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बेगूसरायः हड़ताल के समर्थन में शहर से लेकर गांव तक दवा दुकाने बंद, परेशान दिखे मरीज

हड़ताल के समर्थन में दुकानदारों ने शहर में प्रदर्शन किया और प्रतिरोध मार्च निकाला. हड़ताल कर रहे दुकानदारों का कहना है कि सरकार ने दवा की दुकान का लाइसेंस तो दे दिया, लेकिन अब फार्मासिस्ट के नाम पर हम लोगों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है.

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Published : Jan 22, 2020, 5:39 PM IST

बेगूसरायः राज्य में केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने अपनी प्रमुख मांगों को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल का आयोजन किया है. इसका असर जिले में भी देखने को मिला. यहां शहर से लेकर गांव तक सभी दवा दुकानदारों ने हड़ताल को सफल बनाने के लिए दुकानें बंद रखी. दुकानदारों का कहना है कि सरकार जब तक अपने आदेश को वापस नहीं लेती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

परेशान दिखे मरीज
हड़ताल के समर्थन में दुकानदारों ने शहर में प्रदर्शन किया और प्रतिरोध मार्च निकाला. हड़ताल कर रहे दुकानदारों का कहना है कि सरकार ने दवा की दुकान का लाइसेंस तो दे दिया, लेकिन अब फार्मासिस्ट के नाम पर हम लोगों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है. बहरहाल जो भी हो दवा दुकानदारों और सरकार की रार के बीच मरीज और उनके परिजन दवा के लिए इधर-उधर परेशान दिखे.

देखें पूरी रिपोर्ट

फार्मासिस्ट के नाम पर आर्थिक शोषण
प्रदर्शन कर रहे दुकानदार ए.के. सिंह ने कहा कि बिहार में मात्र 7 हजार फार्मासिस्ट हैं जबकि दुकानों की संख्या 40 हजार है. ऐसे में फार्मासिस्ट के नाम पर दुकानों के लाइसेंस को रद्द किया जा रहा है. इसके साथ ही दुकानदारों का आर्थिक शोषण भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है तो आगे भी आंदोलन जारी रहेगा.

बेगूसरायः राज्य में केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने अपनी प्रमुख मांगों को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल का आयोजन किया है. इसका असर जिले में भी देखने को मिला. यहां शहर से लेकर गांव तक सभी दवा दुकानदारों ने हड़ताल को सफल बनाने के लिए दुकानें बंद रखी. दुकानदारों का कहना है कि सरकार जब तक अपने आदेश को वापस नहीं लेती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

परेशान दिखे मरीज
हड़ताल के समर्थन में दुकानदारों ने शहर में प्रदर्शन किया और प्रतिरोध मार्च निकाला. हड़ताल कर रहे दुकानदारों का कहना है कि सरकार ने दवा की दुकान का लाइसेंस तो दे दिया, लेकिन अब फार्मासिस्ट के नाम पर हम लोगों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है. बहरहाल जो भी हो दवा दुकानदारों और सरकार की रार के बीच मरीज और उनके परिजन दवा के लिए इधर-उधर परेशान दिखे.

देखें पूरी रिपोर्ट

फार्मासिस्ट के नाम पर आर्थिक शोषण
प्रदर्शन कर रहे दुकानदार ए.के. सिंह ने कहा कि बिहार में मात्र 7 हजार फार्मासिस्ट हैं जबकि दुकानों की संख्या 40 हजार है. ऐसे में फार्मासिस्ट के नाम पर दुकानों के लाइसेंस को रद्द किया जा रहा है. इसके साथ ही दुकानदारों का आर्थिक शोषण भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है तो आगे भी आंदोलन जारी रहेगा.

Intro:एंकर- बेगूसराय में केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट एसोसिएशन के तीन दिवसीय हड़ताल का असर दिख रहा है शहर से लेकर गांव तक के सभी दुकानें हैं हड़ताली दुकानदारों ने बंद करवा रखे हैं हड़ताली दवा दुकानदारों के मुताबिक सरकार जब तक अपने आदेश को वापस नहीं ले लेती तब तक इसी तरह आंदोलन जारी रहेगा।


Body:vo- बेगूसराय में केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के तीन दिवसीय हड़ताल का असर दिख रहा है ।शहर से लेकर गांव तक के सभी दुकानें आज बंद रहे ।हड़ताल के समर्थन में दवा दुकानदारों ने शहर में प्रदर्शन किया तथा हड़ताल को सफल बनाने के लिए शहर में प्रतिरोध मार्च भी निकाला ।
हड़ताल कर रहे दवा दुकानदारों की मांग है कि सरकार दवा दुकान के लाइसेंस तो दे ही लेकिन अब फरमासिस्ट के नाम पर उनका शोषण जो किया जा रहा है वह बंद हो ।
बिहार में मात्र 7000 फार्मासिस्ट हैं जबकि दुकान की संख्या 40000 है ऐसे में फार्मासिस्ट के नाम पर दुकानों के लाइसेंस को रद्द किया जा रहा है और इसके साथ ही साथ दुकानदारों का आर्थिक शोषण भी किया जा रहा है। इन सभी मांगों को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल की शुरुआत की गई है जो 22 से 24 जनवरी तक जारी रहेगा। अगर सरकार ने मांगों पर विचार नहीं किया तो आगे भी आंदोलन जारी रहेगा।
बाइट-ए के सिंह, दवा दुकानदार


Conclusion:fvo- बहरहाल जो भी हो दवा दुकानदारों और सरकार की रार के बीच मरीज और उनके परिजन दवा के लिए इधर-उधर परेशान दिखे। देखने वाली बात यह होगी की दवा विक्रेता संघ और सरकार के बीच सुलह के बाद स्थिति कब तक सामान्य हो पाती है।
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