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बांका: आशा कार्यकर्ताओं के साथ स्वास्थ्य विभाग की बैठक, वैक्सीनेशन के लिए लोगों को जागरूक करने पर चर्चा

चांदन प्रखंड में कोरोना वैक्सीन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बैठक आयोजित की गयी. जिसमें आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि गांव के लोग वैक्सीन को बीमारी का इंजेक्शन बताते हैं.

आशा कार्यकर्ता
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Published : Apr 29, 2021, 6:15 PM IST

बांका: बढ़ते कोरोना की रोकथाम के लिए आशा और स्वास्थ्य कर्मियों की एक बैठक आयोजित की गयी. बैठक में 1 मई से शुरू होने वाले वैक्सीनेशन को लेकर चर्चा की गई. अधिकारियों ने कहा कि वैक्सीन लेने के लिए आशा कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करेंगीं. बैठक में मैनेजर यशराज और बीसीएम आफताब आलम उपस्थित रहे.

वैक्सीनेशन के लिए करें प्रोत्साहित
इस दौरान आशा कार्यकर्ता को घर-घर जाकर लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कहा गया. जिले में वैक्सीनेशन के मामले में चांदन सबसे पीछे चल रहा है. यहां लोग वैक्सीन लेने के लिए अस्पताल नहीं जा रहे. इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि उन्हें वैक्सीनेशन के लिए भेजा जा रहा है. लेकिन कई माह से उन्हें कोई भत्ता नहीं दिया गया है.

ये भी पढ़ें- नीतीश कुमार ने बढ़ाई सख्ती, बिहार में आज से 4 बजे ही दुकानें बंद, 6 बजे से नाइट कर्फ्यू

इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने गांव में जाने पर लोगों द्वारा काफी अभद्र टिप्पणी किये जाने की बात सामने रखी और बताया कि कई गांवों में लोग कोरोना वैक्सीन को बीमारी का इंजेक्शन बताकर लेने से इनकार कर देते हैं. कई जगहों पर आशा कार्यकर्ताओं के साथ गाली गलौज की जाती है.

बांका: बढ़ते कोरोना की रोकथाम के लिए आशा और स्वास्थ्य कर्मियों की एक बैठक आयोजित की गयी. बैठक में 1 मई से शुरू होने वाले वैक्सीनेशन को लेकर चर्चा की गई. अधिकारियों ने कहा कि वैक्सीन लेने के लिए आशा कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करेंगीं. बैठक में मैनेजर यशराज और बीसीएम आफताब आलम उपस्थित रहे.

वैक्सीनेशन के लिए करें प्रोत्साहित
इस दौरान आशा कार्यकर्ता को घर-घर जाकर लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कहा गया. जिले में वैक्सीनेशन के मामले में चांदन सबसे पीछे चल रहा है. यहां लोग वैक्सीन लेने के लिए अस्पताल नहीं जा रहे. इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि उन्हें वैक्सीनेशन के लिए भेजा जा रहा है. लेकिन कई माह से उन्हें कोई भत्ता नहीं दिया गया है.

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