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बांकाः 9 महीने के बाद खुला स्कूल, कोर्स कंप्लीट करना सबसे बड़ी चुनौती - थर्मल स्क्रीनिंग

एसएस बालिका उच्च विद्यालय के प्रधानाचार्य बानी सिंह ने बताया कि सबसे बड़ी चुनौती छात्राओं के कोर्स कंप्लीट कराने की है. शिक्षक ज्यादा से ज्यादा क्लास अटेंड कर छात्राओं के कोर्स को पूरा करने का कोशिश करेंगे.

एसएस बालिका उच्च विद्यालय
एसएस बालिका उच्च विद्यालय
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Published : Jan 4, 2021, 1:02 PM IST

बांकाः वैश्विक महामारी कोरोना के चलते हर तबका परेशान रहा. कोरोना के चलते स्कूली बच्चों की पढ़ाई भी पूरी तरह से प्रभावित रही. 10 महीने के लंबे अंतराल के बाद सरकार ने कोरोना गाइडलाइन के तहत हाई स्कूलों को खोल दिया है. बांका के एसएस बालिका उच्च विद्यालय में छात्राएं पढ़ाई करने पूरे उत्साह के साथ पहुंची.

की गई थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजिंग
एसएस बालिका हाई स्कूल में पहुंची छात्राओं का स्कूल परिसर में शिक्षकों ने थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइज किया. जिन छात्रों ने मास्क नहीं लगाया था उन्हें स्कूल की ओर से मास्क दिया गया. क्लास रूम में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया गया. एक डेस्क पर मात्र दो ही छात्राओं को बैठने की इजाजत दी गई.

क्लास में बैठीं छात्राएं
क्लास में बैठीं छात्राएं

शिक्षक करेंगे कोर्स कंप्लीट कराने की कोशिश
एसएस बालिका उच्च विद्यालय के प्रधानाचार्य बानी सिंह ने बताया कि सरकार के जरिए जारी किए गए गाइडलाइन के तहत स्कूल खुला है. पूर्व में भी इसकी तैयारियां की जा रही थी.

'इस स्कूल में 1 हजार 600 छात्राएं नामांकित है. सरकार ने 50 प्रतिशत छात्राओं को आने की अनुमति दी है. सबसे बड़ी चुनौती छात्राओं के कोर्स कंप्लीट कराने की है. उसके लिए भी रूपरेखा तैयार कर दी गई है. शिक्षक ज्यादा से ज्यादा क्लास अटेंड कर कोर्स पूरा कराने का कोशिश करेंगे'- बानी सिंह, प्रधानाचार्य

एसएस बालिका उच्च विद्यालय
एसएस बालिका उच्च विद्यालय, बांका

'9 महीने तक कोरोना के चलते स्कूल बंद रहा. जिसके चलते पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हुई है. अब इस बात की खुशी है कि लंबे अर्से के बाद स्कूल खुल गया है'- तान्या कुमारी, छात्रा

'स्कूल खुलने से बेहद खुश हैं. लंबे अरसे तक स्कूल बंद रहने से घर में पड़े पड़े बोर हो रहे थे. स्कूल खुलने से अब पढ़ाई सुचारू रूप से चलेगी'- रूबी कुमारी, छात्रा

देखें रिपोर्ट

हालांकि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. इसलिए मास्क लगाकर छात्राएं स्कूल पहुंच रही हैं. स्कूल बंद रहने से कोर्स कंप्लीट नहीं हो पाया है इसके लिए बच्चियों को दोगुनी मेहनत करनी होगी.

बांकाः वैश्विक महामारी कोरोना के चलते हर तबका परेशान रहा. कोरोना के चलते स्कूली बच्चों की पढ़ाई भी पूरी तरह से प्रभावित रही. 10 महीने के लंबे अंतराल के बाद सरकार ने कोरोना गाइडलाइन के तहत हाई स्कूलों को खोल दिया है. बांका के एसएस बालिका उच्च विद्यालय में छात्राएं पढ़ाई करने पूरे उत्साह के साथ पहुंची.

की गई थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजिंग
एसएस बालिका हाई स्कूल में पहुंची छात्राओं का स्कूल परिसर में शिक्षकों ने थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइज किया. जिन छात्रों ने मास्क नहीं लगाया था उन्हें स्कूल की ओर से मास्क दिया गया. क्लास रूम में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया गया. एक डेस्क पर मात्र दो ही छात्राओं को बैठने की इजाजत दी गई.

क्लास में बैठीं छात्राएं
क्लास में बैठीं छात्राएं

शिक्षक करेंगे कोर्स कंप्लीट कराने की कोशिश
एसएस बालिका उच्च विद्यालय के प्रधानाचार्य बानी सिंह ने बताया कि सरकार के जरिए जारी किए गए गाइडलाइन के तहत स्कूल खुला है. पूर्व में भी इसकी तैयारियां की जा रही थी.

'इस स्कूल में 1 हजार 600 छात्राएं नामांकित है. सरकार ने 50 प्रतिशत छात्राओं को आने की अनुमति दी है. सबसे बड़ी चुनौती छात्राओं के कोर्स कंप्लीट कराने की है. उसके लिए भी रूपरेखा तैयार कर दी गई है. शिक्षक ज्यादा से ज्यादा क्लास अटेंड कर कोर्स पूरा कराने का कोशिश करेंगे'- बानी सिंह, प्रधानाचार्य

एसएस बालिका उच्च विद्यालय
एसएस बालिका उच्च विद्यालय, बांका

'9 महीने तक कोरोना के चलते स्कूल बंद रहा. जिसके चलते पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हुई है. अब इस बात की खुशी है कि लंबे अर्से के बाद स्कूल खुल गया है'- तान्या कुमारी, छात्रा

'स्कूल खुलने से बेहद खुश हैं. लंबे अरसे तक स्कूल बंद रहने से घर में पड़े पड़े बोर हो रहे थे. स्कूल खुलने से अब पढ़ाई सुचारू रूप से चलेगी'- रूबी कुमारी, छात्रा

देखें रिपोर्ट

हालांकि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. इसलिए मास्क लगाकर छात्राएं स्कूल पहुंच रही हैं. स्कूल बंद रहने से कोर्स कंप्लीट नहीं हो पाया है इसके लिए बच्चियों को दोगुनी मेहनत करनी होगी.

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