बांका: जिले के धोरैया में संवेदक की घोर लापरवाही और विभागीय उदासीनता का नमूना देखने को मिल रहा है. जहां बनने के एक साल बाद ही सड़क ही हालत खस्ता हो गयी है. सीजन की पहली जोरदार बारिश में ही सड़क टूटकर बिखरने लगी है.
यह मामला धोरैया के कुर्मा में सामने आया है. वर्ष 2020 में धोरैया-नवादा मुख्य मार्ग से कुर्मा के मदरसा तक एक किलोमीटर से कुछ अधिक लंबी सड़क का निर्माण 49 लाख 23 हजार 271 रुपए की लागत से हुआ था. स्थानीय लोग संवेदक और विभाग की लापरवाही को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
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काफी मशक्कत के बाद बनी थी सड़क
धोरैया गांव की आबादी 8 हजार से अधिक है. ग्रामीणों ने बताया कि काफी मशक्कत के बाद विधायक ने इस सड़क का निर्माण कराया था. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि संवेदक और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से मनमाने तरीके से सड़क का निर्माण कार्य हुआ था.
सड़क के निर्माण में महज एक सेंटीमीटर ही मटेरियल का उपयोग किया गया था. इसके चलते ही यह हश्र हुआ है. संवेदक रामबदन सिंह ने सड़क निर्माण में घोर लापरवाही बरती है. इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ेगा. संवेदक को पांच साल तक सड़क का मेंटेनेंस करना है.
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पहली बारिश में ही टूटी सड़क
राजद नेता पप्पू यादव ने बताया कि सड़क निर्माण हो जाने से कुर्मा गांव की बड़ी आबादी को लाभ मिल रहा था लेकिन अब इसके टूटने से ग्रामीणों में मायूसी है. इसी सड़क पर पुल का निर्माण भी होना है. इसे लेकर स्थानीय राजद विधायक भूदेव चौधरी ने विधानसभा में भी इस मुद्दे उठाया था.
यह सड़क झारखंड के साथ-साथ भागलपुर को भी जोड़ती है. यह रास्ता काफी सुगम और आसान भी है लेकिन संवेदक की लापरवाही और विभागीय उदासीनता का खामियाजा ग्रामीणों का भुगतना पड़ेगा. यादव का कहना है कि अविलंब इस सड़क का मरम्मत कार्य शुरू करवाया जाए, ताकि लोगों का आवागमन सुगम हो सके.
दिया गया जांच का आदेश
ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य अंचल भागलपुर के अधीक्षण अभियंता अरशद आलम ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. इसको लेकर बांका के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार को अविलंब सड़क मरम्मत कराने का निर्देश दिया गया है. साथ ही सड़क निर्माण में किस स्तर पर चूक हुई है और सड़क क्यों टूटी, इसकी भी जांच कराने को कहा गया है ताकि दोषियों पर विभागीय कार्रवाई हो सके.