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बांका: बिहार वापस आ रहे लोगों के लिए बॉर्डर पर खास इंतजाम, जारी है मॉनिटरिंग - कम्युनिटी किचन की व्यवस्था

लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए बांका के डीएम सुहर्ष भगत ने जिले से अतरराज्यीय सीमाओं का निरीक्षण किया. मौके पर उन्होंने मजदूरों के लिए बनाए गए राहत कैंपों का भी निरीक्षण किया.

बांका
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Published : Mar 30, 2020, 5:17 PM IST

बांका: जिले के सीमावर्ती इलाकों में अन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों के लिए राहत कैंप बनाए गए हैं. ये राहत कैंप पंजवारा, बौंसी और चांदन प्रखंड में बनाए गए हैं. यहां आने वाले मजदूरों के लिए भोजन, आवास और मुफ्त मेडिकल की व्यवस्था की गई है. राहत कैंप की मॉनिटरिंग खुद जिले के डीएम कर सुहर्ष भगत कर रहें हैं. डीएम ने जिले से लग रहे अंतरराज्यीय सीमा का निरीक्षण के लिए पंजवारा और भलजोर सीमा का निरीक्षण भी किया. मौके पर उन्होंने सरकारी जिले की सीमा पर तैनात कर्मियों को कई लॉकडउन को लेकर की अहम निर्देश भी दिए.

'बिहार में कम्पलीट लॉकडाउन'
मौके पर डीएम ने बताया कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए पूरे स्वास्थ्य विभाग सहित सरकारी महकमे को लगा दिया गया है. अन्तराज्यीय सीमाओं ढील के कारण बाहर के प्रदेशो में कमाने वाले मजदूर विभिन्न लोग छोटे वाहनों से अपने घर जा रहे थे. इसको लेकर बौंसी और भागलपुर में एक-एक गाड़ीमें पकड़ी गई थी. मामले की गंभीरता के देखते हुए बाराहाट प्रखंड अंतर्गत पंजवारा स्थित अन्तराज्यीय सीमा पर लगे चेक पोस्ट का मुआयना किया गया. उन्होंने बताया कि पूरे बिहार में लॉकडाउन है. दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों के कारण क्रमण का खतरा बढ़ने के काफी आसार है. इस वजह से सीमावर्ती गांव के लोगों को जरूरी कार्यों के लिए अपने घरों से नियत समय सुबह 7 से 10 और शाम 4 से 7 बजे तक निकलने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि लोग खुद से लॉकडाउन का पालन करें.

राहत कैंप का निरीक्षण करते हुए बांका डीएम
राहत कैंप का निरीक्षण करते हुए बांका डीएम

'सीमाई इलाकों में तीन आपदा राहत शिविर'
बता दें कि बिहार सरकार के आदेश के बाद अन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों के लिए जिले के सीमाई इलाकों में तीन आपदा राहत शिविर बनाए गए है. क डाउन के बावजूद भारी संख्या में दूसरे प्रदेशों से मजदूर वापस बिहार लौटच रहें है. ऐसे में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मजदूरों और बेसहारा लोगों के लिए राहत कैंप बनवाया गया है. कैंप में बाहर से आने वाले मजदूरों के लिए मुफ्त में भोजन, आवास और मेडिकल की व्यवस्था की गई है. जांच के लिए अलग से स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई. बिना जांच के दूसरे राज्य से आए हुए लोगों को जिले में प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है.

पेश है एक रिपोर्ट

इन सीमाओं पर बनाया गया है राहत शिविर
डीएम सुहर्ष भगत ने बताया कि बिहार-झारखंड सीमा से सटे पंजवारा, बौंसी और चांदन में आपदा राहत शिविर बनाया गया है. पंजवारा बॉर्डर से सटे हाई स्कूल पंजवारा , बौंसी के भलजोर बॉर्डर से कुछ दूरी पर शिव शक्ति धाम धर्मशाला और चांदन के दर्दमारा बॉर्डर से आने वाले मजदूरों के लिए पंचायत भवन में आपदा राहत शिविर बनाए गए हैं. इन सभी स्थानों पर बाहर से आने वाले मजदूरों के लिए रहने और खाने के साथ-साथ मेडिकल जांच और क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था की गई है. ताकि मजदूरों को आगे जाने की जरूरत ना पड़े. सभी चेक पोस्ट पर मजिस्ट्रेट के साथ-साथ पुलिस जवानों की भी तैनाती की गई है. सिर्फ इमरजेंसी सेवा वाले वाहनों को ही जाने दिया जा रहा है.

कम्युनिटी किचन का भी इंतजाम
डीएम सुहर्ष भगत ने बताया कि इन सभी आपदा राहत शिविरों में बाहर से आने वाले मजदूरों के लिए के लिए कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले मजदूरों को पैनिक होने की कोई जरूरत नहीं है. जिला प्रशासन की ओर से उनके लिए मुकम्मल तैयारी की गई है. किसी को भी भूखे रहने नहीं दिया जाएगा. इसके साथ ही जिले में लॉकडाउन का सख्ती से अनुपालन भी कराया जा रहा है. डीएम ने जिलेावासियों से अपील करते हुए कहा कि इस विपदा की घड़ी में महामारी से लड़ने में जनता खुद और अपने समाज के लिए प्रशासन का सहयोग करे.

बांका: जिले के सीमावर्ती इलाकों में अन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों के लिए राहत कैंप बनाए गए हैं. ये राहत कैंप पंजवारा, बौंसी और चांदन प्रखंड में बनाए गए हैं. यहां आने वाले मजदूरों के लिए भोजन, आवास और मुफ्त मेडिकल की व्यवस्था की गई है. राहत कैंप की मॉनिटरिंग खुद जिले के डीएम कर सुहर्ष भगत कर रहें हैं. डीएम ने जिले से लग रहे अंतरराज्यीय सीमा का निरीक्षण के लिए पंजवारा और भलजोर सीमा का निरीक्षण भी किया. मौके पर उन्होंने सरकारी जिले की सीमा पर तैनात कर्मियों को कई लॉकडउन को लेकर की अहम निर्देश भी दिए.

'बिहार में कम्पलीट लॉकडाउन'
मौके पर डीएम ने बताया कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए पूरे स्वास्थ्य विभाग सहित सरकारी महकमे को लगा दिया गया है. अन्तराज्यीय सीमाओं ढील के कारण बाहर के प्रदेशो में कमाने वाले मजदूर विभिन्न लोग छोटे वाहनों से अपने घर जा रहे थे. इसको लेकर बौंसी और भागलपुर में एक-एक गाड़ीमें पकड़ी गई थी. मामले की गंभीरता के देखते हुए बाराहाट प्रखंड अंतर्गत पंजवारा स्थित अन्तराज्यीय सीमा पर लगे चेक पोस्ट का मुआयना किया गया. उन्होंने बताया कि पूरे बिहार में लॉकडाउन है. दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों के कारण क्रमण का खतरा बढ़ने के काफी आसार है. इस वजह से सीमावर्ती गांव के लोगों को जरूरी कार्यों के लिए अपने घरों से नियत समय सुबह 7 से 10 और शाम 4 से 7 बजे तक निकलने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि लोग खुद से लॉकडाउन का पालन करें.

राहत कैंप का निरीक्षण करते हुए बांका डीएम
राहत कैंप का निरीक्षण करते हुए बांका डीएम

'सीमाई इलाकों में तीन आपदा राहत शिविर'
बता दें कि बिहार सरकार के आदेश के बाद अन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों के लिए जिले के सीमाई इलाकों में तीन आपदा राहत शिविर बनाए गए है. क डाउन के बावजूद भारी संख्या में दूसरे प्रदेशों से मजदूर वापस बिहार लौटच रहें है. ऐसे में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मजदूरों और बेसहारा लोगों के लिए राहत कैंप बनवाया गया है. कैंप में बाहर से आने वाले मजदूरों के लिए मुफ्त में भोजन, आवास और मेडिकल की व्यवस्था की गई है. जांच के लिए अलग से स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई. बिना जांच के दूसरे राज्य से आए हुए लोगों को जिले में प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है.

पेश है एक रिपोर्ट

इन सीमाओं पर बनाया गया है राहत शिविर
डीएम सुहर्ष भगत ने बताया कि बिहार-झारखंड सीमा से सटे पंजवारा, बौंसी और चांदन में आपदा राहत शिविर बनाया गया है. पंजवारा बॉर्डर से सटे हाई स्कूल पंजवारा , बौंसी के भलजोर बॉर्डर से कुछ दूरी पर शिव शक्ति धाम धर्मशाला और चांदन के दर्दमारा बॉर्डर से आने वाले मजदूरों के लिए पंचायत भवन में आपदा राहत शिविर बनाए गए हैं. इन सभी स्थानों पर बाहर से आने वाले मजदूरों के लिए रहने और खाने के साथ-साथ मेडिकल जांच और क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था की गई है. ताकि मजदूरों को आगे जाने की जरूरत ना पड़े. सभी चेक पोस्ट पर मजिस्ट्रेट के साथ-साथ पुलिस जवानों की भी तैनाती की गई है. सिर्फ इमरजेंसी सेवा वाले वाहनों को ही जाने दिया जा रहा है.

कम्युनिटी किचन का भी इंतजाम
डीएम सुहर्ष भगत ने बताया कि इन सभी आपदा राहत शिविरों में बाहर से आने वाले मजदूरों के लिए के लिए कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले मजदूरों को पैनिक होने की कोई जरूरत नहीं है. जिला प्रशासन की ओर से उनके लिए मुकम्मल तैयारी की गई है. किसी को भी भूखे रहने नहीं दिया जाएगा. इसके साथ ही जिले में लॉकडाउन का सख्ती से अनुपालन भी कराया जा रहा है. डीएम ने जिलेावासियों से अपील करते हुए कहा कि इस विपदा की घड़ी में महामारी से लड़ने में जनता खुद और अपने समाज के लिए प्रशासन का सहयोग करे.

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