बोकारो/बांका : रोजगार पाने के लिए लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं. लोगों की इसी कमजोरी का फायदा चंद चालबाज लोग उठा लेते हैं. ऐसे ही एक चालबाज के शिकार बने बिहार के तीन युवक. आस थी कि नौकरी मिलेगी, वो भी डिजिटल स्टोर में. लेकिन अब हालत माया मिली ना राम वाली हो गई है, जिंदगी थाने के चक्कर लगाते गुजर रही है.
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नौकरी दिलाने के नाम पर ठगीः दरअसल डिजिटल स्टोर में काम दिलाने के नाम पर बिहार के बांका के रहने वाले तीन युवकों से ठगी की बात सामने आई है. ठगी का आरोप चिरा चास के रहने वाले नितेश रंजन पर लगा है. युवकों ने 10 लाख 27 हजार रुपये की ठगी का आरोप लगाया है. पीड़ित तीनों युवकों ने चास थाने में आवेदन देकर नितेश रंजन के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
ठगी की कहानी, पीड़ित की जुबानीः ठगी के शिकार हुए युवक शत्रुघ्न कुमार ने कहा कि आरोपी नितेश रंजन ने उसे कहीं का नहीं छोड़ा है. नौकरी के नाम पर पहले नगद रकम ली, उसके बाद नितेश रंजन ने 5 सितंबर को स्कोपनिक्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर का ऑफर लेटर दिया. उसके बाद कंपनी की स्थिति ठीक नहीं होने पर पैसा वापस करने की बात कह स्टेट बैंक से लोन करा दिया और उसकी भी राशि ले ली. जब पैसे की मांग की तो नितेश रंजन के बदले उसकी पत्नी ने फोन उठाना शुरू किया और पैसे मांगने पर एससी एसटी एक्ट में फंसा कर जेल भेजने की धमकी देने लगी. युवक ने कहा कि हम इतने परेशान हो चुके हैं कि हमारे सामने आत्महत्या छोड़कर कोई रास्ता ही नहीं बचा है.
पुलिस ने शुरू की जांचः बिहार के बांका के रहने वाले तीनों युवक जो ठगी के शिकार हुए हैं उनके नाम हैं शत्रुघ्न कुमार, सरजीत मंडल और अभिनंदन शर्मा. चास थाना प्रभारी मोहम्मद रुस्तम ने आवेदन लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है. बांका के रहने वाले तीनों युवकों से डिजिटल स्टोर में काम देने के नाम पर राशि ली गई है. वहीं आरोपी से भी अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है.