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बांकाः 53 लाख की लागात से बना पुल और सड़क 2 साल में हुआ क्षतिग्रस्त, कभी भी हो सकता है जमीनदोज

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Published : Jun 24, 2020, 4:56 PM IST

Updated : Jun 24, 2020, 10:01 PM IST

53 लाख 50 हजार की लागत से सड़क और पुल का निर्माण किया गया. लेकिन निर्माण के महज दो वर्ष में ही क्षतिग्रस्त हो गया. बरसात के मौसम ग्रामीणों को दूसरे गांव और प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूटने का डर सता रहा है.

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बांकाः कटोरिया प्रखंड के मोथाबाड़ी पंचायत का लक्ष्मणाडीह गांव कभी भी टापू में तब्दील हो सकता है. ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत दो वर्ष पूर्व ही 53 लाख 50 हजार की लागत से सड़क और पुल का निर्माण हुआ. लेकिन निर्माण के दो साल बाद ही पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है और कभी भी जमीनदोज हो सकता है.

इस रास्ते से मालवाहक वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है. लोग सिर्फ पैदल ही गुजर रहे हैं. पुल के बेसमेंट से पत्थर और बोल्डर खिसक गया है. वहीं, पुल में दरार आने से धंस गया है. ग्रामीण बमबम यादव ने बताया कि लक्ष्मणाडीह को मोथाबाड़ी पंचायत और प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाला एकमात्र रास्ता है. ग्रामीण कार्य विभाग टू बांका द्वारा 2018 में 53 लाख 50 हजार की लागत से सड़क और पुल का निर्माण हुआ. सीएम नीतीश कुमार ने रिमोट से इस पुल और सड़क का उद्घाटन किया था.

पेश है रिपोर्ट

तीन तरफ नदी से घिरा है लक्ष्मणाडीह
ग्रामीणों ने बताया कि लक्ष्मणाडीह गांव तीन तरफ से नदी से घिरा हुआ है. सड़क पुल ही एकमात्र संपर्क का रास्ता है. लगातार बारिश होने से बाढ़ आना तय है. ऐसे में अगर बाढ़ आया तो पुल को बह जाएगा और गांव टापू में तब्दील हो जाएगा. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा कि जल्द इस पुल की मरम्मत करवायी जाए या फिर नए सिरे से पुल का निर्माण. अन्यथा 500 लोगों की आबादी वाला गांव का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से लेकर अन्य गांव से कट जाएगा.

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पुल में आया दरार

बांकाः कटोरिया प्रखंड के मोथाबाड़ी पंचायत का लक्ष्मणाडीह गांव कभी भी टापू में तब्दील हो सकता है. ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत दो वर्ष पूर्व ही 53 लाख 50 हजार की लागत से सड़क और पुल का निर्माण हुआ. लेकिन निर्माण के दो साल बाद ही पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है और कभी भी जमीनदोज हो सकता है.

इस रास्ते से मालवाहक वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है. लोग सिर्फ पैदल ही गुजर रहे हैं. पुल के बेसमेंट से पत्थर और बोल्डर खिसक गया है. वहीं, पुल में दरार आने से धंस गया है. ग्रामीण बमबम यादव ने बताया कि लक्ष्मणाडीह को मोथाबाड़ी पंचायत और प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाला एकमात्र रास्ता है. ग्रामीण कार्य विभाग टू बांका द्वारा 2018 में 53 लाख 50 हजार की लागत से सड़क और पुल का निर्माण हुआ. सीएम नीतीश कुमार ने रिमोट से इस पुल और सड़क का उद्घाटन किया था.

पेश है रिपोर्ट

तीन तरफ नदी से घिरा है लक्ष्मणाडीह
ग्रामीणों ने बताया कि लक्ष्मणाडीह गांव तीन तरफ से नदी से घिरा हुआ है. सड़क पुल ही एकमात्र संपर्क का रास्ता है. लगातार बारिश होने से बाढ़ आना तय है. ऐसे में अगर बाढ़ आया तो पुल को बह जाएगा और गांव टापू में तब्दील हो जाएगा. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा कि जल्द इस पुल की मरम्मत करवायी जाए या फिर नए सिरे से पुल का निर्माण. अन्यथा 500 लोगों की आबादी वाला गांव का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से लेकर अन्य गांव से कट जाएगा.

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पुल में आया दरार
Last Updated : Jun 24, 2020, 10:01 PM IST
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