बांका: बिहार के बांका जिले के चांदन प्रखंड अंतर्गत (Crime In Banka) बेलहर थाना के नक्सल प्रभावित चतराहन गांव से (Doctor Kidnapped By Criminals In Banka) ग्रामीण चिकित्सक उमेश वर्णवाल को बोलेरो सवार अपराधियों ने गुरुवार रात घर से (Doctor Umesh Varnwal Kidnaped From Belhar) अगवा कर लिया. घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीणों में दहशत का माहौल कायम हो गया. जिसके बाद डॉक्टर की तलाश में ग्रामीण जुट गए और जंगल पहाड़ी इलाके में खोजबीन की.
वहीं, पुलिस ने भी एसएसबी जवान के साथ मिलकर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है, लेकिन अब तक डॉक्टर का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है. घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया है. फिलहाल पुलिस सभी एंगल पर जांच कर रही है.
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घटना को नक्सलियों ने या फिर अपराधियों ने अंजाम दिया है, इसका पता नहीं चल पाया है. चर्चा फिरौती के लिए अपहरण करने की भी हो रही है. लेकिन डॉक्टर के परिजनों ने किसी से कोई दुश्मनी से भी इंकार किया है. चुनावी रंजिश में अपहरण की भी आशंका जताई जा रही है. बताया जाता है कि, अपहृत चिकित्सक मूलरूप से जमुई जिले के झाझा प्रखंड अंतर्गत रजला गांव के रहने वाले हैं, करीब डेढ़ दशक से बांका के चतराहन गांव में रहकर घूम-घूमकर लोगों का इलाज करते थे. अभी हाल में ही उन्होंने अपना क्लीनिक भी खोल लिया था. डॉक्टर उमेश वर्णवाल अपने बच्चों की शादी के बाद पत्नी के साथ चतराहन में ही रह रहे थे.
बता दें कि, घटना के दिन डॉक्टर उमेश वर्णवाल खाना खाकर घर में बैठे ही थे, तभी एक अज्ञात व्यक्ति ने आवाज दिया और दुर्घटना में घायल एक व्यक्ति की इलाज करने की बात कही. जैसे ही डॉक्टर दरवाजा खोलकर बाहर निकले, उन्हें घसीटकर बोलेरो पर बिठाकर बोड़वा झाझा की तरफ निकल गए. भीखा गांव तक बोलेरो को देखा गया है और अपराधियों की संख्या चार बताई जा रही है. वहीं, आशंका जताई जा रही है कि कोई नक्सली बीमार पड़ा होगा, जिसके इलाज के लिए नक्सलियों द्वारा डॉक्टर का अपहरण किया गया होगा. दरअसल जमुई के चंद्रमणडीह थाना क्षेत्र से एक डाक्टर की गिरफ्तारी के बाद नक्सली संगठन में बीमार पड़ने वाले नक्सलियों के इलाज के लिए कोई चिकित्सक तैयार नहीं हो रहा है.
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मामले में बेलहर थानाध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि, अपहृत डॉक्टर उमेश वर्णवाल की बरामदगी के लिए छापेमारी की जा रही है. घटना की सभी एंगल पर पुलिस जांच कर रही है.जल्द ही मामले में पुलिस को सफलता मिलेगी. दरअसल, नक्सलियों के डर से ही झाझा के रजला गांव निवासी उमेश वर्णवाल ने चांदन के चतराहन गांव में अपना बसेरा बनाया था, जहां वो ग्रामीण चिकित्सक का काम करते थे. लेकिन यहां से भी उनका अपहरण कर लिया गया है.
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