बांका: कोरोना संक्रमण से जूझ रहे जिलावासियों पर अब ब्लैक फंगस का भी खतरा मंडराने लगा है. लगातार ब्लैक फंगस के मरीज मिलने से स्वास्थ्य महकमे परेशानी में है. ब्लैक फंगस की चपेट में आकर रजौन के दो लोगों की मौत पहले ही हो चुकी है. अब जिले में ब्लैक फंगस से पीड़ित तीसरे मरीज की पुष्टि हो चुकी है. मरीज को बेहतर इलाज के लिए कोलकाता रेफर कर दिया गया है.
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ब्लैक फंगस की पुष्टि
ब्लैक फंगस का प्रकोप महाराष्ट्र, गुजरात होते हुए पटना के बाद अब बांका जिले में पहुंच गया है. शहर स्थित डॉ. विजय कुमार के क्लीनिक में एक मरीज इलाज के लिए पहुंचा. जो पहले से ही डायबिटीज का मरीज था और उसे कोरोना हुआ था. बाईं आंख में दर्द की शिकायत लेकर वह निजी क्लीनिक पहुंचा. जहां डॉ. विजय कुमार ने चेक करने के बाद ब्लैक फंगस की पुष्टि की. प्रारंभिक इलाज के बाद मरीज को पीजीआई कोलकाता रेफर कर दिया गया है.
जिले में दहशत का माहौल
डॉ. विजय कुमार ने बताया कि ब्लैक फंगस मुख्य रूप से डायबिटीज के रोगी में पाया जाने लगा है. बता दें कि रजौन प्रखंड के खैरा गांव निवासी धनंजय यादव और बब्लू उर्फ नवल किशोर शर्मा की 'ब्लैक फंगस' से मौत हो गई है. दोनों मरीजों का इलाज भागलपुर के मायागंज अस्पताल में चल रहा था.
इस जानलेवा बीमारी के कारण मौत से जिले भर में दहशत फैला हुआ है. इसके मुख्य लक्षण आंख-नाक में दर्द, सिर दर्द, सांस लेने में दिक्कत है. डॉ. विजय कुमार ने बताया कि इससे बचाव का मुख्य तरीका स्ट्रायड का सही प्रयोग, डायबिटीज कंट्रोल और मास्क लगाना है.