बांका: जिले में घर नल जल योजना में कार्यरत जिले के कटोरिया प्रखंड अंतर्गत विभिन्न पंचायतों के पंप संचालकों को पिछले चार साल से मानदेय भुगतान नहीं हो पाया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय में शामिल हर इस महत्वाकांक्षी परियोजना में अधिकारियों के टालमटोल वाले रवैए से पंप संचालक परेशान हैं.
कई बार लगा चुके हैं कार्यालय का चक्कर
कटोरिया प्रखंड के विभिन्न पंचायतों से आए पंप संचालकों ने पीएचईडी कार्यालय पहुंचकर अधिकारियों से मानदेय भुगतान कराने का आग्रह किया. वहीं मानदेय भुगतान के नाम पर इस बार भी पंप संचालकों को सिर्फ अधिकारियों से आश्वासन ही मिल पाया. पंप संचालकों का कहना है मानदेय भुगतान को लेकर प्रखंड से लेकर जिला स्तरीय कार्यालय तक का दर्जनों बार चक्कर लगा चुके हैं. वेतन के नाम पर सिर्फ अधिकारियों द्वारा 10 दिनों के अंदर भुगतान करा देने की बात कही जाती है. लेकिन अधिकारियों का वह 10 दिन अब तक पूरा नहीं हो पाया है.
चार साल से नहीं हुआ है मानदेय का भुगतान
पंप संचालक दिनेश यादव ने बताया कि लगातार चार वर्षों से नल जल योजना के तहत लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने के लिए सुबह और शाम पंप चलाने के साथ-साथ देखरेख का भी काम करते हैं. मैकमिलन कंपनी द्वारा एग्रीमेंट के तहत उन्हें बहाल किया गया था. मानदेय भुगतान को लेकर जब भी बात की जाती है तो एजेंसी के लोग फोन उठाना मुनासिब नहीं समझते हैं. फोन उठाते भी हैं तो अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं.पंप संचालकों को तीन हजार प्रति माह मानदेय भुगतान किया जाना है. इसको लेकर कई बार कार्यालय का भी चक्कर लगा चुके हैं. अधिकारियों के द्वारा सिर्फ तारीख दी जाती है और मानदेय का भुगतान नहीं हो पाता है. लगातार चार वर्षों से मानदेय नहीं मिलने की वजह से अब काफी परेशानी होने लगी है.
मानदेय भुगतान के नाम पर सिर्फ आश्वासन
पंप संचालक इंद्रदेव यादव ने बताया कि सुबह और शाम लोगों के घरों तक नल जल योजना के तहत अनवरत शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम कर रहे हैं. गड़बड़ी होने पर स्वयं दुरुस्त भी करते हैं. बकाया मानदेय भुगतान को लेकर एजेंसी से लेकर अधिकारी तक सिर्फ टालमटोल का काम करते हैं. हर बार सिर्फ मानदेय भुगतान कराने के नाम पर तारीख के साथ आश्वासन ही मिलता है लेकिन भुगतान नहीं हो पाता है. आज भी पीएचईडी के अधिकारियों द्वारा वेतन भुगतान के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिला. पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि 10 दिनों के अंदर बकाया मानदेय का भुगतान कराने की दिशा में पहल की जा रही है.