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बांका: मधुबनी और मंजूषा की पेंटिंग से सज रहीं शहर की दीवारें, कलाकृति को जीवंत करने में जुटे कलाकार

चिल्ड्रन पार्क की दीवारों पर योगा के विभिन्न विधाओं को फाइन आर्ट्स, मिथिला, मंजूषा और रानी आर्ट्स को जोड़कर उकेरी जा रही है. कलाकृति की खूबसूरती बढ़ाने के लिए दीवारों पर हाथी, चिड़िया और डॉल्फिन का चित्र भी बनाया जा रहा है.

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Published : Dec 14, 2019, 4:01 AM IST

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बांका: जिले में पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए सरकार ने 'जल जीवन हरियाली' अभियान की शुरुआत की है. शहर की खूबसूरती में चार चांद लगाने के के लिए सरकारी भवनों से लेकर पर्यटन स्थलों को कलाकृति से सजाया जा रहा है. जिला प्रशासन की पहल पर शहर की दीवारों पर अप्लाइड आर्ट के साथ-साथ मधुबनी, मंजूषा, फाइन और रानी आर्ट्स की मिश्रित कलाकृतियों से सजाने का काम किया जा रहा है.

पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने की कोशिश
पटना की नूरानी आर्ट एंड डिजाइन संस्था के 11 सदस्य ने पेंटिंग का काम शुरू कर दिया है. इस टीम में 8 लड़कियां शामिल हैं. जो शहर के अलावा जिले के पर्यटन क्षेत्रों को पेंटिंग से सजाने का काम कर रही हैं. साथ ही पेंटिंग के माध्यम से 'जल जीवन हरियाली' अभियान के तहत लोगों को प्रकृति प्रेम और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक भी कर रही हैं.

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दीवार पर उकेरी गईं कलाकृतियां

ये भी पढ़ें: पटना की सड़कों पर उतरी 'बिहार की बेटियां', कहा- 'हम शर्मिदा हैं, तेरे दुष्कर्मी जिंदा हैं'

दीवारों पर बनाई जा रही है पेंटिंग
टीम में शामिल आर्टिस्ट लूसी खातून ने बताया कि मंजूषा पेंटिंग के जरिए क्षेत्र की कलाकृति को जीवंत करने का प्रयास किया जा रहा है. चिल्ड्रेन पार्क की दीवारों पर योगा के विभिन्न विधाओं को फाइन आर्ट्स, मिथिला, मंजूषा और रानी आर्ट्स को जोड़कर उकेरी जा रही है. कलाकृति की खूबसूरती बढ़ाने के लिए दिवारों पर हाथी, चिड़िया और डॉल्फिन का चित्र भी बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में समाहरणालय और चिल्ड्रन पार्क में काम चल रहा है.

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दिवाल पर पेंटिंग करती महिला कलाकार

मधुबनी पेंटिंग को दिया जा रहा है बढ़ावा
कलाकृति बना रहे रूपेश कुमार देव ने बताया कि बिहार सहित अन्य प्रांतों के विभिन्न हिस्सों में काम करने का अवसर मिला है. इससे पहले वह भागलपुर के संग्रहालय में भी मंजूषा पेंटिंग बना चुके हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की पहल से खासकर मधुबनी पेंटिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है.

पेंटिंग से सज रही शहर की दीवारें

बिहुला विषहरी में दिखती है मंजूषा पेंटिंग की झलक
मंजूषा पेंटिंग की झलक प्रसिद्ध बिहुला विषहरी की कहानी बयां करती है. भागलपुर बांका सहित अंग प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में बिहुला विषहरी की धूमधाम से पूजा अर्चना की जाती है. इसमें तीन रंग लाल, हरा और पीले के साथ ही पांच बेलपत्र, लहरिया, सर्प, मोरवा और त्रिभुज का उपयोग किया जाता है. इसके माध्यम से बिहुला विषहरी की कहानी को कलाकृति के जरिए उकेरी जाती है.

बांका: जिले में पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए सरकार ने 'जल जीवन हरियाली' अभियान की शुरुआत की है. शहर की खूबसूरती में चार चांद लगाने के के लिए सरकारी भवनों से लेकर पर्यटन स्थलों को कलाकृति से सजाया जा रहा है. जिला प्रशासन की पहल पर शहर की दीवारों पर अप्लाइड आर्ट के साथ-साथ मधुबनी, मंजूषा, फाइन और रानी आर्ट्स की मिश्रित कलाकृतियों से सजाने का काम किया जा रहा है.

पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने की कोशिश
पटना की नूरानी आर्ट एंड डिजाइन संस्था के 11 सदस्य ने पेंटिंग का काम शुरू कर दिया है. इस टीम में 8 लड़कियां शामिल हैं. जो शहर के अलावा जिले के पर्यटन क्षेत्रों को पेंटिंग से सजाने का काम कर रही हैं. साथ ही पेंटिंग के माध्यम से 'जल जीवन हरियाली' अभियान के तहत लोगों को प्रकृति प्रेम और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक भी कर रही हैं.

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दीवार पर उकेरी गईं कलाकृतियां

ये भी पढ़ें: पटना की सड़कों पर उतरी 'बिहार की बेटियां', कहा- 'हम शर्मिदा हैं, तेरे दुष्कर्मी जिंदा हैं'

दीवारों पर बनाई जा रही है पेंटिंग
टीम में शामिल आर्टिस्ट लूसी खातून ने बताया कि मंजूषा पेंटिंग के जरिए क्षेत्र की कलाकृति को जीवंत करने का प्रयास किया जा रहा है. चिल्ड्रेन पार्क की दीवारों पर योगा के विभिन्न विधाओं को फाइन आर्ट्स, मिथिला, मंजूषा और रानी आर्ट्स को जोड़कर उकेरी जा रही है. कलाकृति की खूबसूरती बढ़ाने के लिए दिवारों पर हाथी, चिड़िया और डॉल्फिन का चित्र भी बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में समाहरणालय और चिल्ड्रन पार्क में काम चल रहा है.

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दिवाल पर पेंटिंग करती महिला कलाकार

मधुबनी पेंटिंग को दिया जा रहा है बढ़ावा
कलाकृति बना रहे रूपेश कुमार देव ने बताया कि बिहार सहित अन्य प्रांतों के विभिन्न हिस्सों में काम करने का अवसर मिला है. इससे पहले वह भागलपुर के संग्रहालय में भी मंजूषा पेंटिंग बना चुके हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की पहल से खासकर मधुबनी पेंटिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है.

पेंटिंग से सज रही शहर की दीवारें

बिहुला विषहरी में दिखती है मंजूषा पेंटिंग की झलक
मंजूषा पेंटिंग की झलक प्रसिद्ध बिहुला विषहरी की कहानी बयां करती है. भागलपुर बांका सहित अंग प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में बिहुला विषहरी की धूमधाम से पूजा अर्चना की जाती है. इसमें तीन रंग लाल, हरा और पीले के साथ ही पांच बेलपत्र, लहरिया, सर्प, मोरवा और त्रिभुज का उपयोग किया जाता है. इसके माध्यम से बिहुला विषहरी की कहानी को कलाकृति के जरिए उकेरी जाती है.

Intro:जल जीवन हरियाली मिशन के तहत पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए शहर के सरकारी भवनों से लेकर पर्यटन स्थल के दीवारों पर फाइन आर्ट्स, मधुबनी, मिथिला और मंजूषा काल के माध्यम से पेंटिंग की जा रही है। वर्तमान में बांका के समाहरणालय और चिल्ड्रन पार्क में नूरानी आर्ट एंड डिजाइन संस्था के माध्यम से दीवारों पर आकर्षक चित्र उकेरी जा रही है।


Body:बांका। जिले में पर्यावरण एवं जल संरक्षण के लिए सरकार ने जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत की है। शहर की खूबसूरती में चार चांद लगाने के साथ-साथ सरकारी भवनों से लेकर पर्यटन स्थलों तक को कलाकृति से सजाया और संवारा जा रहा है। जिसे मुकाम तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन की पहल पर शहर की दीवारों पर अप्लाइड आर्ट के साथ-साथ मधुबनी,मंजूषा, मिथिला, फाइन और रानी आर्ट्स की मिश्रित कलाकृतियों की जा रही है। जिसे मॉडर्न आर्ट के तौर पर विकसित किया गया है। पटना की नूरानी आर्ट एंड डिजाइन संस्था के 11 सदस्य टीम पेंटिंग का काम शुरू कर दिया है। इस टीम में 8 लड़कियां भी शामिल है। इस टीम के द्वारा शहर के अलावा जिले के पर्यटन क्षेत्रों को अपनी पेंटिंग से सजाने के साथ ही पेंटिंग के जरिए जल जीवन हरियाली अभियान के तहत लोगों को प्रकृति प्रेम और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक भी कर रही हैं।

मिश्रित आर्ट्स दीवारों पर बनाया जा रहा है पेंटिंग
टीम में शामिल आर्टिस्ट लूसी खातून, रुखसार, नीलोफर एवं बबली ने बताया कि मंजूषा पेंटिंग के जरिए क्षेत्र की कलाकृति को जीवंत करने में लगी है। लूसी खातून ने बताया कि दीवारों पर जो कलाकृति उकेरी जा रही है कोई खास नाम नहीं दिया जा सकता है। चिल्ड्रन पार्क के दीवारों पर योगा के विभिन्न विधाओं को फाइन आर्ट्स, मधुबनी, मिथिला, मंजूषा और रानी आर्ट्स को जोड़कर कर उकेरी जा रही है। कलाकृति की खूबसूरती बढ़ाने के लिए हाथी चिड़िया और डॉल्फिन भी दीवारों पर बनाया जा रहा है। वर्तमान में समाहरणालय और चिल्ड्रन पार्क में काम चल रहा है।
मधुबनी पेंटिंग को दिया जा रहा है बढ़ावा
कलाकृतियों करने आए रूपेश कुमार देव ने बताया कि बिहार सहित अन्य प्रांतों के विभिन्न हिस्सों में काम करने का अवसर मिला है। इससे पहले भागलपुर के संग्रहालय में भी मंजूषा पेंटिंग के तहत हमारे द्वारा पेंटिंग की गई है। बांका में जिला प्रशासन के पहल पर खासकर मधुबनी पेंटिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। बांका के चिल्ड्रन पार्क और कलेक्ट्रेट में काम चल रहा है। कलेक्ट्रेट में रियलिस्टिक के माध्यम से फाइन आर्ट्स का सहारा लेकर दीवारों पर पेंटिंग की गई है।

बिहुला विषहरी में दिखती है मंजूषा पेंटिंग की झलक
मंजूषा पेंटिंग की प्रसिद्ध बिहुला विषहरी की कहानी बयां करती है। भागलपुर बांका सहित अंग प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में बिहुला विषहरी की धूमधाम से पूजा अर्चना की जाती है। इसमें तीन रंग लाल, हरा और पीला के साथ ही पांच बेलपत्र, लहरिया, सर्प मि लड़ी, मोरवा और त्रिभुज का उपयोग किया जाता है। जिसके माध्यम से बिहुला विषहरी की कहानी कलाकृति के जरिए उकेरी जाती है।


Conclusion:जल जीवन हरियाली अभियान को दिया जा रहा है बढ़ावा
बांका में जल जीवन हरियाली अभियान को बढ़ावा देने और शहर की खूबसूरती बढ़ाने से लेकर विभिन्न आर्ट्स के माध्यम से पेंटर के द्वारा कलाकृतियों को बनाया जा रहा है। इसके अलावा जिले के सरकारी कार्यालयों एवं पर्यटन स्थलों सहित सार्वजनिक जगहों पर अप्लाई आर्ट्स एवं मधुबनी पेंटिंग बनाई जा रही है।

बाईट- लूसी खातून, कलाकार
बाईट- रूपेश कुमार देव, कलाकार
नोट- छुट्टी पर रहने की वजह से अधिकारी का बयान संभव नहीं हो पाया।
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