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अक्षय नवमी पर महिलाओं ने की पूजा अर्चना, सुख समृद्धि की हुई भगवान से प्राथना - ईटीवी न्यूज

अररिया में अक्षय नवमी (Akshaya Navami) के अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाओं ने पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवला नवमी के व्रत से प्राप्त होने वाला फल और पुण्य अक्षय होता है, उसका कभी क्षय या ह्रास नहीं होता.

अक्षय नवमी
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Published : Nov 13, 2021, 1:28 PM IST

अररियाः अक्षय नवमी (Akshaya Navami) पर महिलाओं ने विभिन्न मंदिरों में आंवला पेड़ के नीचे पूजा अर्चना की. जहां परिवार की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना की गई. पूजा करा रहे पंडित कृष्णकांत तिवारी ने बताया कि अक्षय नवमी के दिन आंवला पेड़ (Amla Tree) के नीचे भोजन कराने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

ये भी पढ़ेःं डिजिटल युग में 'बाइस्कोप' देख लोगों को याद आ रहा बचपन, बुजुर्ग भी ताजा कर रहे यादें

पंडित कृष्णकांत ने कहा कि आंवला पेड़ की परिक्रमा करने से सात जन्मों का कष्ट खत्म हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि आज के दिन कुम्हर में गुप्त दान करने से सभी कष्ट दूर होते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवला नवमी के व्रत से प्राप्त होने वाला फल और पुण्य अक्षय होता है, उसका कभी क्षय या ह्रास नहीं होता.

देखें वीडियो

इतना ही नहीं ये मान्यता भी है कि इसी दिन श्री कृष्ण ने कंस के विरुद्ध वृंदावन में घूमकर जनमत तैयार किया था. इसलिए इस दिन वृंदावन की परिक्रमा करने का भी विधान है. इस दिन दान आदि करने से पुण्य इस जन्म में भी मिलता है और अगले जन्म में भी मिलता है.

ये भी पढ़ेंः भाई बहन के अटूट प्रेम का पर्व सामा चकेवा शुरू, ग्रामीण इलाकों में उत्साह

शास्त्रों के अनुसार इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है. आंवले के पेड़ की पूजा करते समय परिवार की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना की जाती है. पूजा के बाद पेड़ के नीचे बैठकर भोजन किया जाता है और प्रसाद के रूप में आवंला खाया जाता है.

अररियाः अक्षय नवमी (Akshaya Navami) पर महिलाओं ने विभिन्न मंदिरों में आंवला पेड़ के नीचे पूजा अर्चना की. जहां परिवार की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना की गई. पूजा करा रहे पंडित कृष्णकांत तिवारी ने बताया कि अक्षय नवमी के दिन आंवला पेड़ (Amla Tree) के नीचे भोजन कराने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

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पंडित कृष्णकांत ने कहा कि आंवला पेड़ की परिक्रमा करने से सात जन्मों का कष्ट खत्म हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि आज के दिन कुम्हर में गुप्त दान करने से सभी कष्ट दूर होते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवला नवमी के व्रत से प्राप्त होने वाला फल और पुण्य अक्षय होता है, उसका कभी क्षय या ह्रास नहीं होता.

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इतना ही नहीं ये मान्यता भी है कि इसी दिन श्री कृष्ण ने कंस के विरुद्ध वृंदावन में घूमकर जनमत तैयार किया था. इसलिए इस दिन वृंदावन की परिक्रमा करने का भी विधान है. इस दिन दान आदि करने से पुण्य इस जन्म में भी मिलता है और अगले जन्म में भी मिलता है.

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शास्त्रों के अनुसार इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है. आंवले के पेड़ की पूजा करते समय परिवार की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना की जाती है. पूजा के बाद पेड़ के नीचे बैठकर भोजन किया जाता है और प्रसाद के रूप में आवंला खाया जाता है.

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