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अररिया: जिले में बारिश के बाद नदी के कटान से दहशत में लोग, कई लोग हुए बेघर

जिले में लगातार हो रही बारिश की वजह से परमान, बकरा, कनकई, भुलवा, कोसी जैसी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. यही नहीं, कई इलाकों में कटाव भी शुरू हो गया, जिसकी वजह से खतरा और भी बढ़ गया है.

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Published : Oct 1, 2019, 11:12 PM IST

बाढ़

अररिया: जिले में मूसलाधार बारिश की वजह से दर्जनों नदियां उफान पर है. कई इलाकों में नदी के कटान से लोग बेघर हो गए हैं. बारिश ने आवागमन को पूरी तरह से बाधित कर दिया है. अररिया प्रखंड में स्थित सतभीटा गांव कटाव की वजह से नदी में समाता जा रहा है. यहां ऐसी स्थिति है कि लोगों के पास अपनी जमीन तक नहीं रह गई है.

नदी के कटाव से खतरा बढ़ा
जिले में लगातार हो रही बारिश की वजह से परमान, बकरा, कनकई, भुलवा, कोसी जैसी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. यही नहीं, कई इलाकों में कटाव भी शुरू हो गया, जिसकी वजह से खतरा और भी बढ़ गया है. सतभीटा गांव का 12 और 13 नंबर वार्ड पूरी तरह नदी में समाता जा रहा है. स्थानीय लोगों की मानें तो पिछले कई सालों से यहां की स्थिति ऐसी ही है. हर साल बकरा नदी से उनके गांव में कटाव बढ़ता जा रहा है, जिसकी वजह से लोग विस्थापित होकर भागते जा रहे हैं.

अररिया
नदी में समाता गांव

सरकार से लगाई मदद की गुहार
गांव के लोगों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. गांव से बाहर जाने के रास्ते बकरा नदी में समा गए हैं. इस वजह से खाने-पीने की भी काफी दिक्कत हो गई है. लोग कटान भरे रास्ते से जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं. महिलाओं ने बताया कि वे सभी डर-डरकर रात बिता रही हैं. सभी को इस बात का डर सता रहा है कि कभी भी उनका मकान कटकर नदी में समा सकता है.

नदी के कटान से खतरा

लोगों में आक्रोश
इस बाबत गांव के लोगों में प्रशासन को लेकर काफी आक्रोश है. लोगों ने कहा है कि कई बार कटाव की सूचना देने के बाद भी प्रशासन ने अबतक कोई कार्रवाई नहीं की है. स्थानीय जनप्रतिनिधि भी सिर्फ चुनाव के समय वोट मांगने आते हैं, और सिर्फ वादे करके चले जाते हैं. वहीं, चुनाव जीतने के बाद अपने सारे वादे भूल जाते हैं.

अररिया: जिले में मूसलाधार बारिश की वजह से दर्जनों नदियां उफान पर है. कई इलाकों में नदी के कटान से लोग बेघर हो गए हैं. बारिश ने आवागमन को पूरी तरह से बाधित कर दिया है. अररिया प्रखंड में स्थित सतभीटा गांव कटाव की वजह से नदी में समाता जा रहा है. यहां ऐसी स्थिति है कि लोगों के पास अपनी जमीन तक नहीं रह गई है.

नदी के कटाव से खतरा बढ़ा
जिले में लगातार हो रही बारिश की वजह से परमान, बकरा, कनकई, भुलवा, कोसी जैसी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. यही नहीं, कई इलाकों में कटाव भी शुरू हो गया, जिसकी वजह से खतरा और भी बढ़ गया है. सतभीटा गांव का 12 और 13 नंबर वार्ड पूरी तरह नदी में समाता जा रहा है. स्थानीय लोगों की मानें तो पिछले कई सालों से यहां की स्थिति ऐसी ही है. हर साल बकरा नदी से उनके गांव में कटाव बढ़ता जा रहा है, जिसकी वजह से लोग विस्थापित होकर भागते जा रहे हैं.

अररिया
नदी में समाता गांव

सरकार से लगाई मदद की गुहार
गांव के लोगों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. गांव से बाहर जाने के रास्ते बकरा नदी में समा गए हैं. इस वजह से खाने-पीने की भी काफी दिक्कत हो गई है. लोग कटान भरे रास्ते से जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं. महिलाओं ने बताया कि वे सभी डर-डरकर रात बिता रही हैं. सभी को इस बात का डर सता रहा है कि कभी भी उनका मकान कटकर नदी में समा सकता है.

नदी के कटान से खतरा

लोगों में आक्रोश
इस बाबत गांव के लोगों में प्रशासन को लेकर काफी आक्रोश है. लोगों ने कहा है कि कई बार कटाव की सूचना देने के बाद भी प्रशासन ने अबतक कोई कार्रवाई नहीं की है. स्थानीय जनप्रतिनिधि भी सिर्फ चुनाव के समय वोट मांगने आते हैं, और सिर्फ वादे करके चले जाते हैं. वहीं, चुनाव जीतने के बाद अपने सारे वादे भूल जाते हैं.

Intro:जिले में मूसलाधार हो रही बारिश के कारण दर्जनों नदियां उफान पर कई इलाकों में नदी के कटान से लोग हुए बेघर आवागमन पूरी तरह से हो गया बाधितBody: जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जिले की कई नदियां उफान पर हैं। जिनमें परमान, बकरा, कनकई, भुलवा, कोसी जैसी नदियां खतरे के निशान से ऊपर हैं । इससे भी ज्यादा खतरा अब कई इलाकों में कटाव का होगया है । अररिया प्रखंड के सतभीटा गांव का नजारा ऐसा है जो आपको भयभीत कर देगा क्योंकि लगातार कटान से सतभीटा गांव का 12 और 13 नंबर वार्ड पूरी तरह से नदी में समाता जा रहा है । यहां के लोगों ने बताया कि यह स्थिति कोई आज की नहीं बल्कि पिछले कई सालों से होती आरही है । हर साल बकरा नदी से हमारा गांव काटता जारहा है और लोग विस्थापित होकर भागते जा रहे हैं । अब स्थिति यह उत्पन्न हो गई है कि लोगों के पास अपना जमीन तक नहीं जो उसमें घर बनासके इसको लेकर कई लोगों ने अपनी समस्या बताई और इस पर कहा कि सरकार तक हमारी बात को पहुंचाएं ताकि हम लोग अपने आप को सुरक्षित कर सकें । सतभीटा गांव से दूसरे जगहों तक जाने का रास्ता नहीं है । सड़क बकरा नदी में समा गए हैं । लोगों को आवागमन के साथ खाने पीने के सामान की भी काफी मुसीबत होरही है । क्योंकि आवागमन के लिए रास्ता होना चाहिए जो कि यहां पूरी तरह से कटकर नदी में समा गया है । लोग पानी में और उसी तरह कटान भरे रास्ते से जान हथेली पर लेकर आवाजाही कर रहे हैं । मकान कभी भी ध्वस्त हो सकते हैं । महिलाएं बताती हैं कि हम लोग डर डर कर रात बिता रहे हैं क्योंकि डर लगता है कि कभी भी हमारा मकान कटकर नदी में समा जाएगा ।
बाइट - मुन्नी, पीड़ित महिला ।
बाइट - मो.रफ़ीक, सतभीटा ।
बाइट - मो.शाबीर, सतभीटा ।
Conclusion:इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि प्रशासन की ओर से अभी तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया जिसकी वजह है कि लोगों में आक्रोश पनपता जा रहा है ।
नाहीं प्रशासन इसपर कुछ कहना चाहता है ।
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