेष्ठ स्थान रखता है. इस बार यहां गेहूं की पैदावार 2 लाख 39 हजार मीट्रिक टन हुआ. लेकिन किसानों से गेहूं अधिप्राप्ति के लिए मात्र 10 हजार मैट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है. इसमें से अभी तक मात्र 434 मैट्रिक टन की अधिप्राप्ति हो पाई है. इसे नाराज कियानों ने नाराजगी जाहिर करते हुए आक्रोश जताया है.

रजनीश कुमार, बीजेपी नेता

बीजेपी नेती ने CM को लिखा पत्र
बीजेपी नेता रजनीश कुमार ने किसानों का समर्थन करते हुए सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखकर नाराजगी जताते हुए बेगूसराय के लिए अलग से लक्ष्य निर्धारित करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि केंद्र हो या राज्य सरकार किसानों के उत्थान और समृद्धि के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रही हैं. ऐसे में तैयार फसल को ही सराकर उचित मूल्य ना दिलवा पाए तो इसे क्या कहेंगे?

कम दामों में गेहूं बेचने को मजबूर
बीजेपी नेता ने कहा कि जिले में 258 पैक्स हैं. जिसमें मात्र 70 पैक्स को ही गेहूं अधिप्राप्ति के लिए चिन्हित किया गया है. ऐसे में किसानों को बहुत परेशानी हो रही है और किसान मात्र 1500 से 1600 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से अपना गेहूं बेचने को मजबूर हैं.

Intro:डे प्लान स्टोरी
एंकर- बिहार का बेगूसराय जिला गेहूं उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ स्थान रखता है इस बार गेहूं की पैदावार 2 लाख 39 हजार मेट्रिक टन पहुंच चुकी है, दुखद पहलू यह है कि किसानों से गेहूं अधिप्राप्ति के लिए मात्र 10 हजार मैट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है और अभी तक उसमें मात्र 434 मैट्रिक तन की अधिप्राप्ति हो पाई है। अधिप्राप्ति की शिथिलता को लेकर किसानों के साथ साथ सत्तारूढ़ बीजेपी के एमएलसी रजनीश कुमार ने भी नारजगी जताते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बेगूसराय के लिए अलग से लक्ष्य निर्धारित करने की अपील की है।
एक रिपोर्ट


Body:vo- बेगूसराय जिले के किसानों को हमेशा दोहरी मार झेलनी होती है कभी प्राकृतिक आपदा से खेतों में फसल नहीं होते तो उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है और अगर फसल अच्छी हो गई तो फिर उसे खरीदार नहीं मिलता है।
बात गेहूं की फसल की करें तो इस बार जिले में गेहूं की बंपर पैदावार हुई है और किसानों ने 2लाख 39 हजार मेट्रिक टन गेहूं की उपज तैयार की है। सरकार के द्वारा गेहूं अधिप्राप्ति के लिए कोऑपरेटिव विभाग के द्वारा 1840 रुपया दर निर्धारित कर अधिप्राप्ति शुरू की गई है, एक तरफ जहां तैयार फसल 2लाख 39 हजार मेट्रिक टन है वहीं तैयार फसल के खरीद के लिए बेगूसराय जिले में अधिप्राप्ति का लक्ष्य मात्र दस हजार मैट्रिक टन रखा गया है जो कुल उत्पादन का मात्र पांच प्रतिशत होता है, ऐसे में आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं की 95% फसल को किसान ओने पौने दाम में बेचने को मजबूर होंगे।
सरकार के इस फैसले और कोऑपरेटिव विभाग की शिथिलता से एक तरफ जहां किसानों में आक्रोश है वही सत्तारूढ़ दल बीजेपी के विधान पार्षद व बड़े नेता रजनीश कुमार ने भी सरकार द्वारा मात्र 10 हजार मैट्रिक टन खरीद के लक्ष्य को समझ से परे बताया है ।उन्होंने कहा इस बाबत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा गया है और उम्मीद करते हैं इस पर निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी।
उन्होंने कहा कि केंद्र हो या राज्य सरकार किसानों के उत्थान और समृद्धि के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रही हैं, वैसे में तैयार फसल को ही हम उचित मूल्य ना दिलवा पाए तो इसे क्या कहेंगे। उन्होंने कहा कि जिले में 258 पैक्स हैं जिसमें मात्र 70 पैक्स को ही गेहूं अधिप्राप्ति के लिए चिन्हित किया गया है ऐसे में किसानों को घोर परेशानी हो रही है और किसान मात्र 15 से 16 सो रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से अपना गेहूं बेचने को मजबूर हैं।
बाइट-रजनीश कुमार,विधान पार्षद सह बीजेपी नेता।
vo-वहीं अधिप्राप्ति के बाबत कॉपरेटिव विभाग से लेकर डीएम तक से जानकारी लेने का प्रयाश किया गया लेकिन कोई कैमरे के आगे आने को तैयार नही हुए।डिस्ट्रिक्ट कॉपरेटिव ऑफिसर वीरेंद्र शर्मा ने फोन पर बताया कि अभी तक मात्र 434 मेट्रिक टन ही गेहूं की अधिप्राप्ति हो पाई है।



Conclusion:इतना तय है कि अगर तैयार गेहूं की फसल का पांच प्रतिशत ही अधिप्राप्ति हो पाता है तो फिर 95 प्रतिशत फसल का क्या होगा ।
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