ETV Bharat / state

बांका में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल, 26 लाख की आबादी और ब्लड बैंक 'ज़ीरो'

सदर अस्पताल में ब्लड बैंक नहीं होने से यहां पर मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. मरीजों को मजबूरी में पटना या अन्य जगह रेफर कर दिया जाता है.

blood bank not available in sadar hospital banka
blood bank not available in sadar hospital banka
author img

By

Published : Feb 23, 2021, 4:28 PM IST

Updated : Feb 23, 2021, 5:51 PM IST

बांका: अजीब विडंबना है कि बांका को जिला बने 30 वर्ष बीत चुका है. इस दौरान बांका जिले ने तरक्की के कई आयाम गढ़े हैं. लेकिन बात जब स्वास्थ्य सुविधाओं की आती है तो काफी कमियां दिख जाती है. यहां सबसे बड़ी दिक्कत ब्लड बैंक का नहीं होना है. लगभग 26 लाख की आबादी वाले इस जिले के किसी भी अस्पताल में ब्लड बैंक की सुविधा नहीं है.

ये भी पढ़ें- मुनि विश्वामित्र की धरती है बक्सर, यहां की '40 लाख' वाली गंदगी देख आप हो जाएंगे हैरान

जिले के मरीजों को ब्लड के लिए भागलपुर के मायागंज अस्पताल पर निर्भर रहना पड़ता है. वहां से भी डिमांड को पूरा करने में काफी परेशानी होती है. इस कारण से मरीजों को मजबूरी में पटना या अन्य जगह रेफर कर दिया जाता है. कोरोना महामारी के चलते मायागंज अस्पताल ने भी ब्लड देने से हाथ खड़ा कर दिया. क्योंकि ब्लड डोनेशन नहीं हो पा रहा है.

blood bank not available in sadar hospital banka
ब्लड बैंक नहीं होने से मरीजों को होती है परेशानी

"सदर अस्पताल जिले का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां ब्लड बैंक नहीं रहने से मरीजों को काफी परेशानी होती है. जब जिला मुख्यालय के अस्पताल में ही ब्लड की सुविधा नहीं है तो प्रखंड स्तरीय अस्पताल का तो और भी खास्ताहाल होगा."-अजय सिंह, परिजन

"बांका सदर अस्पताल में ब्लड बैंक के लिए काफी दिन से प्रयासरत हैं. अभी की स्थिति यह है कि ब्लड बैंक के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार है. डॉक्टर और टेक्नीशियन की बहाली सरकार की ओर से की गई है. अब लाइसेंस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दिया गया है. अनुमान है कि मार्च तक ब्लड बैंक स्थापित हो जाना चाहिए."- अमरेश कुमार सिंह, सदर अस्पताल प्रबंधक

पेश है रिपोर्ट

अस्पताल प्रबंधन को झेलना पड़ता है गुस्सा
बता दें कि जिले में कोरोना महामारी के समय से ही लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी रही है. क्योंकि जिन मरीजों को ब्लड की जरुरत होती उन्हें स्टॉक में ब्लड नहीं रहने से नहीं मिल पता है. अस्पताल प्रबंधन को मरीज के परिजनों का गुस्सा झेलना पड़ता है.

बाहर जाने को हैं मजबूर
बताया जा रहा है कि पहले जिले में शिविर लगाकर ब्लड डोनेशन का काम चलता था. इससे मरीजों की जान बच जाती थी. लेकिन अभी के समय में मरीज ब्लड बैंक के अभाव में त्राहिमाम कर रहे हैं और बाहर जाने को मजबूर हैं.

बांका: अजीब विडंबना है कि बांका को जिला बने 30 वर्ष बीत चुका है. इस दौरान बांका जिले ने तरक्की के कई आयाम गढ़े हैं. लेकिन बात जब स्वास्थ्य सुविधाओं की आती है तो काफी कमियां दिख जाती है. यहां सबसे बड़ी दिक्कत ब्लड बैंक का नहीं होना है. लगभग 26 लाख की आबादी वाले इस जिले के किसी भी अस्पताल में ब्लड बैंक की सुविधा नहीं है.

ये भी पढ़ें- मुनि विश्वामित्र की धरती है बक्सर, यहां की '40 लाख' वाली गंदगी देख आप हो जाएंगे हैरान

जिले के मरीजों को ब्लड के लिए भागलपुर के मायागंज अस्पताल पर निर्भर रहना पड़ता है. वहां से भी डिमांड को पूरा करने में काफी परेशानी होती है. इस कारण से मरीजों को मजबूरी में पटना या अन्य जगह रेफर कर दिया जाता है. कोरोना महामारी के चलते मायागंज अस्पताल ने भी ब्लड देने से हाथ खड़ा कर दिया. क्योंकि ब्लड डोनेशन नहीं हो पा रहा है.

blood bank not available in sadar hospital banka
ब्लड बैंक नहीं होने से मरीजों को होती है परेशानी

"सदर अस्पताल जिले का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां ब्लड बैंक नहीं रहने से मरीजों को काफी परेशानी होती है. जब जिला मुख्यालय के अस्पताल में ही ब्लड की सुविधा नहीं है तो प्रखंड स्तरीय अस्पताल का तो और भी खास्ताहाल होगा."-अजय सिंह, परिजन

"बांका सदर अस्पताल में ब्लड बैंक के लिए काफी दिन से प्रयासरत हैं. अभी की स्थिति यह है कि ब्लड बैंक के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार है. डॉक्टर और टेक्नीशियन की बहाली सरकार की ओर से की गई है. अब लाइसेंस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दिया गया है. अनुमान है कि मार्च तक ब्लड बैंक स्थापित हो जाना चाहिए."- अमरेश कुमार सिंह, सदर अस्पताल प्रबंधक

पेश है रिपोर्ट

अस्पताल प्रबंधन को झेलना पड़ता है गुस्सा
बता दें कि जिले में कोरोना महामारी के समय से ही लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी रही है. क्योंकि जिन मरीजों को ब्लड की जरुरत होती उन्हें स्टॉक में ब्लड नहीं रहने से नहीं मिल पता है. अस्पताल प्रबंधन को मरीज के परिजनों का गुस्सा झेलना पड़ता है.

बाहर जाने को हैं मजबूर
बताया जा रहा है कि पहले जिले में शिविर लगाकर ब्लड डोनेशन का काम चलता था. इससे मरीजों की जान बच जाती थी. लेकिन अभी के समय में मरीज ब्लड बैंक के अभाव में त्राहिमाम कर रहे हैं और बाहर जाने को मजबूर हैं.

Last Updated : Feb 23, 2021, 5:51 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.