बांका: बिहार के बांका में मुखिया पर जानलेवा हमला (Deadly Attack on Mukhiya In Banka) हुआ है. चांदन प्रखंड के दक्षिणी वारने पंचायत के मुखिया सह जिला परिषद सदस्य के पति तुलसी रजक पर गुरुवार की देर रात अमजोरा गांव के पास अपराधियों ने जानलेवा हमला किया. मुखिया के कार चालक सूज बूझ दिखाते हुए गाड़ी लेकर भाग निकला. जिससे मुखिया की जान बच गयी. इस संबंध में मुखिया तुलसी रजक ने आनंदपुर ओपी में अमजोरा निवासी उदेश यादव के खिलाफ आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराया है. पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है.
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मुखिया पर जानलेवा हमला: घटना के संबंध में पीड़ित मुखिया ने बताया कि वह अपने पंचायत के अमजोरा गांव में अंबेडकर जयंती के अवसर पर कार्यक्रम में शामिल होने गये थे. कार्यक्रम में मुख्य रूप से शराबबंदी और शराब नहीं पीने को लेकर काफी देर तक लोगों को समझाया था. अंधेरा होने के बाद वे अपने घर की ओर आ रहे थे. इसी दौरान सभा स्थल से थोड़ी दूर पर अंधेरे में एक युवक कार के आगे खड़ा हो गया. कार के रुकते ही उसने गाली गलौज करते हुए मुखिया के बारे में पूछा. जिस पर मुखिया ने कहा कि हां वे गाड़ी में हैं. आरोपी युवक ने मुखिया से कहा कि वे उसे मंच पर भाषण देने क्यों नहीं दिया. इतना कहते ही युवक कार का शीशा तोड़ने का प्रयास करने लगा.
पंचायत के लोगों में आक्रोश: मुखिया ने कार का शीशा नीचे कर युवक को समझाने का प्रयास किया, जिसपर युवक ने मुखिया का कॉलर पकड़ लिया और गाली गलौज करते हुए उसे गाड़ी से खींचना चाहा, लेकिन इसी बीच मुखिया की कमीज फट जाने के कारण आरोपी का हाथ छूट गया. ड्राइवर ने मुखिया के साथ अनहोनी घटना की आशंका पर गाड़ी को काफी तेजी से वहां से निकाल दिया. इससे मुखिया की जान बच गई. इस घटना को लेकर पूरे पंचायत में काफी आक्रोश है.
आरोपी हाल में आया है जेल से बाहर: मुखिया तुलसी रजक ने बताया कि उसके चुनाव में प्रतिद्वंदी के उकसाने पर उसके साथ इस प्रकार की घटना हुई है. इससे पूर्व उस युवक से मुखिया का किसी प्रकार का कोई बातचीत नहीं हुआ था. बता दें कि आरोपी युवक को बांका न्यायालय द्वारा हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा जमानत मिलने पर हाल ही में वह जेल से बाहर आया है.
आठ महीने में आठ मुखिया की हत्या: बता दें कि बिहार में मुखिया की हत्या का ग्राफ तेजी से बढ़ा है. पिछले वर्ष पंचायत चुनाव के बाद से लगातार मुखिया की हत्या हो रही है. पिछले 8 महीने में 8 मुखिया की हत्या (Eight Mukhiya killed in Bihar in 8 months) हो चुकी है. बिहार में पंचायत चुनाव के बाद नवनिर्वाचित मुखिया की हत्या को लेकर जनप्रतिनिधियों में काफी आक्रोश है. जनप्रतिनिधि लगातार राज्य सरकार से खुद की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. उन्होंने लाइसेंसी हथियार की भी मांग की है. बिहार पुलिस मुख्यालय की मानें तो इनमें से कई मामलों का खुलासा हो चुका है.
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