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माउंटेन मैन दशरथ मांझी की राह पर बांका के लोग, सरकार ने नहीं सुनी गुहार तो खुद बना डाली 500 मीटर लंबी सड़क

Villagers Built Road In Banka: बांका में सड़क नहीं रहने को लेकर कई बार शिकायत करने के बावजूद जब सरकार व प्रशासन ने अनदेखी की तब ग्रामीणों ने खुद ही मांझी द माउंटेन मैन बनने की ठान ली. मुख्यालय जाने में हो रही परेशानी को देखते हुए ग्रामीणों ने खुद ही कुदाल उठा कर सड़क का निर्माण कर लिया.

बांका में ग्रामीणों ने बनाया सड़क
बांका में ग्रामीणों ने बनाई सड़क
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 16, 2023, 7:17 PM IST

बांका में ग्रामीणों ने बनाई 500 मीटर लंबी सड़क

बांका: सरकार व प्रशासन चाहे विकास के लाख दावे कर ले, लेकिन अक्सर ही ऐसी तस्वीर निकल कर सामने आती है, जो उनके दावों की पोल खोलती नजर आती है. सरकार का कहना है कि बिहार में विकास की गंगा बहाई जा रही है. सड़क, हाइवेज, एयरपोर्ट आदि का निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है ताकि व्यापार, रोजगार जैसी चीजों को बढ़ावा मिल सके, लेकिन दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों से जो तस्वीर निकलकर सामने आती है, वो बेहद ही चौंकाने वाली होती है.

मिनटों की दूरी, घंटों में तय करते थे ग्रामीण: आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क के अभाव में लोग जो दूरी महज मिनटों में तय की जा सकती थी, उसके लिए घंटों लग रहे हैं. सड़कों के लिए कई बार स्थानीय लोग प्रशासन व जन प्रतिनिधियों से गुहार लगाकर थक गए, लेकिन सड़क लापता है. इस मुसीबत का हल निकालने के उन्होंने खुद ही सड़क बना डाला.

खेतों से होकर जाना पड़ता है मुख्यालय
खेतों से होकर जाना पड़ता था मुख्यालय

कुदाल उठाकर खुद बनाई सड़क: पूरा मामला बिहार के बांका जिले के प्रखंड मुख्यालय से एक किलोमीटर दूर कनोदिया गांव का है जहांं पदाधिकारियों से लेकर जन प्रतिनिधियों तक लगातार गुहार लगाने के बाद भी सड़क नहीं बनी तो ग्रामीणों ने थक-हारकर खुद ही कुदाल उठाकर 500 मिटर लंबी सड़क का निर्माण कर दिया. सड़क बनाने में आने वाले खर्च के लिए उन्होंने आपस में चंदा भी किया.

मुख्यालय जाने के लिए होती थी परेशानी : ग्रामीणों ने बताया कि पक्की सड़क से उस पीसीसी सड़क तक जाने के लिए कोई रास्ता नहीं था. वहां तक जाने के लिए उन्हें खेतों का सहारा लेना पड़ता था. जबकि बारिश के दिनों में खेतों में पानी होने के कारण उन्हें चार किलोमीटर दूसरे रास्ते से घूम कर मुख्यालय आना पड़ता था, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती थी.

सड़क का हाल
सड़क का निर्माण कार्य

"पक्की सड़क से गांव की पीसीसी को जोड़ने के लिए बीच में एक छोटा बेहंगा जोड़ भी है. जिस पर एक छोटी पुल के साथ पक्की सड़क या कच्ची सड़क बनाने की मांग लगातार कई बरसों से की जा रही है, लेकिन इस पर किसी का कोई ध्यान नहीं गया. लोगों को पक्की सड़क पर जाकर वाहन पकड़ने में परेशानी होती है."- महेश राय, ग्रामीण

रास्ता बनाकर निकाला हल: पंचायत प्रतिनिधियों से पूरी तरह निराशा मिलने के बाद कनोदिया आदिवासी टोला और राय टोला के युवाओं ने इस परेशानी को खत्म करने के लिए अपनी मेहनत और चंदा इकट्ठा कर करीब 500 मीटर सड़क निर्माण कर दिया. साथ ही बेहंगा जोड़ पार करने के लिए डायवर्जन का भी निर्माण किया, जिससे ग्रामीणों को काफी राहत होगी.

सड़क निर्माण में ग्रामीणों की भूमिका: इस निर्माण कार्य में मुख्य रूप से ग्रामीण रमेश राय, विपिन राय, बसंत राय, प्रफुल्ल राय, रिंकू सोरेन, छोटेलाल मुर्मू और भोला मरांडी सहित अन्य ग्रामीणों की मेहनत है. सभी ने अपनी मेहनत और लगन से सड़क का निर्माण किया जिससे अब उनकी समस्या का तत्काल समाधान हो जाएगा.

पढ़ें: चंदा इकट्ठा कर ग्रामीणों ने बनाई सड़क, निर्माण के नाम पर जिला परिषद ने निकाले सरकारी रुपये

बांका में ग्रामीणों ने बनाई 500 मीटर लंबी सड़क

बांका: सरकार व प्रशासन चाहे विकास के लाख दावे कर ले, लेकिन अक्सर ही ऐसी तस्वीर निकल कर सामने आती है, जो उनके दावों की पोल खोलती नजर आती है. सरकार का कहना है कि बिहार में विकास की गंगा बहाई जा रही है. सड़क, हाइवेज, एयरपोर्ट आदि का निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है ताकि व्यापार, रोजगार जैसी चीजों को बढ़ावा मिल सके, लेकिन दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों से जो तस्वीर निकलकर सामने आती है, वो बेहद ही चौंकाने वाली होती है.

मिनटों की दूरी, घंटों में तय करते थे ग्रामीण: आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क के अभाव में लोग जो दूरी महज मिनटों में तय की जा सकती थी, उसके लिए घंटों लग रहे हैं. सड़कों के लिए कई बार स्थानीय लोग प्रशासन व जन प्रतिनिधियों से गुहार लगाकर थक गए, लेकिन सड़क लापता है. इस मुसीबत का हल निकालने के उन्होंने खुद ही सड़क बना डाला.

खेतों से होकर जाना पड़ता है मुख्यालय
खेतों से होकर जाना पड़ता था मुख्यालय

कुदाल उठाकर खुद बनाई सड़क: पूरा मामला बिहार के बांका जिले के प्रखंड मुख्यालय से एक किलोमीटर दूर कनोदिया गांव का है जहांं पदाधिकारियों से लेकर जन प्रतिनिधियों तक लगातार गुहार लगाने के बाद भी सड़क नहीं बनी तो ग्रामीणों ने थक-हारकर खुद ही कुदाल उठाकर 500 मिटर लंबी सड़क का निर्माण कर दिया. सड़क बनाने में आने वाले खर्च के लिए उन्होंने आपस में चंदा भी किया.

मुख्यालय जाने के लिए होती थी परेशानी : ग्रामीणों ने बताया कि पक्की सड़क से उस पीसीसी सड़क तक जाने के लिए कोई रास्ता नहीं था. वहां तक जाने के लिए उन्हें खेतों का सहारा लेना पड़ता था. जबकि बारिश के दिनों में खेतों में पानी होने के कारण उन्हें चार किलोमीटर दूसरे रास्ते से घूम कर मुख्यालय आना पड़ता था, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती थी.

सड़क का हाल
सड़क का निर्माण कार्य

"पक्की सड़क से गांव की पीसीसी को जोड़ने के लिए बीच में एक छोटा बेहंगा जोड़ भी है. जिस पर एक छोटी पुल के साथ पक्की सड़क या कच्ची सड़क बनाने की मांग लगातार कई बरसों से की जा रही है, लेकिन इस पर किसी का कोई ध्यान नहीं गया. लोगों को पक्की सड़क पर जाकर वाहन पकड़ने में परेशानी होती है."- महेश राय, ग्रामीण

रास्ता बनाकर निकाला हल: पंचायत प्रतिनिधियों से पूरी तरह निराशा मिलने के बाद कनोदिया आदिवासी टोला और राय टोला के युवाओं ने इस परेशानी को खत्म करने के लिए अपनी मेहनत और चंदा इकट्ठा कर करीब 500 मीटर सड़क निर्माण कर दिया. साथ ही बेहंगा जोड़ पार करने के लिए डायवर्जन का भी निर्माण किया, जिससे ग्रामीणों को काफी राहत होगी.

सड़क निर्माण में ग्रामीणों की भूमिका: इस निर्माण कार्य में मुख्य रूप से ग्रामीण रमेश राय, विपिन राय, बसंत राय, प्रफुल्ल राय, रिंकू सोरेन, छोटेलाल मुर्मू और भोला मरांडी सहित अन्य ग्रामीणों की मेहनत है. सभी ने अपनी मेहनत और लगन से सड़क का निर्माण किया जिससे अब उनकी समस्या का तत्काल समाधान हो जाएगा.

पढ़ें: चंदा इकट्ठा कर ग्रामीणों ने बनाई सड़क, निर्माण के नाम पर जिला परिषद ने निकाले सरकारी रुपये

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