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बांका: खेत में जुताई करवा रहा था किसान तभी गिरी आकाशीय बिजली, मौत से पसरा मातम - रजौन थाना क्षेत्र

बांका में आकाशीय बिजली (Thunderclap) गिरने से एक किसान की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि किसान घटना के समय ट्रैक्टर से धान की रोपाई के लिए खेत जुताई करवा रहे थे.

बिजली
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Published : Jul 29, 2021, 10:13 AM IST

Updated : Jul 29, 2021, 2:09 PM IST

बांका: बिहार में मॉनसून (Bihar Monsoon) के एंट्री के बाद वज्रपात भी अपना कहर बरपा रहा है. इसी क्रम में बिहार के बांका (Banka) जिले में वज्रपात (Thunderclap In Banka) की चपेट में आने से एक किसान की मौत हो गई है. घटना में मृतक किसान की पहचान बेचन यादव (55 वर्षीय) के रूप में की गई है.

इसे भी पढ़ें: मोतिहारी में वज्रपात का कहर, मां-बेटी समेत तीन की मौत, तीन जख्मी

घटना रजौन थाना क्षेत्र (Rajoun Police Station) के अंतर्गत झिकटा गांव की है. जहां मुसलाधार बारिश के बीच वज्रपात से एक किसान की मौत हो गई. घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि किसान बेचन यादव गांव के शीतला स्थान के समीप ट्रैक्टर से धान की रोपाई के लिए खेत जुताई करवा रहे थे.

ये भी पढ़ें: Bihar Weather Update: बिहार में वज्रपात और भारी बारिश की संभावना, मौसम विभाग ने की सावधानी बरतने की अपील

घटना के बाद ग्रामीणों ने आनन-फानन में बेचन यादव को ग्रामीण चिकित्सक के पास लेकर गए. जहां चिकित्सक ने किसान को मृत घोषित कर दिया. घटना की जानकारी गांव सहित आस-पास के लोगों को मिलते ही हड़कंप मच गया.

हालांकि मृतक किसान के 6 बेटियों में से पांच की शादी हो चुकी है. बेचन यादव की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. ग्रामीण पंकज और मृतक के परिजन दयानंद यादव ने घटना की जानकारी रजौन थाना सहित सीओ को दी. फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है. साथ ही आपदा के तहत मृतक के आश्रितों को मुआवजा दिलाने की कार्रवाई की जा रही है.

थानाध्यक्ष बुद्धदेव पासवान ने बताया कि किसान के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है. सीओ मो. मोइनुद्दीन ने बताया कि सरकारी प्रावधान के अनुसार मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट और प्राथमिकी के आधार पर आपदा राहत से मुआवजा देने की प्रक्रिया की शुरू की जाएगी.

बता दें कि बिहार में आए दिन वज्रपात के कारण किसी न किसी की मौत हो जाती है. यह आकाशीय बिजली कैसे और क्यों गिरती है यह जानना जरूरी है. बता दें कि जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं. भारी कण नीचे जमा होते हैं और निगेटिव चार्ज हो जाते हैं. जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है, तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है.

अधिकतर बिजली बादल में बनती है और वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है. आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज होती है. आकाशीय बिजली में लाखों-अरबों वोल्ट की ऊर्जा होती है. बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गरज होती है. बिजली आसमान से धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है.

यदि आपको अपने इलाके में बिजली गिरने की संभावना दिखे तो उससे बचने के लिए सावधानी बरतना चाहिए. बिजली आसमान में अंधेरा छा जाये और तेज हवा हो तो सतर्क हो जाना चाहिए. यदि आप गड़गड़ाहट सुनते हैं तो समझ लें कि वज्रपात होने वाला है. जब तक बिल्कुल आवश्यक न हो बाहर न निकलें. यदि संभव हो तो यात्रा से बचें. साइकिल, बाइक, ट्रैक्टर आदि वाहनों से नीचे उतर जाना चाहिए क्योंकि यह बिजली को आकर्षिक कर सकते हैं.

वज्रपात के दौरान अपने घर के खिड़कियों और दरवाजों को बंद कर देना चाहिए. बच्चों का खास ध्यान रखना चाहिए. बिजली के उपकरण को बंद कर दें. वज्रपात होने पर धातु के औजार जैसे कुदाल, कुल्हाड़ी, छाता, धातु का झूला, धातु की कुर्सी, कैंची, चाकू आदि जैसी धातु की वस्तुओं से निकटता से बचना चाहिए. वज्रपात होने पर दोनों पैरों और घुटनों को मोड़कर फर्श पर बैठ जाना चाहिए. इसके साथ ही कान दोनों हाथों से बंद कर लेना चाहिए.

बांका: बिहार में मॉनसून (Bihar Monsoon) के एंट्री के बाद वज्रपात भी अपना कहर बरपा रहा है. इसी क्रम में बिहार के बांका (Banka) जिले में वज्रपात (Thunderclap In Banka) की चपेट में आने से एक किसान की मौत हो गई है. घटना में मृतक किसान की पहचान बेचन यादव (55 वर्षीय) के रूप में की गई है.

इसे भी पढ़ें: मोतिहारी में वज्रपात का कहर, मां-बेटी समेत तीन की मौत, तीन जख्मी

घटना रजौन थाना क्षेत्र (Rajoun Police Station) के अंतर्गत झिकटा गांव की है. जहां मुसलाधार बारिश के बीच वज्रपात से एक किसान की मौत हो गई. घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि किसान बेचन यादव गांव के शीतला स्थान के समीप ट्रैक्टर से धान की रोपाई के लिए खेत जुताई करवा रहे थे.

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घटना के बाद ग्रामीणों ने आनन-फानन में बेचन यादव को ग्रामीण चिकित्सक के पास लेकर गए. जहां चिकित्सक ने किसान को मृत घोषित कर दिया. घटना की जानकारी गांव सहित आस-पास के लोगों को मिलते ही हड़कंप मच गया.

हालांकि मृतक किसान के 6 बेटियों में से पांच की शादी हो चुकी है. बेचन यादव की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. ग्रामीण पंकज और मृतक के परिजन दयानंद यादव ने घटना की जानकारी रजौन थाना सहित सीओ को दी. फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है. साथ ही आपदा के तहत मृतक के आश्रितों को मुआवजा दिलाने की कार्रवाई की जा रही है.

थानाध्यक्ष बुद्धदेव पासवान ने बताया कि किसान के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है. सीओ मो. मोइनुद्दीन ने बताया कि सरकारी प्रावधान के अनुसार मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट और प्राथमिकी के आधार पर आपदा राहत से मुआवजा देने की प्रक्रिया की शुरू की जाएगी.

बता दें कि बिहार में आए दिन वज्रपात के कारण किसी न किसी की मौत हो जाती है. यह आकाशीय बिजली कैसे और क्यों गिरती है यह जानना जरूरी है. बता दें कि जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं. भारी कण नीचे जमा होते हैं और निगेटिव चार्ज हो जाते हैं. जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है, तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है.

अधिकतर बिजली बादल में बनती है और वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है. आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज होती है. आकाशीय बिजली में लाखों-अरबों वोल्ट की ऊर्जा होती है. बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गरज होती है. बिजली आसमान से धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है.

यदि आपको अपने इलाके में बिजली गिरने की संभावना दिखे तो उससे बचने के लिए सावधानी बरतना चाहिए. बिजली आसमान में अंधेरा छा जाये और तेज हवा हो तो सतर्क हो जाना चाहिए. यदि आप गड़गड़ाहट सुनते हैं तो समझ लें कि वज्रपात होने वाला है. जब तक बिल्कुल आवश्यक न हो बाहर न निकलें. यदि संभव हो तो यात्रा से बचें. साइकिल, बाइक, ट्रैक्टर आदि वाहनों से नीचे उतर जाना चाहिए क्योंकि यह बिजली को आकर्षिक कर सकते हैं.

वज्रपात के दौरान अपने घर के खिड़कियों और दरवाजों को बंद कर देना चाहिए. बच्चों का खास ध्यान रखना चाहिए. बिजली के उपकरण को बंद कर दें. वज्रपात होने पर धातु के औजार जैसे कुदाल, कुल्हाड़ी, छाता, धातु का झूला, धातु की कुर्सी, कैंची, चाकू आदि जैसी धातु की वस्तुओं से निकटता से बचना चाहिए. वज्रपात होने पर दोनों पैरों और घुटनों को मोड़कर फर्श पर बैठ जाना चाहिए. इसके साथ ही कान दोनों हाथों से बंद कर लेना चाहिए.

Last Updated : Jul 29, 2021, 2:09 PM IST
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