बेगूसरायः कलयुग के इस दौर में एक ठेला चालक ने ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए इंसानियत को जिंदा रखने का काम किया. घटना एनएच-31 स्थित पावर हाउस के पास की है. जब एक ठेला चालक को रुपयों से भरा बैग मिला. बैग लेने के बाद उस ठेला चालक ने उसमें रखे बैंक के कागजात के सहारे उस रुपये को उस आदमी तक पहुंचा दिया जिसकी वह अमानत थी.
एनएच-31 पर गिरा था रुपयों से भरा बैग
दरअसल बेगूसराय जिला के बाघा निवासी ठेला चालक कारी महतो ने एनएच-31स्थित पावर हाउस चौक के समीप पालीथिन का एक बैग मिला. उस बैग में आठ हजार रुपये के अलावे, बैंक पासबुक और कुछ जरूरी कागजात थे. कारी महतो ने इंसानियत को जिंदा रखते हुए उस बैग को बालू-गिट्टी व्यवसायी त्रिलोकी सिंह को दिखाते हुए इस रुपये को इसके असल मालिक तक पहुंचाने की जिद की.
बैंक पास बुक से हुई रुपये के मालिक की खोज
इसके बाद ठेला चालक के आग्रह पर उसके मालिक त्रिलोकी सिंह ने उसकी ईमादारी से प्रभावित होकर बैंक पास बुक के जरिये बैंक से सम्पर्क साधा. त्रिलोकी सिंह ने बताया कि बैग में रखा पासबुक बैंक ऑफ इंडिया के नाम से था. बैंक स्टाफ की मदद से पता चला कि रुपये मुजफरा भवानंदपुर निवासी मो.खुर्शीद का है. इसके बाद खुर्शीद को फोन कर बुलाया गया. ठेला चालक कारी महतो ने रुपये से भरा बैग मोहमद खुर्सीद को सौंप कर अपनी जवाबदेही से छुटकारा पाया.
ईमानदार कारी महतो की हर तरफ हो रही चर्चा
मो.खुर्शीद ने बताया कि वह बीड़ी मजदूर है. बैंक से रुपये निकाल कर घर जाने के दौरान रास्ते में बैग गिर गया था. इस घटना को देखने वाले जहां कारी महतो की इंसानियत की तारीफ कर रहे थे. वहीं, मोहमद खुर्शीद की आंखों में अपने खोये हुए रुपये पाकर खुशी के आंसू छलक रहे थे. ठेला चालक के इस ईमानदारी की चर्चा आज हर तरफ हो रही है.