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कोरोना के कारण रुकी कृष्णा बम की यात्रा, प्रत्येक सोमवार को देवघर में करती थीं जलाभिषेक - कृष्णा बम की यात्रा

कोरोना के कारण कृष्णा बम की यात्रा रुक गई है. कृष्णा पिछले 38 साल से प्रत्येक सोमवार को देवघर में जलाभिषेक करती थीं.

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कृष्णा बम की यात्रा
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Published : Jul 9, 2020, 5:32 PM IST

बांका: सावन के प्रत्येक सोमवार को किसी भी परिस्थिति में कृष्णा विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा बैजनाथ के दर्शन के लिए जाती थी. मुजफ्फरपुर की कृष्णा सावन महीने के हर सोमवार को सुल्तानगंज से जल लेकर पैदल डाक बम के रूप में बाबा के दर्शन को पहुंचती थी. लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण झारखंड सरकार ने देवघर मंदिर में प्रवेश पर रोक लगा दी है.

घर में जलाभिषेक करने का निर्णय
संक्रमण रोकने के लिए कृष्णा ने इस बार सावन के प्रत्येक सोमवारी को घर में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का निर्णय किया है. कृष्णा बम को कांवरिया पथ के लोग माता बम के नाम से भी पुकारते हैं. सावन के प्रत्येक रविवार को डाक बम के रूप में देवघर जाने के लिए अजगैबीनाथ आती थी. उसके दर्शन को शहर वासियों और कांवरिया की भीड़ उमड़ पड़ती है.

घर में करें पूजा
ईटीवी भारत से मोबाइल पर बातचीत में कृष्णा ने बताया कि शिव भक्ति से बड़ी पूजा संसार में कोई पूजा नहीं है. कोरोना काल में हर घर में शिवलिंग रखकर पूजा करनी चाहिए. कृष्णा बम इस बार देवघर आती तो डाक बम के रूप में उनका 39 वर्ष होता.

सरकार का निर्णय सर्वोपरि
2006 में सुल्तानगंज से देवघर दंड प्रणाम करते हुए दांडी बन कर भी कृष्णा बाबाधाम आ चुकी हैं. उन्होंने बताया कि सरकार का निर्णय सर्वोपरि है. सभी भक्तों को इस बार घर में ही पूजा करनी चाहिए ताकि कोरोना जैसी महामारी का अंत हो सके. यदि सब ठीक-ठाक रहा तो अगले साल सभी को बाबा के दर्शन होंगे.

बांका: सावन के प्रत्येक सोमवार को किसी भी परिस्थिति में कृष्णा विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा बैजनाथ के दर्शन के लिए जाती थी. मुजफ्फरपुर की कृष्णा सावन महीने के हर सोमवार को सुल्तानगंज से जल लेकर पैदल डाक बम के रूप में बाबा के दर्शन को पहुंचती थी. लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण झारखंड सरकार ने देवघर मंदिर में प्रवेश पर रोक लगा दी है.

घर में जलाभिषेक करने का निर्णय
संक्रमण रोकने के लिए कृष्णा ने इस बार सावन के प्रत्येक सोमवारी को घर में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का निर्णय किया है. कृष्णा बम को कांवरिया पथ के लोग माता बम के नाम से भी पुकारते हैं. सावन के प्रत्येक रविवार को डाक बम के रूप में देवघर जाने के लिए अजगैबीनाथ आती थी. उसके दर्शन को शहर वासियों और कांवरिया की भीड़ उमड़ पड़ती है.

घर में करें पूजा
ईटीवी भारत से मोबाइल पर बातचीत में कृष्णा ने बताया कि शिव भक्ति से बड़ी पूजा संसार में कोई पूजा नहीं है. कोरोना काल में हर घर में शिवलिंग रखकर पूजा करनी चाहिए. कृष्णा बम इस बार देवघर आती तो डाक बम के रूप में उनका 39 वर्ष होता.

सरकार का निर्णय सर्वोपरि
2006 में सुल्तानगंज से देवघर दंड प्रणाम करते हुए दांडी बन कर भी कृष्णा बाबाधाम आ चुकी हैं. उन्होंने बताया कि सरकार का निर्णय सर्वोपरि है. सभी भक्तों को इस बार घर में ही पूजा करनी चाहिए ताकि कोरोना जैसी महामारी का अंत हो सके. यदि सब ठीक-ठाक रहा तो अगले साल सभी को बाबा के दर्शन होंगे.

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