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Araria News: 11 साल पुराना MBIT इंजीनियरिंग कॉलेज हुआ नीलाम, संस्था पर बैंक का करोड़ों रुपये बकाया - एमबीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज नीलाम

अररिया के फारबिसगंज में स्थित एमबीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज नीलाम हो गया है. 2012 में बने इस मोती बाबू इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी नाम की संस्था पर बियाड़ा और बैंक का करोड़ों रुपया बकाया था. आगे पढ़ें पूरी खबर...

एमबीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज नीलाम
एमबीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज नीलाम
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Published : Aug 6, 2023, 1:51 PM IST

एमबीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज की नीलामी

अररिया: बिहार के अररिया में फारबिसगंज स्थित एमबीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज नीलाम हो गया है. ई नीलामी प्रक्रिया के तहत अब इसका स्वामित्व आरके रूंगटा चेरिटेबल ट्रस्ट ने हासिल किया है. इस बात की जानकारी आरके रूंगटा चेरिटेबल ट्रस्ट के सीईओ निशिकांत दास गुरु ने दी. उन्होंने बताया कि एमबीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज के नीलामी की प्रक्रिया पिछले दो बार हो चुकी थी लेकिन इसमें किसी ने भाग नहीं लिया था. तीसरी नीलामी में आरके रूंगटा चरेटिबल ट्रस्ट ने भाग लिया.

पढ़ें-Araria News: 1984 में बना भरगामा महाविद्यालय देखरेख के अभाव में बना खंडहर, दबंगों ने जमीन पर किया कब्जा

15 करोड़ 50 हजार में हुई नीलामी: ये नीलामी की प्रक्रिया ऑनलाइन हुई थी। इसमें सिर्फ हमारे ट्रस्ट ने भाग लिया था. सरकार के द्वारा निर्धारित की गई राशि के साथ सारी प्रक्रिया को पूरी करते हुए 15 करोड़ 50 हजार में इस नीलामी को अपने नाम कर लिया है. उन्होंने बताया कि इस के रजिस्ट्रेशन के 15 लाख 510 रुपये भी जमा कर दिए गए हैं. ट्रस्ट के सीईओ ने बताया कि अब सिर्फ इसका पोजीसन मिलना बांकी है, जिसके लिए सरकार की ओर से हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार को प्रतिनियुक्त किया गया है. इस बात की जानकारी डीएम, एसपी, फारबिसगंज एसडीओ, सीओ, थाना अध्यक्ष और बियाडा के अधिकारी को दे दी गई है.

जल्द पोजिशन भी होगा हासिल: आरके रूंगटा चेरिटेबल ट्रस्ट के सीईओ निशिकांत दास गुरु ने बताया कि एमबीआईटी फारबिसगंज की नीलामी कराने के लिए गुजरात की एक कंपनी को जिम्मेदारी दी गई थी. उनके द्वारा तीन बार ई नीलामी के लिए सूचना निकली गई लेकिन दो बार किसी ने भी इस नीलामी में हिस्सा नहीं लिया. तीसरी नीलामी में सिर्फ आरके रूंगटा चेरिटेबल ट्रस्ट ने भाग लिया और सारी प्रक्रिया को पूरा करते हुए एमबीआईटी को हासिल कर लिया. सारी प्रक्रिया को पूरा करते हुए निर्धारित राशि को भी जमा कर दिया गया है. जिसकी सारी कागजी कार्यवाई 24 मार्च 2023 को ही पूरी कर ली गई थी.

"एमबीआईटी ने सरकार से मोहलत मांगी की बकाया राशि का भुगतान जल्द कर दिया जाएगा लेकिन तीन महीने बाद भी उनकी ओर से राशि जमा नहीं कि गई. तब 24 जुलाई 2023 को आरके रूंगटा चेरिटेबल ट्रस्ट को उस इंजीनियरिंग कॉलेज का स्वामित्व सौंप दिया गया. अब सिर्फ कॉलेज का पोजीसन जिला प्रशासन के द्वारा ट्रस्ट को सौंपना बाकी है. उसे भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा."- निशिकांत दास गुरु, सीईओ, आरके रूंगटा चेरिटेबल ट्रस्ट

वर्ष 2012 में खुला था एमबीआईटी: बता दें कि फारबिसगंज स्थित बियाडा की 13.73 एकड़ भूमि पर वर्ष 2012 में एमबीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की गई थी. कॉलेज में पढ़ाई भी ठीकठाक चल रही थी लेकिन इतने वर्षों बाद भी इस संस्था के द्वारा बियाडा को उनका किराया तक नहीं दिया गया. इसके साथ ही कॉलेज प्रशासन ने इस्टेट बैंक ऑफ से लिये गए कर्ज का ब्याज चुकाना तो दूर उनको एक किस्त भी रुपया नहीं लौटाया. इन सभी के बकाया राशि और ब्याज मिलाकर राशि 18 करोड़ 46 लाख 7 हजार 843 रुपये 53 पैसे हो गए.

अब खुलेगा रूंगटा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी: आरके रूंगटा चेरिटेबल ट्रस्ट के सीआईओ, निशिकांत दास गुरु, मोहानी देवी चैरिटेबल ट्रस्ट के निदेशक संजय प्रधान, प्रशासक अभिनंदन नोटियाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि फारबिसगंज स्थित एमबीआईटी की जगह वहां पर रूंगटा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के नाम से कॉलेज खुलेगा. बताया कि आरके रूंगटा चेरिटेबल ट्रस्ट के अधीन इस कॉलेज के अंदर बीटेक और दूसरी टेक्नोलॉजी की पढ़ाई होगी. हमारे ट्रस्ट का उद्देश्य है कि खुलने वाली संस्था बिहार में मॉडल के रूप में हो. यहां सिर्फ अररिया ही नहीं पड़ोसी देश नेपाल सहित बिहार के अन्य जिलों के छात्रों को पढ़ाई करने का मौका मिलेगा.

पूर्व के छात्रों को किया जाएगा मर्ज: एमबीआईटी के नीलम हो जाने से वहां पर पढ़ाई करने वाले छात्रों को अब अपनी अधूरी पढ़ाई को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. इसको लेकर आरके रूंगटा चेरिटेबल ट्रस्ट के सीआईओ निशिकांत दास गुरु ने बताया कि हमारी संस्था उन छात्रों के भविष्य को लेकर भी चिंतित है. अगर वे अपनी अधूरी पढ़ाई को पूरा करना चाहेंगे तो सारी प्रक्रिया पूरी कर यहां उनकी पढ़ाई को पूरा कराया जाएगा. इसके लिए उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. हमारा उद्देश्य है युवाओं का बेहतर भविष्य बनाना.

एमबीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज की नीलामी

अररिया: बिहार के अररिया में फारबिसगंज स्थित एमबीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज नीलाम हो गया है. ई नीलामी प्रक्रिया के तहत अब इसका स्वामित्व आरके रूंगटा चेरिटेबल ट्रस्ट ने हासिल किया है. इस बात की जानकारी आरके रूंगटा चेरिटेबल ट्रस्ट के सीईओ निशिकांत दास गुरु ने दी. उन्होंने बताया कि एमबीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज के नीलामी की प्रक्रिया पिछले दो बार हो चुकी थी लेकिन इसमें किसी ने भाग नहीं लिया था. तीसरी नीलामी में आरके रूंगटा चरेटिबल ट्रस्ट ने भाग लिया.

पढ़ें-Araria News: 1984 में बना भरगामा महाविद्यालय देखरेख के अभाव में बना खंडहर, दबंगों ने जमीन पर किया कब्जा

15 करोड़ 50 हजार में हुई नीलामी: ये नीलामी की प्रक्रिया ऑनलाइन हुई थी। इसमें सिर्फ हमारे ट्रस्ट ने भाग लिया था. सरकार के द्वारा निर्धारित की गई राशि के साथ सारी प्रक्रिया को पूरी करते हुए 15 करोड़ 50 हजार में इस नीलामी को अपने नाम कर लिया है. उन्होंने बताया कि इस के रजिस्ट्रेशन के 15 लाख 510 रुपये भी जमा कर दिए गए हैं. ट्रस्ट के सीईओ ने बताया कि अब सिर्फ इसका पोजीसन मिलना बांकी है, जिसके लिए सरकार की ओर से हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार को प्रतिनियुक्त किया गया है. इस बात की जानकारी डीएम, एसपी, फारबिसगंज एसडीओ, सीओ, थाना अध्यक्ष और बियाडा के अधिकारी को दे दी गई है.

जल्द पोजिशन भी होगा हासिल: आरके रूंगटा चेरिटेबल ट्रस्ट के सीईओ निशिकांत दास गुरु ने बताया कि एमबीआईटी फारबिसगंज की नीलामी कराने के लिए गुजरात की एक कंपनी को जिम्मेदारी दी गई थी. उनके द्वारा तीन बार ई नीलामी के लिए सूचना निकली गई लेकिन दो बार किसी ने भी इस नीलामी में हिस्सा नहीं लिया. तीसरी नीलामी में सिर्फ आरके रूंगटा चेरिटेबल ट्रस्ट ने भाग लिया और सारी प्रक्रिया को पूरा करते हुए एमबीआईटी को हासिल कर लिया. सारी प्रक्रिया को पूरा करते हुए निर्धारित राशि को भी जमा कर दिया गया है. जिसकी सारी कागजी कार्यवाई 24 मार्च 2023 को ही पूरी कर ली गई थी.

"एमबीआईटी ने सरकार से मोहलत मांगी की बकाया राशि का भुगतान जल्द कर दिया जाएगा लेकिन तीन महीने बाद भी उनकी ओर से राशि जमा नहीं कि गई. तब 24 जुलाई 2023 को आरके रूंगटा चेरिटेबल ट्रस्ट को उस इंजीनियरिंग कॉलेज का स्वामित्व सौंप दिया गया. अब सिर्फ कॉलेज का पोजीसन जिला प्रशासन के द्वारा ट्रस्ट को सौंपना बाकी है. उसे भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा."- निशिकांत दास गुरु, सीईओ, आरके रूंगटा चेरिटेबल ट्रस्ट

वर्ष 2012 में खुला था एमबीआईटी: बता दें कि फारबिसगंज स्थित बियाडा की 13.73 एकड़ भूमि पर वर्ष 2012 में एमबीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की गई थी. कॉलेज में पढ़ाई भी ठीकठाक चल रही थी लेकिन इतने वर्षों बाद भी इस संस्था के द्वारा बियाडा को उनका किराया तक नहीं दिया गया. इसके साथ ही कॉलेज प्रशासन ने इस्टेट बैंक ऑफ से लिये गए कर्ज का ब्याज चुकाना तो दूर उनको एक किस्त भी रुपया नहीं लौटाया. इन सभी के बकाया राशि और ब्याज मिलाकर राशि 18 करोड़ 46 लाख 7 हजार 843 रुपये 53 पैसे हो गए.

अब खुलेगा रूंगटा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी: आरके रूंगटा चेरिटेबल ट्रस्ट के सीआईओ, निशिकांत दास गुरु, मोहानी देवी चैरिटेबल ट्रस्ट के निदेशक संजय प्रधान, प्रशासक अभिनंदन नोटियाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि फारबिसगंज स्थित एमबीआईटी की जगह वहां पर रूंगटा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के नाम से कॉलेज खुलेगा. बताया कि आरके रूंगटा चेरिटेबल ट्रस्ट के अधीन इस कॉलेज के अंदर बीटेक और दूसरी टेक्नोलॉजी की पढ़ाई होगी. हमारे ट्रस्ट का उद्देश्य है कि खुलने वाली संस्था बिहार में मॉडल के रूप में हो. यहां सिर्फ अररिया ही नहीं पड़ोसी देश नेपाल सहित बिहार के अन्य जिलों के छात्रों को पढ़ाई करने का मौका मिलेगा.

पूर्व के छात्रों को किया जाएगा मर्ज: एमबीआईटी के नीलम हो जाने से वहां पर पढ़ाई करने वाले छात्रों को अब अपनी अधूरी पढ़ाई को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. इसको लेकर आरके रूंगटा चेरिटेबल ट्रस्ट के सीआईओ निशिकांत दास गुरु ने बताया कि हमारी संस्था उन छात्रों के भविष्य को लेकर भी चिंतित है. अगर वे अपनी अधूरी पढ़ाई को पूरा करना चाहेंगे तो सारी प्रक्रिया पूरी कर यहां उनकी पढ़ाई को पूरा कराया जाएगा. इसके लिए उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. हमारा उद्देश्य है युवाओं का बेहतर भविष्य बनाना.

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