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बांका: नाबालिग के अपहरण मामले में तीन आरोपियों को 10-10 साल सजा, 15-15 हजार रुपये जुर्माना - आरोपी को सजा

बांका व्यवहार न्यायालय ने नाबालिग के अपहरण मामले में तीन आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 15-15 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है.

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Published : Apr 8, 2021, 7:05 PM IST

बांका: शादी की नीयत से नाबालिग को अगवा करने के मामले में व्यवहार न्यायालय के एडीजे जावेद अहमद ने तीन आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. सुनवाई करते हुए जज ने दोषी तीनों आरोपी को 10 साल की सजा के साथ 15-15 हजार का जुर्माना भी लगाया.

पढ़ें: बांका: बार काउंसिल के चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज, 15 अप्रैल को मतदान

क्या था मामला
दरअसल, 2013 में बाराहाट-कटोरिया पथ स्थित पतलिखा निवासी बालेश्वर यादव ने मामला दर्ज करवाया था. आवेदन में लिखा था कि उसकी बेटी 5 वर्षों से धर्मदेव दास के घर ट्यूशन पढ़ने जाती थी. 20 अप्रैल 2013 को वह घर वापस नहीं लौटी तो परिवार वालों से पूछने पर धर्मदेव दास ने बताया था कि सुबह तक तुम्हारी बेटी वापस आ जाएगी. आरोप था कि अरदास, धर्मदेव दास और शिक्षिका सुलोचना देवी ने शादी की नीयत से उसकी बेटी का अपहरण कर लिया था. न्यायालय द्वारा अपहरण का साक्ष्य मिलने पर तीनों आरोपी को 10-10 साल की सजा और 15-15 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

पढ़ें: कोर्ट परिसर में लूटपाट: अपराधियों ने झारखंड पुलिस के जवान से 6 लाख लूटे

इस मामले में कुल 9 गवाहों के बयान दर्ज हुआ था. सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से एपीपी ब्रह्मदेव दास जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सुभाष चंद्र ने बहस में भाग लिया.

बांका: शादी की नीयत से नाबालिग को अगवा करने के मामले में व्यवहार न्यायालय के एडीजे जावेद अहमद ने तीन आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. सुनवाई करते हुए जज ने दोषी तीनों आरोपी को 10 साल की सजा के साथ 15-15 हजार का जुर्माना भी लगाया.

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क्या था मामला
दरअसल, 2013 में बाराहाट-कटोरिया पथ स्थित पतलिखा निवासी बालेश्वर यादव ने मामला दर्ज करवाया था. आवेदन में लिखा था कि उसकी बेटी 5 वर्षों से धर्मदेव दास के घर ट्यूशन पढ़ने जाती थी. 20 अप्रैल 2013 को वह घर वापस नहीं लौटी तो परिवार वालों से पूछने पर धर्मदेव दास ने बताया था कि सुबह तक तुम्हारी बेटी वापस आ जाएगी. आरोप था कि अरदास, धर्मदेव दास और शिक्षिका सुलोचना देवी ने शादी की नीयत से उसकी बेटी का अपहरण कर लिया था. न्यायालय द्वारा अपहरण का साक्ष्य मिलने पर तीनों आरोपी को 10-10 साल की सजा और 15-15 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

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इस मामले में कुल 9 गवाहों के बयान दर्ज हुआ था. सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से एपीपी ब्रह्मदेव दास जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सुभाष चंद्र ने बहस में भाग लिया.

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