अररिया(फारबिसगंज): शहर में लागू लॉकडाउन के उल्लंघन को लेकर प्रशासन और आम लोगों के बीच झड़प हो गई. लोगों का कहना है कि शहर में प्रशासन लॉकडाउन के पालन को लेकर लोगों के साथ दोहरा रवैया अपना रहा है.
लॉकडाउन को लेकर जिला प्रशासन पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप है. स्थानीय लोग कहते हैं कि गरीब दुकानदार से जुर्माना वसूला जाता है. वहीं, पूंजीपतियों को प्रशासन शह देता है. शहर के सदर रोड में सोमवार को ऐसा ही नजारा देखने को मिला. जहां प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए ताजमहल कपड़ा दुकान में दुकानदारी होती रही और प्रशासन और अनुमंडल पुलिस प्रशासन ने दोपहर करीब ढेड़ बजे 'चहल-पहल' नामक कपड़ा दुकान को सील कर दिया और जुर्माने की राशि भी वसूली गई.
ताजमहल दुकान का ताला खुलवाने की मांग
वहीं, दोपहर के बाद फारबिसगंज पुलिस को सूचना मिली कि सदर रोड के ताजमहल दुकान में शटर बंद करके दुकानदारी की जा रही है. थाना से पुलिस बल के साथ बीएमपी जवान उक्त जगह पर पहुंचे. नप के कर्मी भी उनके साथ में थे.
प्रशासन की दोहरी नीति से नाराज लोगों ने ताजमहल दुकान का ताला खुलवाने के लिए कहा, लेकिन पुलिस द्वारा बिना किसी मजिस्ट्रेट के दुकान का ताला खुलवाना मुनासिब नहीं होता है. कई घंटों के ड्रामे के बाद स्थानीय नेता शमीम मियां ने उक्त दुकान का ताला खुलवाया. लेकिन दुकान में कोई ग्राहक नजर नहीं आया.
प्रशासन की दोहरी नीति का विरोध
इस बीच स्थानीय मनोज सोनी ने कहा कि दुकान में लगे सीसीटीवी फुटेज को दिखाया जाए. ताकि पता चले कि दुकान खुली हुई थी या बंद. उनका कहना था कि गोदाम से दुकानदारी की जा रही है. समाजसेवी रंजन साह ने कहा कि प्रशासन की दोहरी नीति का वे लोग विरोध करते हैं. गरीब दुकानदार से जुर्माना वसूली की जाती है.
वहीं, पूंजीपति को प्रशासन शह देता है. यही कारण है कि लोगों की मांग के बावजूद गोदाम को खोला नहीं गया. लोगों ने मांग की है कि ताजमहल दुकान के मालिक पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.