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बेगूसराय: सदर अस्पताल के बोर्ड से हटाया गया डॉ राजेंद्र प्रसाद का नाम, लोगों में है नाराजगी

साल 2017 से पहले सदर अस्पताल का नाम देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद सदर अस्पताल रखा गया था, लेकिन सदर अस्पताल के सौंदर्यीकरण के लिए रंग रोगन करवाया गया और उसी दौरान राजेंद्र बाबू के नाम को अस्पताल के बोर्ड से मिटा दिया गया.

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Published : Nov 30, 2019, 10:04 AM IST

Updated : Nov 30, 2019, 10:25 AM IST

begusarai sadar hospital
dr rajendra prasad

बेगूसराय: जिले के सदर अस्पताल जो देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर था. उसको बदल कर केवल सदर अस्पताल कर दिया गया है. जिससे राजेन्द्र प्रसाद के चाहने वाले प्रशासन से नाराज है और उनकी मांग है कि जल्द से जल्द इसको लगाया जाए, वरना इसको लेकर आंदोलन करना पड़ेगा.

सदर अस्पताल से हटाया राजेंद्र प्रसाद का नाम
दरअसल कुछ सालों पहले सदर अस्पताल का नाम देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद सदर अस्पताल बेगूसराय था. लेकिन अब डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का नाम हटाकर सिर्फ सदर अस्पताल बेगूसराय लिखवा दिया गया है. जिसको लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं और लोगों ने सवाल खड़े किए हैं.

begusarai sadar hospital
क्या है अस्पताल से नाम हटाने की वजह

सौंदर्यीकरण के नाम पर बदलाव
बताया जाता है कि साल 2017 से पहले सदर अस्पताल का नाम देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद सदर अस्पताल रखा गया था, लेकिन सदर अस्पताल के सौंदर्यीकरण के लिए रंग रोगन करवाया गया और उसी दौरान राजेंद्र बाबू के नाम को अस्पताल के बोर्ड से मिटा दिया गया.

क्या है अस्पताल से नाम हटाने की वजह
सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप सिन्हा ने बताया कि पहले में हर हर महादेव चौक पर स्थापित राजेंद्र बाबू की प्रतिमा को इसलिए सदर अस्पताल में लाया गया था क्योंकि बेगूसराय सदर अस्पताल राजेंद्र बाबू के नाम से संचालित था. इसमें एनएच के विस्तारीकरण के मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा एनएच से हटाकर जिला प्रशासन की देखरेख में सदर अस्पताल में स्थापित की गई. उन्होंने कहा कि तब से इस अस्पताल का नाम देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद सदर अस्पताल था. लेकिन स्वास्थ्य विभाग एवं स्थानीय अस्पताल प्रबंधन की मनमानी की वजह से उनके नाम को मिटाने की कोशिश की जा रही है. जिससे बेगूसराय के लोग मर्माहत हैं.

सदर अस्पताल के बोर्ड से हटाया गया डॉ राजेंद्र प्रसाद का नाम

प्रशासन करे जांच
जिला नगर निगम के पूर्व मेयर अशोक अग्रवाल ने कहा कि अगर राजेंद्र बाबू के नाम से सदर अस्पताल का नाम था तो प्रशासन को इसकी जांच करनी चाहिए कि आखिर चूक कहां हुई. किस वजह से उनके नाम को हटाना पड़ा. क्योंकि राजेंद्र बाबू एक आम व्यक्ति नहीं देश रत्न और भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे. अशोक अग्रवाल ने बताया राजेंद्र बाबू के नाम पर जिले में राजेंद्र पुल, सुधा डेयरी सहित तमाम कई लैंड मार्क पहले से स्थापित हैं. तो सदर अस्पताल का नाम किसके आदेश से बदल दिया गया. प्रशासन इसमें हस्तक्षेप कर अविलंब राजेंद्र बाबू के नाम को पुनः स्थापित करे.

बेगूसराय: जिले के सदर अस्पताल जो देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर था. उसको बदल कर केवल सदर अस्पताल कर दिया गया है. जिससे राजेन्द्र प्रसाद के चाहने वाले प्रशासन से नाराज है और उनकी मांग है कि जल्द से जल्द इसको लगाया जाए, वरना इसको लेकर आंदोलन करना पड़ेगा.

सदर अस्पताल से हटाया राजेंद्र प्रसाद का नाम
दरअसल कुछ सालों पहले सदर अस्पताल का नाम देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद सदर अस्पताल बेगूसराय था. लेकिन अब डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का नाम हटाकर सिर्फ सदर अस्पताल बेगूसराय लिखवा दिया गया है. जिसको लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं और लोगों ने सवाल खड़े किए हैं.

begusarai sadar hospital
क्या है अस्पताल से नाम हटाने की वजह

सौंदर्यीकरण के नाम पर बदलाव
बताया जाता है कि साल 2017 से पहले सदर अस्पताल का नाम देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद सदर अस्पताल रखा गया था, लेकिन सदर अस्पताल के सौंदर्यीकरण के लिए रंग रोगन करवाया गया और उसी दौरान राजेंद्र बाबू के नाम को अस्पताल के बोर्ड से मिटा दिया गया.

क्या है अस्पताल से नाम हटाने की वजह
सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप सिन्हा ने बताया कि पहले में हर हर महादेव चौक पर स्थापित राजेंद्र बाबू की प्रतिमा को इसलिए सदर अस्पताल में लाया गया था क्योंकि बेगूसराय सदर अस्पताल राजेंद्र बाबू के नाम से संचालित था. इसमें एनएच के विस्तारीकरण के मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा एनएच से हटाकर जिला प्रशासन की देखरेख में सदर अस्पताल में स्थापित की गई. उन्होंने कहा कि तब से इस अस्पताल का नाम देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद सदर अस्पताल था. लेकिन स्वास्थ्य विभाग एवं स्थानीय अस्पताल प्रबंधन की मनमानी की वजह से उनके नाम को मिटाने की कोशिश की जा रही है. जिससे बेगूसराय के लोग मर्माहत हैं.

सदर अस्पताल के बोर्ड से हटाया गया डॉ राजेंद्र प्रसाद का नाम

प्रशासन करे जांच
जिला नगर निगम के पूर्व मेयर अशोक अग्रवाल ने कहा कि अगर राजेंद्र बाबू के नाम से सदर अस्पताल का नाम था तो प्रशासन को इसकी जांच करनी चाहिए कि आखिर चूक कहां हुई. किस वजह से उनके नाम को हटाना पड़ा. क्योंकि राजेंद्र बाबू एक आम व्यक्ति नहीं देश रत्न और भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे. अशोक अग्रवाल ने बताया राजेंद्र बाबू के नाम पर जिले में राजेंद्र पुल, सुधा डेयरी सहित तमाम कई लैंड मार्क पहले से स्थापित हैं. तो सदर अस्पताल का नाम किसके आदेश से बदल दिया गया. प्रशासन इसमें हस्तक्षेप कर अविलंब राजेंद्र बाबू के नाम को पुनः स्थापित करे.

Intro:नोट-कुछ इम्पोर्टेन्ट विसुअल इस खबर से जुड़े अभी wrap से भेजा हूँ कृपया इसमें एड कर दें।


एंकर- लोगों की जुबान तथा दिल में भले ही महापुरुषों के नाम जीवित हो लेकिन सरकारी पदाधिकारी अब या तो उनके नाम भूलते जा रहे हैं या उनके द्वारा नाम मिटाने की कोशिश की जा रही है। ऐसा ही मामला बेगूसराय के सदर अस्पताल में देखने को मिल रहा है जब सदर अस्पताल बेगूसराय के नाम से देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद का नाम हटा दिया गया।
दरअसल कुछ वर्षों पूर्व बेगूसराय सदर अस्पताल का नाम देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद सदर अस्पताल बेगूसराय था लेकिन अब डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का नाम हटाकर सिर्फ सदर अस्पताल बेगूसराय लिखवा दिया गया है जिसको लेकर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय लोगों ने सवाल खड़े किए हैं ।
एक रिपोर्ट


Body:vo- वर्ष 2017 से पूर्व बेगूसराय सदर अस्पताल का नाम देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद सदर अस्पताल रखा गया था लेकिन गत वर्ष सदर अस्पताल के सौंदर्यीकरण के लिए रंग रोगन करवाया गया और उसी दौरान राजेंद्र बाबू के नाम को अस्पताल के बोर्ड से मिटा दिया गया, जबकि स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि पूर्व में हर हर महादेव चौक पर स्थापित राजेंद्र बाबू की प्रतिमा को इसलिए सदर अस्पताल में लाया गया था क्योंकि बेगूसराय सदर अस्पताल राजेंद्र बाबू के नाम से संचालित था तथा एनएच के विस्तारीकरण के मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा NH से हटाकर जिला प्रशासन की देखरेख में सदर अस्पताल में स्थापित की गई थी ।तब से इस अस्पताल का नाम देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद सदर अस्पताल था लेकिन स्वास्थ्य विभाग एवं स्थानीय अस्पताल प्रबंधन की मनमानी की वजह से उनके नाम को मिटाने की कोशिश की जा रही है जिससे बेगूसराय के लोग मर्माहत हैं।
बाइट- दिलीप सिन्हा, सामाजिक कार्यकर्ता।
vo- इस मामले को लेकर समाज के प्रबुद्ध लोग सवाल खड़े कर रहे हैं बेगूसराय नगर निगम के पूर्व मेयर अशोक अग्रवाल का मानना है कि अगर राजेंद्र बाबू के नाम से सदर अस्पताल का नाम था तो प्रशासन को इसकी जांच करनी चाहिए कि आखिर चूक कहां हुई ,किस वजह से उनके नाम को हटाना पड़ा क्योंकि राजेंद्र बाबू एक आम व्यक्ति नहीं देश रत्न व भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे। अशोक अग्रवाल ने बताया राजेंद्र बाबू के नाम पर जिले में राजेंद्र पुल, सुधा डेयरी सहित तमाम कई लैंड मार्क पूर्व से स्थापित हैं तो सदर अस्पताल का नाम किसके आदेश से बदल दिया गया ।प्रशासन इसमें हस्तक्षेप कर अविलंब राजेंद्र बाबू के नाम को पुनः स्थापित करें ।

बाइट अशोक अग्रवाल पूर्व मेयर,नगर निगम बेगूसराय

पीटीसी-आशीष कुमार,संवाददाता



Conclusion:fvo- बहरहाल जो भी हो देश की राजनीति में लगातार ये बातें चर्चा का विषय रही हैं कि भाजपा शासित केंद्र सरकार लगातार पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम से स्थापित योजनाएं ,भवनों और सड़कों के नाम राजनीतिक साजिश के तहत बदल रही है, लेकिन जिस तरीके से बेगूसराय में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के नाम को विलोपित करने का प्रयास किया गया उससे आमलोग तो मर्माहत हैं हीं एक नया सियाशी बबाल भी खड़ा हो सकता है।
Last Updated : Nov 30, 2019, 10:25 AM IST
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